Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

11.9.10

योगदान हेतु



नमस्‍कार महोदय

पिछले कई महीनों से ब्‍लाग जगत पर संस्‍कृत के उत्‍थान के लिये पूरी तरह से समर्पित होने पर भी संस्‍कृत का कोई विशेष प्रभाव नहीं दिखा ।
अत: संस्‍कृत के शीघ्र और सम्‍यक प्रचार और प्रसार के लिये मैंने एक युक्ति सोंची है ।
मुझे आशा नहीं अपितु प्रबल विश्‍वास है कि हमारे इस प्रयास से संस्‍कृत अति द्रुत गति से ब्‍लाग जगत पर प्रसार को प्राप्‍त होगी ।
यह प्रस्‍ताव आप के समक्ष रखना चाहता हूँ , हो सके तो इसमें योगदान करके संस्‍कृत के प्रसार में सहयोग दें ।

हॉंलांकि ब्‍लाग जगत पर प्रत्‍येक लेखक के पास समय की कमी है,
वो अपना समय फालतू जाया नहीं कर सकता अत: मैं ऐसा कोई दुराग्रह नहीं करने जा रहा हूँ ।
मैं आपसे केवल वही निवेदन करूँगा जिसमें आपका समय के नाम पर पूरे एक सप्‍ताह में कहीं दो मिनेट लगेगा ।
संस्‍कृत भाषा के प्रसार के लिये हम अपना इतना समय तो दे ही सकते हैं ।

प्रस्‍ताव यह है
कि आप सभी संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् ब्‍लाग के लेखक बनें ।
आपको अधिक कुछ नहीं करना होगा ।
हम सभी को कुछ न कुछ श्‍लोक याद जरूर होते हैं ,
हर व्‍यक्ति जो संस्‍कृत चाहे बोल पाता हो या नहीं किन्‍तु संस्‍कृत के दो चार श्‍लोक अपने दैनिक पूजा में ही प्रयोग कर जाता है ।
आपको करना बस यह है कि सप्‍ताह या दो सप्‍ताह में केवल एक श्‍लोक मात्र संस्कृत में लिख कर इस ब्‍लाग पर पोस्‍ट करना है ।
इससे संस्‍कृत के लेख ब्‍लाग जगत पर अनवरत दिखने लगेंगे साथ ही आप को न कोई खास मेहनत करनी पडेगी और न ही अधिक समय देना पडेगा ।

मैं आपको ब्‍लाग लेखन के लिये आमन्‍त्रण का लिंक भेज रहा हूँ
कृपया मेरा ये अनुरोध अवश्‍य स्‍वीकार करें
मेरे लिये न सही, अपनी संस्‍कृत भाषा के लिये आपसे इतना सा निवेदन कर रहा हूँ ।
आशा है आप न नहीं करेंगे ।

आपका -
आनन्‍द
(संग्राहक प्रमुख)
(संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम्)

No comments: