हां, सही सुना तुमने। कसाब वही कसाब जिसे तुमने फांसी पर चढ़ा दिया था। आज मैं जहन्नुम से बोल रहा हूं। मेरा नाम लेकर तुमने फिर मेरी मरी हुई आत्मा को जगा दिया, जब मुझे फांसी पर चढ़ाना था तब तुम दिन रात हल्ला करते थे मुझे फांसी भी दी गई। आपने उस वक्त भी मेरा नाम लेकर खूब राजनीति की थी और मेरी लाश पर रोटियां सेकी थीं। आज पांच साल बाद तुमने मेरा नाम लेकर उस पर राजनीतिक रोटियां सेकना फिर शुरू कर दिया वाह अमित शाह साहब आपने कांग्रेस, सपा और बसपा को एक आतंकवादी बता दिया? कम-से-कम आपसे तो मुझे ये उमीद नही थी, क्योंकि आपकी पार्टी ने मुझे फांसी पर चढ़ाने के लिए खूब शोर मचाया था।
आज फिर आपने मुझे जगा दिया…फिर आपने हिन्दुस्तान के लोगों के ज़हन में मुझे जिंदा कर दिया है। मैंने तो लोगों को हथियारों से मारा था आप तो विचारों से मार रहे हो। मैंने तो सैकड़ों को मारा था आप तो करोड़ों को मार रहे हो इसकी कोई हद है? क्या आपको मेरा ही नाम मिला था अपनी सियासत चमकाने के लिए..? या फिर ये भी मेरे नाम का जुमला है? जिसके लिए आप काफी मशहूर होते जा रहे हो।
मैं एक आतंकवादी था, वो शख्स जिसने कई बेगुनाहों को मौत के घाट उतारा। यूपी में जीत कर आपको आख़िर ऐसा क्या मिलने वाला है? इस बेशर्मी से इस तरह की नफरत क्यों परोसी जा रही है? मैं तो इंसानिसत का कातिल था। और अफसोस ये है कि आप नफरत फैला कर इंसानों को बांट रहे हो तो ऐसे में फिर इंसानियत कहां जिंदा रहने वाली। कभी शमशान और कब्रिस्तान की बात करते हो। सब सोच समझकर करते हो। आप बखूबी जानते थे कि मीडिया और उनके विरोधी बयान का कौन सा हिस्सा उठाएंगे। अमित शाह को भी पता था। मीडिया उनके बयान का कौन सा हिस्सा उठाएगा। मैने तो मुंबई में कत्लेआम किया था और आप ये क्या कर रहे हो…? किस यूपी की बात कर रहे हो आप? मैं तो पांच साल पहले मर चुका हूं। ऐसे मे जानना ज़रूरी है कि आखिर सियासत का कसाब कौन है? इस देश मे कौन कसाब को फिर ज़िंदा कर रहा है? किसका आदर्श है कसाब? कौन कसाब से सबसे ज्यादा प्रेरित दिख रहा है?
इसका जवाब मुझे चाहिए जहन्नुम में आपके जवाब का इंतजार कर रहा हूं। अब तुम शमशान और कब्रिस्तान की बात कर रहे हो, तुम्हारी सिसासत देख कर मेरा धर्म बदलने को जी चाहता है हो सके तो मुझे कब्रिस्तान से निकालकर शमशान में पहुंचा देना।
(जहन्नुम से कसाब)
राजेश कुमार
टीवी पत्रकार ।।
2.3.17
हैलो! मैं कसाब बोल रहा हूं
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