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16.4.17

125 करोड़ कहाँ है हम और कहाँ स्टैंड है हमारा?

पिछले 2 साल से ज्यादा वक्त से सुन रहा हूँ, हमारे देश की जनसख्या सवा सौ करोड़ है | सब जानते भी है कौन कहता है ‘मेरे देश के सवा सौ करोड़ देश वासियों’ लेकिन मै किसी व्यक्ति विशेष पर  न कभी कोई टिप्पणी करता हूँ न आज करूँगा और खुद पर विशवास है कि कभी करूँगा भी नहीं  | हाँ बात यहाँ  125 करोड़ देश वासियों की है | लेकिन क्या आपको सही मायने में लगता है कि मेरे देश भारत की जनसंख्या 125 करोड़ है | शायद प्रश्न सा जहन में बन जाए ? क्यूंकि जब जमीनी हकीकत को देखता हूँ तो विश्वास तो दूर . दूर – दूर तक इस संख्या पर यकीं नहीं होता |
शायद प्रधानमंत्री सहित जो भी ये बात कहता है मेरे हिसाब से गणित का ज्ञान तो बहुत होगा |लेकिन माना हुआ अभी भी XX ही है | क्यूंकि गणित में पढ़ाया जाता था – मान लो संख्या X ! लेकिन यहाँ तो X और Y का जो गणित चला हुआ है वो थमते कहीं नहीं दिखता | X और Y हारमोंस के  चक्कर में यहाँ दिन व् दिन रात होते ही अगली सुबह तक लगता है 8 – 10 हज़ार की वृद्धि हो ही जाती होगी|

मंच पर आजकल हर कोई दोहराता है, हर अखबार और हर मिडिया हाउस का भी यही कहना है कि भारत के सवा सौ करोड़ देश वासी है | अब इस बात पर सबका स्टैंड स्पष्ट है कि भारत में सवा सौ करोड़ देश वासी है |

गौर करें सब कहते है सवा सौ करोड़ देशवासी !? कभी भी नहीं शायद गलती हो गई होगी देशवासी की जगह या तो नागरिक बोलना और लिखना चाहिए या फिर उन वासियों में से बच्चों की गिनती निकाल देनी चाहिए |

हाँ ये भी हो सकता है कि जनगणना के आधार पर या फिर जिन लोगों ने आधार कार्ड बनाए है | उन आंकड़ों के बल पर कहा जाता है कि भारत के सवा सौ करोड़ देशवासी है| लेकिन में ये संख्या कम नहीं होने का सवाल भी नहीं उठता | हाँ 10 -12 करोड़ का अनुमान नहीं हकीकत में इजाफा होने की बात स्वीकारता हूँ | क्यूंकि आज भी खुद उन लोगों से मुलकात कर चूका हूँ जिनका आधार कार्ड नहीं है |

उन लोगों से बात कर चूका हूँ जो भीख मांगते है | उनको लोगों को समझा चूका हूँ जो अभी अच्छे से रोड भी क्रोस नहीं कर पाते – हाँ रेलवे स्टेशन, मार्किट या फिर बस स्टैंड पर भीख मांगते हैं| कुछ लोग यूँ ही इधर उधर वक्त गुजारते है . कुछेक झुगियों में रहकर जीवन व्यतीत करते है | बस मुसाफिर बनकर जिंदगी काट रहे है | क्यूंकि इनकी गिनती ही नहीं है | इनकी गिनती करना भी मुश्किल है | और जो काम मुश्किल है वहां से तो हम पहले ही पल्ला झाड लेते है - फिर भी हमारा स्टैंड स्पष्ट है - सवा सौ करोड़ देशवासी | आजकल तो भीख मांगने के तरीके भी अलग –अलग है उस पर बात फिर कभी बयान सही लेकिन यहाँ मेरा स्टैंड स्पष्ट है – सवा सौ करोड़ देशवासी और बाकि के प्रवासी|  जी हाँ....

सुनील कुमार हिमाचली
mediasunil1@gmail.com
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