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4.11.10

उत्तराखंडः चमोली में मुख्यमंत्री ने किया कृषि मेले का उदघाटन


देहरादून/चमोली,04 नवंबर। मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘ ने गुरूवार को गैरसैण (चमोली) पहुंचकर कृषि उद्यान विकास मेला 2010 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. निशंक द्वारा 67.82 लाख रुपये धनराशि की लागत से बने विकासखण्ड कार्यालय भवन का लोकार्पण, राजकीय इण्टर कालेज बछवाबांण 91.81 लाख रुपये की लागत तथा श्यामा प्रसाद मुखर्जी अभिनव विद्यालय 11 करोड़ 26 लाख रुपये की लागत से बनने वाले भवनों का शिलान्यास किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने गैरसैंण मैदान के सुदृढ़ीकरण हेतु 20 लाख रुपये, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर भवन हेतु 05 लाख रुपये, महिला समूह के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले बच्चो को एक लाख रुपये तथा मेहलचौरी मिनी स्टेडियम को बनाने की घोषणाएं भी की।

मेले के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि सरकार गांवों के विकास पर ज्यादा ध्यान दे रही है, ताकि गांवों से पलायन न हो सके और ग्रामीणों को गांवों में ही रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को पर्यटन और आयुष के साथ ही ऊर्जा प्रदेश बनाने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी यात्रा वर्ष 2012 में आयोजित होने वाली श्री नन्दादेवी राजजात को महाकुंभ की तर्ज पर आयोजित करने के लिए शासन-प्रशासन ने कमर कस ली है तथा श्री नंदादेवी राजजात यात्रा को भी कुम्भ की तर्ज पर पूर्ण किया जायेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि विजन 2020 के पांच सूत्र समृद्ध, शिक्षित, स्वस्थ, सुसंस्कृत एवं हरित उत्तराखण्ड बनाने में सरकार निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि यह भूमि मेरी कर्मभूमि है, और इसके पूर्ण विकास के लिए मैं हमेशा आगे रहूंगा। इस अवसर पर उन्होंने सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित प्रदर्शनियों का भी निरीक्षण किया तथा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले विभागों को पुरस्कृत करने हेतु जिलाधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जैव प्रौद्योगिकी में उत्तराखण्ड एक उभरता राज्य है। कृषि पर्यावरण, उद्योग, बौनी प्रजाति जैव प्रौद्योगिकी की दिशा में यहां पर तेजी से कार्य होने का प्रबंधन प्रारम्भ हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को पूरे देश में देवभूमि होने का गौरव प्राप्त है। भारत ही नहीं विश्व के अधिकांश लोकप्रिय और श्रद्धा के केन्द्र उत्तराखण्ड में है। उत्तराखण्ड की संस्कृति के प्रमुख आधार यहां के देवी-देवता, श्रद्धा, विश्वास और हर्षोंल्लास के साथ मनाए जाने वाले तीज-त्यौहार, मेले है, जिनका आंचलिक साहित्य में निरूपण अत्यावश्यक है।

मुख्यमंत्री डॉ. निशंक ने कहा कि सरकार ने अटल आदर्श ग्राम योजनाओं की तरह अन्य योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के सर्वांगीण विकास का बीड़ा उठा लिया है। विकास की अनुपम पहल के तहत विभिन्न योजनाएं शुरू की गई है, जिन पर क्रियान्वयन भी शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि 108 आपात सेवा की बढ़ती लोकप्रियता एवं महत्व को देखते हुए वर्तमान आपदा की परिस्थितियों से निपटने के लिए भी इसे हेल्पलाइन नम्बर के रूप में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वयं सहायता समूह के जरिये प्रदेश में स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री शिल्प विकास योजना का उद्देश्य प्रदेश के बीपीएल परिवारों के शिल्पकारों के कौशल वृद्धि, शिल्प डिजाइनिंग प्रशिक्षण देकर स्वरोजगगार के लिए प्रेरित करना है। इसके साथ ही यह योजना शिल्पकारों को उद्यमिता विकास से जोड़ने के साथ ही उनके लिए विपणन व्यवस्था भी सुनिश्चित करायेगी। उन्होंने बताया कि योजना के अन्तर्गत शिल्पकारों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास संस्थान की होगी।

इस मौके पर कर्णप्रयाग विधायक एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम के अध्यक्ष अनिल नौटियाल ने भी विचार व्यक्त किये तथा विभिन्न मांगे रखी। कार्यक्रम में ब्लॉक प्रमुख गैरसैंण श्रीमती जानकी रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद डिमरी, भाजपा पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि सहित जिला स्तरीय अधिकारी एवं हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।

प्रस्तुति---धीरेन्द्र प्रताप सिंह देहरादून

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