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17.3.11

होली मुबारक...

भारतीय पर्व समाज में सद्भाव के प्रतीक हैं
आपके मंगलमय और खुशनुमा भविष्य की कामना के साथ....
पेश है तहसीन मुनव्वर साहब का कलम...


अंग-अंग में जंग
मची है
अमन की तोप चला दो रे प्रीतम,

आज है होली, प्रेम की बोली
फिर से सुना दो रे प्रीतम,

दुनिया के सब रंग हैं झूठे
लग लग तन पर सारे छुटे,

जीवन भर जो छूटे नाही
ऐसा रंग लगा दो रे प्रीतम!!!





होली की ढेरों अग्रिम मुबारकबाद और शुभकामनाएं !!!!!

आपके दुआओं का तलबगार ....
एम अफसर खान सागर
09889807838

3 comments:

Kailash Sharma said...

बहुत सार्थक सन्देश..होली की हार्दिक शुभकामनायें!

ब्रजकिशोर सिंह said...

vah miyan,adbhut.holi mubarak.

योगेश चन्द्र उप्रेती said...

होली है भाई होली है