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11.2.10

पुलिस के कारनामे

पुलिस के कारनामे जिस तरह आए दिन जनता के सामने आ रहे हैं उससे जनता का विश्वास खाकी से उठता जा रहा है। गंगोह थाने में जिन दो युवकों को ग्रामीणों ने सौंपा था। थाने में पुलिस ने उन्हें मुठभेड़ में गिरफ्तार दिखा जेल भेज दिया। एसएसपी ने मामले की जांच सीओ को सौंप दी है। कोतवाली गंगोह की कार्यप्रणाली से त्रस्त सैंकड़ों महिला पुरुष बुधवार को पुलिस लाइन में एसएसपी कार्यालय पहुंचे। इन सभी ने गंगोह पुलिस पर बेगुनाह लोगों को जेल भेजने के आरोप लगाए। गांव झाड़वन के पूर्व प्रधान मुस्तकीम ने बताया कि 3 फरवरी को थानाध्यक्ष ने गांव के ही गय्यूर पुत्र किताबू व गालिब पुत्र रूकमा तथा सरवर पुत्र रकीबू को थाने पर बुलवाया था। वह स्वयं गांव के कुछ प्रमुख लोगों के साथ गय्यूर व गालिब को थाने लेकर पहुंचे। बुलाने का कारण पूछने पर थानाध्यक्ष ने बताया कि साजिद के कत्ल के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। इसके बाद से ग्रामीण थाने जाकर दोनों के बारे में जानकारी करते रहे। परंतु थानाध्यक्ष यह कहकर टालते रहे कि अभी पूछताछ चल रही है। बाद में छोड़ दिया जाएगा। गय्यूर के भाई शाहदीन ने एसएसपी के सामने आरोप लगाया कि 4 माह पूर्व मैनपुरा गांव के साजिद की हत्या का सुराग लगाने में विफल पुलिस ने इन दोनो युवकों को बेगुनाह फंसाया है। दोनों युवकों को छह फरवरी की रात 9 बजे एक फर्जी मुठभेड़ में गिरफ्तार दिखा 7 फरवरी को धारा 307 व 25 आ‌र्म्स एक्ट में जेल भेज दिया। आरोप लगाया कि पुलिस ने दोनों युवकों की इतनी बेरहमी से पिटाई की है कि संभव है उनकी मौत हो जाए। ज्ञात हो कि चार माह पूर्व साजिद की हत्या जुगाड़ वाहन लुटने के बाद कर दी गई थी। गय्यूर व गालिब ने भी पिछले दिनों एक जुगाड़ वाहन कैराना के मंडावर गांव से खरीदा था। जिस व्यक्ति से यह खरीदा था उसने भी पुलिस के सामने यह गवाही दी थी यह उसने 70 हजार रुपये में बेचा है। मगर पुलिस ने उनकी नहीं सुनी और दोनो को जेल भेज दिया।
एसएसपी अमित चंद्रा ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। मामले की सच्चाई जानने के लिए इसकी जांच तुरंत ही सीओ नकुड़ को सौंप दी है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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