शंकर जालान
कोलकाता, राज्य में विधानसभा चुनाव का एलान हो गया है। छह चरणों में होने वाले मतदान की शुरुआत 18 अप्रैल से होगी और अंतिम चरण का मतदान 10 मई को होगा। मतगणना 13 मई को होगी। मजे की बात यह है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाजपा समेत अन्य राजनीति दलों की निगाह इनदिनों विरोधी खेमों की रणनीति पर टिकी है। हालांकि इन सबसे अलग वाममोर्चा ने रविवार को अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। राज्य के कुल 294 विधानसभा सीटों में से वाममोर्चा ने रविवार को 292 उम्मीदवारों का एलान कर दिया। शेष दो सीटों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा बाद में की जाएगी। पहले चरण के लिए 24 मार्च से नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी। इस बीच भाजपा से 106 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस के बीच गठजोड़ पर समाचार लिखे जाने तक सहमति नहीं बन पाई थी। दोनों दल अपनी-अपनी बातों पर अड़िग है। कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर अपने पत्ते खोलने से कतरा रहे हैं। फिलहाल दोनों पार्टियों के नेता अपने खेमे से ज्यादा विरोधी खेमे की रणनीति पर गौर किया जा रहा है। मालूम हो कि कोलकाता में मतदान 27 अप्रैल को होना है। इस लिहाज से तैयारियों का वक्त हो चुका है, लेकिन अभी तक कोई भी पार्टी चुनावी रणनीति के संबंध में अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। सबसे ज्यादा कौतूहल कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठजोड़ व उसके संभावित उम्मीदवारों को लेकर है। लेकिन इस मुद्दे पर दोनों ही पाटिर्यों में खामोशी देखी जा रही है। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं और कई नाम सामने आ रहे हैं। चर्चा है कि इस बार तृणमूल कांग्रेस प्रमुख कुछ नामचीन हस्तियों को जिले के विभिन्न क्षेत्रों से उम्मीदवार बना सकती है, जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी। चर्चा है कि इन सीटों पर फिल्म जगत या रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। राजनीति के जानकारों का कहना है अब तक हुई चर्चा और बातचीत के मुताबिक कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठजोड़ की संभावना कम नजर आ रही है। संभवत: कोलकाता नगर निगम चुनाव की तरह ही कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में भी एक-दूसरे के विरोध में चुनावी मैदान में उतरेंगे, जिसका सीधा फायदा वाममोर्चा के उम्मीदवारों को होगा। जानकारों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस गठजोड़ के मुद्दों को सिर्फ इस लिए टाल रही है कि वाममोर्चा अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दे। ताकि उसके आधार पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार करने में सहयोग मिल सके। जानकारों के मुताबिक ममता बनर्जी वाममोर्चा की सूची को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों की सूची तैयार करेगी ताकि वह अल्पसंख्यक, महिला और अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को उम्मीदवार बनाने में वाममोर्चा को पछाड़ सके।
14.3.11
विरोधी खेमों की रणनीति पर टिकी है राजनीति दलों की निगाह
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