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9.4.08

आओ आओ और देखो ताकत भड़ास की :संगीता के मामले में बेगुसराय एस पी ने दिया जांच का आदेश

विश्व के सबसे बड़े हिन्दी ब्लॉग ''भड़ास'' के सदस्यों के साथ-साथ समस्त पाठकों जिन्होंने संगीता के मामले में रूचि ले कर बेगुसराय एस पी को मेल अभियान की ताकत दिखाई थी को इन्तजार होगा की संगीता के मामले में प्रशाश्निक कार्रवाई क्या हुई और अब तक इस दिशा में क्या कार्य हो रहा है? तो बंधुओं बड़ी खुशी हो रही है यह बताते हुए की हम जैसे साधारण देशज लोगों की आवाज बन कर ''भड़ास'' सचमुच एक अनोखा इतिहास रच रहा है। इसी बेगुसराय के किसी भी थाना में आप अपनी मोबाइल गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने जाइए,मुंशी जी आपसे एक जिस्ता कागज़ और कार्बन की डिमांड तो करेंगे ही करेंगे साथ में सौ-दु सौ रुपए के बिना आपका काम भी नही होगा। एक पत्रकार के रूप में मैं रोज ऐसे भुक्तभोगी को देखता हुं जो थाना पर अभी भी अपनी प्राथमिकी दर्ज करवाना भी मशक्कत भरा काम समझते हैं ,वे अभी भी दलालों के आगे पीछे घूमते रहते हैं ताकि उनका काम हो जाए। और पुलिस वाले ऐसे को ही अपनी आय का महत्वपूर्ण साधन समझते हैं। भले ही एस पी साहब इन बातों को कोरी बक्बास मानते हों लेकिन मैं आपको ऐसे हजारों केस दूंगा जो यह साबित करने के लिए काफ़ी है की बेगुसराय की पुलिस को''पीपुल फ्रेंडली'' होने में अभी कई दशक और लगेंगे।
खैर छोरिये इन बातों को क्योंकि भड़ास अब एक एक कर कच्चा चिटठा खोलेगा जिसकी जद में ऐसे कितने मगरमच्छ आयेंगे जो अब तक पुलिस विभाग में नौकरी को महज एक मजाक मान कर आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। तो भाई बहिन लोग पिछले दिनों जब मैंने इमेल अभियान चलाया था और डाक्टर रुपेश के आदेशानुसार एस पी साहब से जा कर उनसे मुलाक़ात करी थी तो कुछ ऐसे अनुभव बटोरें जिनको ले कर आज आप तक आया हुं। तो मैं सीधे संगीता वाला मामला जो भडास पर डाला था की छायाप्रति लेकर पहुँच गया एस पी के पासआगंतुक कक्ष में ढेर सारे मिलने वाले लोग घंटों से साहब का इन्तजार कर रहे थे ,अर्दली ने मेरे से बैठने को बोला ,मैंने बोला यार इधर बैठने के वास्ते थोड़े आया हुं तू जा कर साहब को बता दे की मनीष राज आया है और मिलना चाहता है। वह मेरा मुंह टुकुर-टुकुर देखने लगा और फ़िर आदेश लेकर भीतर गया और तुरंत बहार आ कर बोला साहब भीतर बुला रहे हैं । आगंतुक कक्ष में बैठे लोग मेरे को जरुर गरिया रहे होंगे की हम लोग टिन घंटे से बाहर बैठे हैं इ कौन आ गवा जो एस पी ने तुरंत बुला लिया। तो मैं भीतर गया और परनाम पाती के बाद भडास और संगीता के सम्बन्ध में विस्तृत बातचीत की। साहब ने सिर्फ़ एक प्रश्न किया की आख़िर संगीता को भडास पर जाने की जरुरत क्यों आ गयी,तो मैंने बोला की सर जी आप ज़रा निचे के थाना में चुपचाप घूम कर चेक तो कीजिये आपके पट्ठे लोग न जाने कितनी संगीता को न्याय से महरूम करने पर तुले हुए हैं। अभी भी आम लोगों के साथ एक प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं,दलाल थाना प्रभारी की गाड़ी में बैठ कर घूमता है और आप पूछ रहे हो की संगीता को भड़ास पर जाने की जरुरत क्यों महसूस हुई? तो फ़िर मैंने उनको संगीता वाला पोस्ट जिसमें गाली गलौज किया था सौंप दिया और सोमवार का समय लिया संगीता से मिल कर ख़ुद जान लीजिये की इ मामला क्या है। तो सोमवार को संगीता उसके दोनों बच्चे को ले कर फ़िर एस पी साहब के पास चला गया। साहब ने संगीता को बुलाया ,अपने पास बैठाया और उसकी पुरी कहानी सुनने के बाद पीले रंग के एक कागज़ पर लिख कर दिया की ''तेघरा डी एस पी,लॉज ऍफ़ आर आई एंड इन्वेस्तिगेत'' । उसके बाद संगीता मेरे पास आ कर रोने लगी ,मैंने उसे ढाढस दिया की यार इमोशन छोर और इस जंग में अपनी आजादी छीन कर ले ले।
तो वस्तुस्थिति यह है की एस पी ने डी एस पी पर भार दे दिया है की अनुसंधान कर के जांच सौंपे । अब देखना यह है की आगे होता है क्या? लेकिन भाई लोग,अपुन का भेजा ये सेट नही कर पा रहा है की जब भडास जैसे मंच पर संगीता आई तो इतनी देर से कार्रवाई लेकिन जो लोग सीधे थाना प्रभारी स्तर से उम्मीद कर के जाते होंगे तो उनको कितना देर लगता होगा ? सचमुच आज भी आम लोगों को न्याय पाने के लिए काफ़ी मशक्कत करना पड़ रहा है और सरकार नारा लगा रही है की सुशाशन में आपको आप का हक़ बिल्कुल सहज और सिम्पल तरीके से मिलेगा। ऐसे कैसे मिलेगा रे भाई?
आगे जो होगा उसे उसी रूप में लेकर फ़िर हाजिर होउंगा।
जय भडास
जय यशवंत
मनीष राज बेगुसराय

5 comments:

Unknown said...

mamle ko lgatar bhadas pr dete rho bhaee, is ladaee me hm sb sath hain

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मनीष भाई,पंडित जी ने सही कहा कि मामले को लगातार फ़ौलो करते रहिये वरना घूम-फिर कर मुर्गी की तीन टांग हो कर बात रह जाएगी,अब आप अपना बांस लेकर डी.एस.पी को करते रहिये और वो अपने निर्देश थाना प्रभारी को दे देगा और एक लचर सी रिपोर्ट दर्ज हो जाएगी और हो गया मामला बरसों का। इसलिये जब प्राथमिकी दर्ज हो तो देखियेगा कि पांडु लोग कौन से सेक्शन्स में मामला बना रहे हैं?संगीता बहन से कहिये कि घबराएं नहीं हम सब उनके साथ हैं.....

Anonymous said...

bhai badhai,

maamla aage to badha magar upar ke dunoo bhai sahi kah rahe hain e sale pulisiya ka koi bharosa nahi ese hi mamlon ko latkate rahte hain ki isko de diya usko de diya.

pura bhadas saath hai or sangeeta didi ko insaaf chahiye so kar do do por ka ab neeche walon ko.

Jai Bhadaas

Ankit Mathur said...

अभूतपूर्व मनीष राज। वाकई भडास की ताकत का
कम ही लोगो को एहसास है।
आप बधाई के पात्र हैं कि आपने इस मुहिम को इतना बल दिया कि पुलिस को घुटने टेकने
ही पडे।
आशा है कि अब संगीता को न्याय मिल पायेगा।
धन्यवाद
अंकित ...

अबरार अहमद said...

यही एकजुटता की ताकत है। मनीष जी इसी तरह भडास का झंडा बुलंद करते रहिए। अभी आपको इस झंडे को लेकर बहुत आगे जाना है। बधाई।