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6.4.08

दिल मे मेरे भड़ास है

दिल मे मेरे भड़ास है
कुछ कहने की , कुछ कहलवाने की
कुछ करने की , कुछ करवाने की
कुछ जानने की , कुछ पहचानने की
दिल मे मेरे भड़ास है
man ke अन्दर छिपी बातो परमंद-मंद मुस्काने की
और कुछ बातो पर आंसू बहाने की
ख़ुद को समझने की और समझाने की
दिल मे मेरे भड़ास है
किसी पर नकाब डालने की किसी का उतारने की
किसी को रुलाने की कभी चुप कराने की
दिल मे मेरे भड़ास है
अपना गुस्षा दिखलाने की
किसी का देखने की
अपनी हंशी दिखाने की किसी की देखने की
दिल मे मेरे भड़ास है
किसी को चिढाने की कभी ख़ुद भी चिढ जाने की
किसी को सुधारने की कभी ख़ुद भी सुधर जाने की
दिल मे मेरे भड़ास है
अनसुलझी बातो को सुलझाने की
अनकही बातो को कहलवाने की
मन की गंदगी को भगाने की
हा है मेरे दिल मे भड़ास
और आपके ?

4 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

कमला जी,बात तो हम सबके मन की है बस उसे आपने शब्द दे दिये हैं धन्यवाद स्वीकारिये....

Anonymous said...

vaah vaah,
kamla jee aapne bhadasi ke man ki baaton ko jo shabd diyen hain woh sarahneeya hain.

dherak badhai.

Unknown said...

kya bat hai baby, lge rahiye...

Anonymous said...

isi tarah se aashirvaad dete rahiye.