नमस्कार दोस्तों आज बहुत दिनों बाद कुछ किया दरअसल इसे लिखने में समय लगा और कुछ जीवन के व्यस्तताओं में समय निकल पाना मुस्किल रहा उसके लिए छमा करना
आपका अपना - :- अनुज शर्मा "pndit"
अगर आपको इसमें से कोई पंक्ति आपके मन को छु जाये तो ज़रूर बताना । मुझे आपके अनुभवो का इंतजार रहेगा.....
---: anujprincek@yahoo.com
कविता के सभी अधिकार सुरछित है ....अनुज शर्मा "Pndit"
4 comments:
Waah! Kitni Achchi Bhavnaayen hain is kavita me...
"राम"
बहुत अच्छा लिखा है आपने सचमुच मां अहसास है सकून का ।
sach kaha aapne
maa k bina is srishti i kalpana adhoori hai...
माँ के बारे में जितना लिखा जाये उतना ही कम है। वैसे भी दुनिया के हर कवि की शुरूआत माँ के बारे में लिखने से ही हुई है....सुन्दर भावनामयी कविता...."
प्रणव सक्सैना
amitraghat.blogspot.com
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