कहाँ है न्याय ?
महिला दिवस के दिन ही महिला आई ,ए .एस . अफसर मधु शर्मा को विधवा बना दिया गया !
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आम इन्सान की बिसात क्या , जब इस देश में महिला आई ,ए .एस . अफसर मधु शर्मा के आई पी एस पति के टीक उसी दिन हत्या कर दी गयी जिस दिन महिला दिवस -----
पर थोथे वादे कर महिलाओं के नाम पर अपनी दुकानें चलने वाले अपने अपने गाल बजा रहे थे .जब एक आई पी एस अफसर को दिनदहाड़े खुले आम मारा जा सकता है तब आम आदमी की क्या बिसात ?
अफसर की विधवा जो खुद भी आई ,ए .एस . अफसर है , जिसे खून के आंसू पीने को मजबूर कर दिया गया है , किस से न्याय की उम्मीद कर सकती है और किसे न्याय दे सकती है , जब उसे खुद न्याय नहीं मिल पा रहा है .
कितनी संवेदनहीन है म.प्र की सरकार और उसके चलाने वाले .
( चित्र में महिला आई ,ए .एस . अफसर मधु शर्मा जिसे अब विधवा बना दिया गया है )
2 comments:
सरकारें बुनियादी तौर पर संवेदन हीन ही होतीं हैं .यह एक नियम है अपवाद नहीं .यहाँ सरकार में माफिया है या माफिया में सरकार यह भी पता नहीं चलता .ऐसे में एक ईमानदार कर्तव्य निष्ठ अफसर क्या करे ?यहाँ धींग की लाठी है राजनितिक संरक्षण है .पुलिस को भी इसी नाकारा व्यवस्था की हिफाज़त में हजम कर चुकी है राजनीति .दुखद है उनका सरे आम कुचला जाना नपुंसक तंत्र के पुर्जों द्वारा .
how can we say that we have a democratic country ?
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