अरविन्द शर्मा
ब्लागिंग की दुनियां में एक नयाचेहरा कैलाश राव। लोकतंत्र के तीन हथियारों के गिरते स्टैंडर्ड को लेकर इनका दिल हो रहा है। आपके साथ बांटना चाहते हैं यह अपना दर्द। इनको पता है कि इनके लिखने और कहने से यह रुकने वाला नहीं है।इनकी पहली पोस्ट जरूर पढ़ें और अपनी राय प्रकट करें।
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13.8.09
लोकतंत्र के हथियारों का गिरता स्टैंडर्ड
Labels: लोकतंत्र
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