सभी भडासी बंधुओ को सत् सत् नमन ,
आज काफी दिनों बाद कुछ लिखने की इच्छा हुई |
इसी इच्छा से यद् आया जीवन में कुछ पाने की इच्छा से, जीवन में कुछ करने की इच्छा से, मुझे याद हे वो दिन जब अचानक मैंने सामने से गुजरती हुई एक लक्जरी कार देखि, नजदीक में बेठे एक मित्र से रहा न गया और क्योकि उसने मेरे ध्यान को शयद पड़ लिया था. फिर क्या था उसने मेरे ध्यान पर एक कचिता कसा और मेरी हसी उडाते हुआ कहा क्या इस कार को लेने वाले हो पहले तो मेने इसे मजाक समजकर ठहका लगाया, और फिर निरंकुश ही एक अजीब सा बदलाव आस पास के वातावरण में महसूस किया, वरल ही मेने महसूस किया मेरे सरे मित्र मुझ पर हस रहे थे, क्योकि सभी जानते थे मेरा " हाल ऐ दिल " और तंग जेब की कहानी|
4.10.09
जीवन में कुछ पाने की इच्छा से..............
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