मेरे प्रिय विराट हिंदु परिवार के सदस्यों ,
होलिका -दहन की कथा तो आप जानते ही होंगे । अतः यह पर्व भी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है । पर क्या इस जीत के लिए हम कुछ करते हैं ? क्या हम भगवान् श्रीकृष्ण से कुछ सीखने की कोशिश करते हैं ? शायद नहीं। बरना उस दिन पागलों की तरह नशे में धुत पड़े रहने और अनाप शनाप बकने को ही उस दिन की सार्थकता नहीं समझते ।
आज हमारे राष्ट्र एवं पूरी मानवता पर भ्रष्टाचार एवं अनैतिकता का खतरा मंडरा रहा है । इस भयंकर स्थिति का भान उन्हें कम है जो इसी में अनुकूलित हो गए हैं । पर भान कम होने से ख़तरा टल नहीं जाता । उसके खिलाफ तो लड़ना ही पड़ता है । श्रीकृष्ण ने यह नहीं कहा कि युद्ध से भागो । उन्होंने तो यह कहा कि फल की परवा किये बिना लड़ो ।
इस होली के अवसर पर अच्छाई की जीत के लिए दत्तचित्त होकर लड़ने का संकल्प लें ।
6.3.12
होली को संकल्प दिवस के रूप में मनाएं
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