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7.3.12

एक त्यागी तपस्वी का सार्वजनिक सम्मान

     


प्रिय भाडासी सदस्यों , 


मैंने आज ही अपने भड़ास सदस्य के महा बलिदान के बारे में पढ़ा:  जिसने मेरे दिल को छू लिया , कैसी पीड़ा हैं उनके शब्दों में , हमें उनसे पूरी सहानुभूति है . 


उन्होंने लिखा है : 



एकपत्नीव्रत

कविता

* मैं एकपत्नीव्रत का समर्थक हूँ
मैं सदा एकपत्नीव्रत रहा ।
बीस वर्ष की उम्र में मेरा विवाह हुआ
२० से ३० तक मैं एकपत्नीव्रत रहा ,
फिर ३० से ४० तक मैं एकपत्नीव्रत रहा ,
और ४० से ५० तक एकपत्नीव्रत रहा ,
तथा ५० से ६० तक एकपत्नीव्रत।
अब ६० के बाद भी मैं
एकपत्नीव्रत का निर्वाह कर रहा हूँ ।
मैं सदा एकपत्नीव्रत रहा ।
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मेरी टिपण्णी : 
(क्या आप,  उपरोक्त लेखक का उनके त्याग के लिए सार्वजनिक , एवं राष्ट्रीय सम्मान का अनुमोदन करते हैं : )



वाह क्या बात हैं , ये देश , समाज सदा आपका ऋणी रहेगा, इस त्याग , तपस्या और मन के नियंत्रण के लिए, 


मुझे मालुम है ऐसा कर पाना किसी किसी साधारण पति  के लिए कितना कठिन होता है . 


काश इस देश का हर व्यक्ति आपके नक़्शे कदम पर चल कर इससे कुछ शिक्षा ले पाता . 


कम से कम महावीर चक्र नहीं तो वीर चक्र के लिए तो हमें सरकार से अनुशंषा करनी चाहिए , 


ऐसे त्यागी आजकल कहाँ मिलते हैं, जो विकलांग, झगडालू , बदसूरत, बाँझ पत्नी के साथ भी एकपत्नीव्रत का पालन करें . मेरे विचार से इनके  साथ तो  एसी कोई वजह तो नहीं रही होगी, इस महात्याग कि . कोई विशेष वजह ही रही होगी. सुन्दर अनुकूल पत्नी के साथ तो कोई इतनी दर्द भरी कविता नहीं लिखेगा . 


हम सब भड़ास परिवार के सदस्य आपका इस तपस्या के लिए सम्मान करते हैं .

काश में भी ऐसा कर पाता . और सब भडासी भी ऐसे कर पाते . 


अशोक गुप्ता  , दिल्ली 
यदि आप मेरी टिपण्णी से सहमत या असहमत हैं तो कृपा लिखें . 


कुछ और टिप्पणिय जो उन्हें मिली हैं : जिनसे इनके त्याग कि गरिमा  के बारे में मुझे विचार आया . 



शिखा कौशिक said...

jai ho ek patni vrat dharan karne vale in mahanubhav ki ?
हिंदी : जय हो, एक पत्नी व्रत धारण करने वाले इन महानुभाव कि .

भगवान इनकी पत्नी को भी लंबी आयु व् धैर्य प्रदान करे, ऐसे त्यागी पति की पत्नी होने पर.


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