स्वामी जय लोकपाल हरे !
लोकपाल भगवान के अन्ना बने पुजारी ;
भगवन ! तुम रक्षा करो ;बढ़ गए भ्रष्टाचारी ,
''कमल'' चढ़ावत चरण में ;तुम्ही आस हमारी ,
''हाथ '' साथ न देत है ;विपदा पड़ गयी भारी.
शिखा कौशिक
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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1 comment:
ek bar fir shandar prastuti.ab to isi ki aadat see ho gayee hai.shikha ji aabhar.
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