बिल्हौर में उपजिलाधिकारी को हटाने के लिए पिच्चालय सात माह से लडाई लड़ रहे वकीलों को आख़िर में सफलता मिल ही गई।यहाँ के वकील उपजिलाधिकारी को हटाने के लिए सात महीने से संघर्ष कर रहे थे इस दौरान वोह हड़ताल पर रहे। आला अधिकारिओं से लेकर शासन तक पहल की लेकिन अपनी पहुँच के कारन उपजिलाधिकारी का ट्रान्सफर होने के बाद भी जिलाधिकारी ने उन्हे रिलीव नहीं किया। इसके बाबजूद वकीलों ने हार नही मानी और आखिर में अधिकारिओं को उसका तबादला करना ही पड़ा। हाँ अधिकारिओं ने उपजिलाधिकारी को यहाँ से हटाकर कानपूर सदर की और भी महत्वपूर्ण सीट पर बैठाया है । सात महीने में जनता दोनों ही पक्षों का तमाशा देखती रही।वकीलों की हड़ताल को समर्थन देने के लिए उत्तर प्रदेश बार असोसिएशन के पदाधिकारी तक यहाँ आए थे। और एक दिन पूरे प्रदेश में हड़ताल रखी गई थी। अपनी कोशिशों के आखिरी चरण में वकीलों ने भूंक हड़ताल का सहारा लेकर गांधीगिरी दिखाई और मजबूरन अधिकारिओं को निर्णय लेना पड़ा। उपजिलाधिकारी को हटाने के लिए संघर्ष करने वालों में मुख्य रूप से राजकुमार भदौरिया, कौशलेन्द्र त्रिवेदी, अजीत सिंह, के के श्रीवास्तव, रामकिशोर पल आदि थे . (हड़ताल पर बैठे वकीलों की फोटो )
11.9.09
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