जिन्ना साहब की शख्सियत इतनी बेमीशल बन गई
की भाजपाई गलियारे की फिजा बदल गई
जसवंत साहब ने किताब का ग़दर क्या मचाया
पहले तो खुद को (जसवंत जी )
अब अडवानी जी को भी फसाया
जिन्ना साहब की ...................................
अंदरूनी उठापटक मैं सब शरिख हो गए
देखो भाजपा के मुर्दों मैं भी जान ड़ल गई
मीडिया को भी कुछ नया कम मिल गया
ब्रेकिंग न्यूज़ का खजाना एक बार फिर खुल गया
जिन्ना साहब की ....................................
बापू ये सब देखकर हेरान हो रहे
किस किस को चुप कराये अब तो सब रो रहे
कांग्रसियों ने जरुर अनुशसासन दिखया
संघ अभी तक बिच मैं नहीं आया
जिन्ना साहब की ...................................
वास्तविक इंडिया के आगामी अंक मई मेरी और से प्रकाशित
30.8.09
जिन्ना साहब की शख्सियत इतनी बेमीशल बन गई
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