बरखा दत्त के ईशारे पर भडास फॉर मीडिया के सम्पादक यशवंत सिंह को झूठे केस मे गिरफ्तार किया गया है |
मित्रों, कई पत्रकारों ने अपनी तहकीकात मे पाया की असल मे यशवंत सिंह को बरखा दत्त ने अपने रुसूख का इस्तेमाल करके जेल भिजवाया है | [Link:http://alturl.com/6pkbc]
क्योकि बरखा दत्त और निरा रडिया के सारे टेपों को किसी भी मीडिया ने एनडीटीवी और केन्द्र सरकार के दबाव मे आकर नही दिखाया और नही सुनाया ..लेकिन हिम्मती और जुनूनी यशवंत सिंह ने अपनी साईट पर न सिर्फ बरखा दत्त की दलाली करती निरा रडिया से बातचीत बल्कि अमर सिंह के सभी टेपों को भी अपलोड किया और पूरी दुनिया ने इन्हें सुना .. और बेशर्म बरखा दत्त की असलियत पूरी दुनिया के सामने आ गयी ..
मित्रों, बरखा दत्त चूँकि असलियत मे पत्रकार नही बल्कि पत्रकार के भेष मे एक दल्ली और पैसे के लिए सब कुछ बेच देने वाली महिला है .. इसलिए उसका स्वभाव रहा है की वो अपने खिलाफ बोलने वालो से चुन चुन कर बदला लेती है ..
[ बरखा दत ? http://alturl.com/ngu6z ]
मित्रों, कई पत्रकारों ने अपनी तहकीकात मे पाया की असल मे यशवंत सिंह को बरखा दत्त ने अपने रुसूख का इस्तेमाल करके जेल भिजवाया है | [Link:http://alturl.com/6pkbc]
क्योकि बरखा दत्त और निरा रडिया के सारे टेपों को किसी भी मीडिया ने एनडीटीवी और केन्द्र सरकार के दबाव मे आकर नही दिखाया और नही सुनाया ..लेकिन हिम्मती और जुनूनी यशवंत सिंह ने अपनी साईट पर न सिर्फ बरखा दत्त की दलाली करती निरा रडिया से बातचीत बल्कि अमर सिंह के सभी टेपों को भी अपलोड किया और पूरी दुनिया ने इन्हें सुना .. और बेशर्म बरखा दत्त की असलियत पूरी दुनिया के सामने आ गयी ..
मित्रों, बरखा दत्त चूँकि असलियत मे पत्रकार नही बल्कि पत्रकार के भेष मे एक दल्ली और पैसे के लिए सब कुछ बेच देने वाली महिला है .. इसलिए उसका स्वभाव रहा है की वो अपने खिलाफ बोलने वालो से चुन चुन कर बदला लेती है ..
[ बरखा दत ? http://alturl.com/ngu6z ]
मशहूर ब्लॉगर और पत्रकार यशवंत सिंह को
अखिलेश सरकार (Mulla Govt.) ने भेजा जेल…
अभी -अभी खबर आई है कि साक्षी जोशी द्वारा दर्ज करवाए गए झूठे मामले में भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह की जमानत की अर्जी गौतमबुद्ध नगर के सुरजपुर कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्री ए बी सिंह ने खारिज कर दी । यशवंत सिंह को डासना जेल भेज दिया गया । वस्तुत: यह मुकदमा टीवी एवं प्रिंट मीडिया क्षेत्र में अधिकार जमाये कारपोरेट घरानो और नई मीडिया यानी वेब मीडिया के बीच टकराव का नतीजा है । हालिया समय मे वेब मीडिया ने पुरी दुनिया में अपनी निष्पक्षता और बेबाकी के कारण एक अलग पहचान कायम की है । मीडिया के सभी रुपों में मात्र वेब न्यूज पोर्टल हीं हैं जो एक दुसरे की खामियों को भी उजागर करते हैं । किसी भी चैनल पर दुसरे चैनल की खामिया तो दूर रही , नाम तक नही दिखाया जाता । वही हाल अखबारों का है। अखबार प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन आफ़ बुक एक्ट 1867 की धाराओं का रोज उल्लंघन करते हैं लेकिन उनके उपर कोई कार्रवाई नही होती है ठीक उसी प्रकार टीवी चैनल ड्रग एंड मैजिक रिमेडी ( ओबजेकशनेबल एडवर्जटाईजमेंट ) एक्ट 1954 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन करते हुये भ्रामक तथा चमत्कार दिखाने वाले अंधविश्वास को बढावा देने वाले विज्ञापन प्रकाशित करते हैं, परन्तु उनके उपर कोई कार्रवाई नही होती है ।
हालिया समय में वेब मीडिया ने अपनी निष्पक्षता और तथ्यपूर्ण खबरो के लिये प्रिंट मीडिया तथा टीवी चैनलो से इतर अपना स्थान बनाया है वही टीवी चैनलों की विश्वसनियता मे भी गिरावट आई है । टीवी चैनल तथा अखबार सिंडिकेट की तरह काम करते हैं । कोई भी टीवी चैनल या अखबार दुसरे टीवी चैनल या अखबार की गलती को नही प्रकाशित करता जबकि वेब मीडिया अपनी आलोचना को भी अपने पोर्टल पर प्रकाशित करते हैं । दुनिया के अंदर आ रहे बदलाव मे भी वेब पोर्ट्लों का सबसे बडा योगदान रहा है । चाहे मिस्त्र का सता परिवर्तन हो या अन्ना के आंदोलन पर सार्थक बहस की शुरुआत. निर्मल बाबा के विज्ञापन जब इन टी वी चैनल्स पर धड़ले से दिखाए जा रहे थे और देश की जनता से इन टी वी चैनल वालों की मिलीभगत के कारण सरे आम अरबों रुपये की ठगी हो रही थी तो निर्मलजीत नरूला की असलियत वेब मीडिया (मीडिया दरबार) ही सामने लाया था । अमेरिका का अक्यूपाई वाल स्ट्रीट आंदोलन वेब मीडिया की ताकत का सबसे बडा उदाहरण है । जहां टीवी चैनलो ने तथा अखबारो ने इस आंदोलन को कोई अहमियत नही दी , वहीं वेब मीडिया ने इसे पुरी दुनिया मे फ़ैलाने का काम किया । वेब मीडिया ने न्यूज चैनलों के पाखंड तथा अखबारो की कायरता एवं चटुकारिता को भी उजागर करने का कार्य किया है और यही कारण है कि आज यह टीवी तथा अखबारो का सबसे बडा दुश्मन है । वैसे भी एक सर्वे में यह बताया गया है कि आनेवाले 2040 तक अखबारों का कोई अस्तित्व नही रहेगा । वेब मीडिया ने टीवी तथा प्रिंट मीडिया के पाखंड तथा गलत कार्यो को प्रकाशित करने का कार्य किया है । इंडिया टीवी पर आने वाले अंधविश्वास को बढावा देने वाले विज्ञापनों की आलोचना हमेशा भडास पर आई है उसी का परिणाम है की बदले की भावना से प्रेरित होकर यशवंत सिंह के उपर यह झुठा मुकदमा किया गया है । वेब मीडिया ने भी इसे धर्म युद्ध के रुप मे लडने का निश्चय किया है । इस धर्म युद्ध में एक तरफ़ सत्य पर कायम वेब मीडिया है तो दुसरी तरफ़ अधर्म की लडाई लडने वाली कौरव सेना के रुप में शोषणकारी टीवी चैनल हैं । हम इस युद्ध को अंजाम तक पहुंचायेंगे । टीवी चैनलो को अपने उस दो नंबर के भुगतान का हिसाब न्यायालय में देना होगा जो वह केबल वालो को चुकाते हैं उनका चैनल दिखाने के लिये । यह काला धन टीवी चैनल वाले चुकाते है और इसके बारे मे टीवी चैनल के हीं नामी गिरामी पत्रकार पूण्य प्रसून वाजपेयी ने भी खुब लिखा है ।
अखिलेश सरकार (Mulla Govt.) ने भेजा जेल…
अभी -अभी खबर आई है कि साक्षी जोशी द्वारा दर्ज करवाए गए झूठे मामले में भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह की जमानत की अर्जी गौतमबुद्ध नगर के सुरजपुर कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्री ए बी सिंह ने खारिज कर दी । यशवंत सिंह को डासना जेल भेज दिया गया । वस्तुत: यह मुकदमा टीवी एवं प्रिंट मीडिया क्षेत्र में अधिकार जमाये कारपोरेट घरानो और नई मीडिया यानी वेब मीडिया के बीच टकराव का नतीजा है । हालिया समय मे वेब मीडिया ने पुरी दुनिया में अपनी निष्पक्षता और बेबाकी के कारण एक अलग पहचान कायम की है । मीडिया के सभी रुपों में मात्र वेब न्यूज पोर्टल हीं हैं जो एक दुसरे की खामियों को भी उजागर करते हैं । किसी भी चैनल पर दुसरे चैनल की खामिया तो दूर रही , नाम तक नही दिखाया जाता । वही हाल अखबारों का है। अखबार प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन आफ़ बुक एक्ट 1867 की धाराओं का रोज उल्लंघन करते हैं लेकिन उनके उपर कोई कार्रवाई नही होती है ठीक उसी प्रकार टीवी चैनल ड्रग एंड मैजिक रिमेडी ( ओबजेकशनेबल एडवर्जटाईजमेंट ) एक्ट 1954 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन करते हुये भ्रामक तथा चमत्कार दिखाने वाले अंधविश्वास को बढावा देने वाले विज्ञापन प्रकाशित करते हैं, परन्तु उनके उपर कोई कार्रवाई नही होती है ।
हालिया समय में वेब मीडिया ने अपनी निष्पक्षता और तथ्यपूर्ण खबरो के लिये प्रिंट मीडिया तथा टीवी चैनलो से इतर अपना स्थान बनाया है वही टीवी चैनलों की विश्वसनियता मे भी गिरावट आई है । टीवी चैनल तथा अखबार सिंडिकेट की तरह काम करते हैं । कोई भी टीवी चैनल या अखबार दुसरे टीवी चैनल या अखबार की गलती को नही प्रकाशित करता जबकि वेब मीडिया अपनी आलोचना को भी अपने पोर्टल पर प्रकाशित करते हैं । दुनिया के अंदर आ रहे बदलाव मे भी वेब पोर्ट्लों का सबसे बडा योगदान रहा है । चाहे मिस्त्र का सता परिवर्तन हो या अन्ना के आंदोलन पर सार्थक बहस की शुरुआत. निर्मल बाबा के विज्ञापन जब इन टी वी चैनल्स पर धड़ले से दिखाए जा रहे थे और देश की जनता से इन टी वी चैनल वालों की मिलीभगत के कारण सरे आम अरबों रुपये की ठगी हो रही थी तो निर्मलजीत नरूला की असलियत वेब मीडिया (मीडिया दरबार) ही सामने लाया था । अमेरिका का अक्यूपाई वाल स्ट्रीट आंदोलन वेब मीडिया की ताकत का सबसे बडा उदाहरण है । जहां टीवी चैनलो ने तथा अखबारो ने इस आंदोलन को कोई अहमियत नही दी , वहीं वेब मीडिया ने इसे पुरी दुनिया मे फ़ैलाने का काम किया । वेब मीडिया ने न्यूज चैनलों के पाखंड तथा अखबारो की कायरता एवं चटुकारिता को भी उजागर करने का कार्य किया है और यही कारण है कि आज यह टीवी तथा अखबारो का सबसे बडा दुश्मन है । वैसे भी एक सर्वे में यह बताया गया है कि आनेवाले 2040 तक अखबारों का कोई अस्तित्व नही रहेगा । वेब मीडिया ने टीवी तथा प्रिंट मीडिया के पाखंड तथा गलत कार्यो को प्रकाशित करने का कार्य किया है । इंडिया टीवी पर आने वाले अंधविश्वास को बढावा देने वाले विज्ञापनों की आलोचना हमेशा भडास पर आई है उसी का परिणाम है की बदले की भावना से प्रेरित होकर यशवंत सिंह के उपर यह झुठा मुकदमा किया गया है । वेब मीडिया ने भी इसे धर्म युद्ध के रुप मे लडने का निश्चय किया है । इस धर्म युद्ध में एक तरफ़ सत्य पर कायम वेब मीडिया है तो दुसरी तरफ़ अधर्म की लडाई लडने वाली कौरव सेना के रुप में शोषणकारी टीवी चैनल हैं । हम इस युद्ध को अंजाम तक पहुंचायेंगे । टीवी चैनलो को अपने उस दो नंबर के भुगतान का हिसाब न्यायालय में देना होगा जो वह केबल वालो को चुकाते हैं उनका चैनल दिखाने के लिये । यह काला धन टीवी चैनल वाले चुकाते है और इसके बारे मे टीवी चैनल के हीं नामी गिरामी पत्रकार पूण्य प्रसून वाजपेयी ने भी खुब लिखा है ।
4 comments:
यशवंत सिंह जी को गिरफ्तारी कि हम भड़ास के सदस्य घोर निंदा करते हैं .
मेरी सब सदस्यों से अपील है कि जो लोग भी उनको जानते हैं , वे तन मन धन से उनकी सहायता करें .
यशवंत सिंह ने पत्रकारिता व् देश भक्ति को जुबान दी है ,
यदि उनका कोई शुभचिंतक ऐसे पढ़े तो कृपया मुझसे संपर्क जरूर करे.
अशोक गुप्ता
दिल्ली
९८१०८९०७४३
ashok.gupta4@gmail.com
भड़ास के सभी सदस्य यशवंत जी कि गरफ्तारी कि कड़ी आलोचना करते है और सच और झूठ की इस लड़ाई में हम सभी यशवंत जी के साथ है
ब्रजेश पाठक
चदाल.९९९@जीमेल.कॉम
०८००४८५३३३०
भड़ास के सभी सदस्य यशवंत जी कि गरफ्तारी कि कड़ी आलोचना करते है और सच और झूठ की इस लड़ाई में हम सभी यशवंत जी के साथ है
ब्रजेश पाठक
चदाल.९९९@जीमेल.कॉम
०८००४८५३३३०
भड़ास के सभी सदस्य यशवंत जी कि गरफ्तारी कि कड़ी आलोचना करते है और सच और झूठ की इस लड़ाई में हम सभी यशवंत जी के साथ है
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