राहुल गाँधी जी के बयान पर तूफ़ान -एक षड्यंत्र
राहुल गाँधी जी के हर बयां को लेकर जो तूफ़ान खड़ा कर दिया जाता है वो हमारे समाज को दिशाहीनता की ओर अग्रसर करने वाले विपक्षी नेताओं व् बुद्धिजीवियों का षड्यंत्र ही नजर आता है.''कब तक महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगोगे या पंजाब में जाकर काम ?'' बयान के पीछे उनकी भावना केवल उत्तर प्रदेश के विकास की अवरूद्ध गति को गति प्रदान करने की थी न कि उत्तर प्रदेश के नागरिको का अपमान करने की भावना या देश में विघटन -क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने की भावना .पर देखने में आता है कि स्वयं को चर्चा में लाने के लिए अवसरवादी नेता राहुल जी के बयानों को गलत मोड़ देकर जनता को भड़काने का प्रयत्न करते हैं .केवल राहुल जी ही नहीं अनेक बड़े नेता इस दुश्प्रवर्ती का शिकार होते रहते हैं . मीडिया को चाहिए कि ऐसे अवसरवादी नेताओं के बयानों को ज्यादा महत्त्व न देकर सकारात्मक भूमिका निभाते हुए समाज के सामने सटीक ख़बरों को ही प्रस्तुत करे .''भीख मांगना '' हमारी भाषा में अपने स्वाभिमान को एक ओर रखकर कोई काम करना भी है ..केवल कटोरा हाथ में लेकर भीख मांगना नहीं .अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश के नागरिकों के साथ जो व्यव्हार किया जाता है उसे कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति स्वीकार नहीं कर सकता पर अपने प्रदेश में जब रोजगार न मिले तो क्या करे ? इसलिए राहुल जी ने जो शब्द कहे हैं वो केवल हमारा दर्द जानने वाला नेता ही कह सकता है .इस लिए उनके बयान को मुद्दा बनाकर स्वार्थ की रोटी सकने वालों को अपने इस कर्म पर शर्मिंदा होना चाहिए .जनता का हित देखने वाले ऐसा कर्म नहीं कर सकते .
शिखा कौशिक
[विचारों का चबूतरा ]
6 comments:
आपने बात सही कही है, मगर ऐसा कहने पर आपको कांग्रेसी करार दे दिया जाएगा, आप जानती हैं कि नेहरू गांधी खानदान के लोगों के साथ लोग कैसे शब्दों का इस्तेमाल करते आए हैं
you are very right TEJVANI JI .on NBT some readers have blamed me .who cares?
you are very right TEJVANI JI .on NBT some readers have blamed me .who cares?
Shikha ji , aapka kathan sarvatha satya hai . Isee tarah ki rajneeti se hamare desh ki rajneeti star nimn se nimn hota chala gaya aur vishva me hamari koi saakh nahi hai . Hame koi kuchh nahi ginta .
priyasampadak@gmail.com
thanks ugra nath ji .i have written this article to expose dirty intentions of opportunistic leaders but some readers blamed me that i have written this for money and i am a ''GHATIYA''[WROST] WRITER .THIS IS THE THINKING OF OUR GREAT READERS .shame on them.what else i can say ?
तो क्या subhramanyam साहब के सारे आरोप झूठे हैं.
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