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6.2.09

नए रिपोर्टर की सोच

करे न सलूट मोकूं देख लंगो एक दिन तोकूँ
काऊ दिन तो बेटा मेरे अंटे में आबैगो,
संपादक से मिल्लौए कैसो बड़ो खिल्लौए
ऐसें तो लाला नाय काम चलि पाबैगो
अरे नादां मत भूलै, नौ-नौ बांस मत ऊलै
संपादक तो मोई तो खबर लिखिबाबैगो।

-डॉ. भानु प्रताप सिंह
(लेखक डा. भानु से bhanuagra@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है)

1 comment:

gyanendra kumar said...

tussi great ho sir
aligarh ke sampadak ban gay
lekin reporter ke bhale ke sambandh
main aaj bhi sochate ho

pranaam

aapka
Dikshant