Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

7.1.13

सवेरा



"अश्रु भरे इन आँखों में, मुस्कानों का डेरा जाने कब होगा,

उम्मीदों के घोंसले में, खुशियों का बसेरा जाने कब होगा,

उजालों की ये किरणें तो रोज छिटक आती हैं कमरों में,

पर इस घर में, इस जिंदगी में, सवेरा जाने कब होगा !"

No comments: