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3.1.11

ek naye shodh ki jaroorat

एक नए शोध की आवश्यकता है .भ्रष्टाचारी और ह्रदय रोग .जब भी कोई भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा जाता है उसके दिल में दर्द शुरू हो जाता है .ऐसा क्यों होता है ? यही शोध क़ा विषय होना चाहिए .जिस जनता क़ा शोषण कर ये लोग इतना बड़ा रोग पाल लेते है वो जनता इनके पकडे जाने पर यह आस भी नहीं रख पाती कि अब भ्रष्टाचार क़ा भांडा फूटेगा मगर कमबख्त भ्रष्टाचारी क़ा ह्रदय बीच में आ जाता है और सारा मजा किरकिरा हो जाता है .इतना पैसा तिजोरियों में छुपा कर रखना भी तो आसान बात नहीं न !इतने भेद ! इतने झूठ  ! आखिर दिल तो दर्द करेगा ही .मेरा सभी शोधार्थियों से नम्र निवेदन है कि इस खास विषय पर गहन शोध कीजिये .सफल होने पर शायद नोबेल पुरस्कार तक मिल जाये .मेरी शुभकामनाये आप सभी के साथ है .

2 comments:

अजित गुप्ता का कोना said...

विचारणीय ब्रिन्‍दु।

Shalini kaushik said...

vichar achchhe hain shodh to hona hi chahiye...