अधूरे ख्वाब थे मेरे तेरे आने से पहले।
मचलते जज्बात थे मेरे तेरे आने से पहले।।
हरसू भटकता रहता था गलियों गलियों में।
आवारा नाम था मेरा तेरे आने से पहले।।
तूने जिंदगी जीना सीखा दिया मुझको।।
टूटता साज था मेरा तेरे आने से पहले।।
मुझे संभाल लेगा कोई अब इस बात की तसल्ली है।
कदम लडखडाते थे मेरे तेरे आने से पहले।।
तेरे आने से हो गया जर्रा जर्रा रौशन।
अंधेरे साथ थे मेरे तेरे आने से पहले।।
अधूरे ख्वाब थे मेरे तेरे आने से पहले।
मचलते जज्बात थे मेरे तेरे आने से पहले।।
मचलते जज्बात थे मेरे तेरे आने से पहले।।
हरसू भटकता रहता था गलियों गलियों में।
आवारा नाम था मेरा तेरे आने से पहले।।
तूने जिंदगी जीना सीखा दिया मुझको।।
टूटता साज था मेरा तेरे आने से पहले।।
मुझे संभाल लेगा कोई अब इस बात की तसल्ली है।
कदम लडखडाते थे मेरे तेरे आने से पहले।।
तेरे आने से हो गया जर्रा जर्रा रौशन।
अंधेरे साथ थे मेरे तेरे आने से पहले।।
अधूरे ख्वाब थे मेरे तेरे आने से पहले।
मचलते जज्बात थे मेरे तेरे आने से पहले।।
अबरार अहमद
6 comments:
बहुत खूब। प्रेम और मिलन का इतना सुंदर चित्रण। बस वाह वाह करने को दिल करता है। लिखते रहो अबरार बहुत खूब। बहुत बहुत आशीर्वाद।
क्या करूं हाय छुक-छुक होता है....
aapne mujhe saraaha iske liye aapka bahut bahut dhanyabad .
aapki gazal acchi lagi .khushkismat hai ki kisi ke aane se aapki zindagi me ronak aai.
achchee ghazal hai.simple,sober.
kisi ke aane pr raunk to aati hi hai...asl bat hai raunk tikti kb tk hai...abrar bhaee
अबरार भाई,
अर्ज किया है-
हर शू वीरान थी तेरे आने से पहले
जिंदगी एक इम्तेहान थी तेरे आने से पहले
अच्छा हुआ तू वक्त पर आ गयी वरना
ये जान कुछ पलों की मेहमान थी तेरे आने से पहले
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