मेरा खून खौल जाता है
जब सुनता हू "जय महाराष्ट"
जय महारास्ट क्यो ?
जय भारत क्यो नही ?
कृपया , किसी भी सज्जन के समझ में ये बात हो तो मुझे भी समझाएं
अगर ऐसे ही सभी राज्य जयकारकरने लगे तो हो चुका ........
आख़िर "जय महारास्ट" में ऐसी क्या बात है जो "जय भारत" में नही है या "वंदे मातरम" में नही है ?
क्या "जय महारास्ट" कहने से भगवन प्रसन होते है या अल्लाह खुस होते - आखिर क्या खास बात है
या फिर मुझे लगता है की जय महारास्ता शब्द की उत्पति किसी देवगड़ ने की है । या फिर ये भी हो सकता की महारास्ट्र सोने का बना हुआ हो ,पर जहा तक मै जानता हू महारास्ट भी एक साधारण सा राज्य है ।
तो फिर जय महारास्ट क्यो ?
3.10.09
मेरा भारत
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3 comments:
jai maharashtra ka nara wo log lagate han jo shetravad aur jativad ki chingari bhadka ke apna ullu seedha karte hain, ye log shayed ye bhool gaye hain ke maharashtra se bahar bhi akhir insan hi baste hain main apki baat se sehmat hun.
ऐसे लोग अपनी छोटी मानसिकता का
परिचय देतें हैं
इन्हें शायद नहीं पता
तोड़ने वाला से जोड़ने वाला
महान होता है
भाईसाहब आप ने खुब अच्छा मुद्दा उठाया है ..लेकिन अगर आप आपके माता-पिता की जय-जयकार का नारा लगा रहे हैं तो मैं नहीं समझता इसमें कुछ ग़लत है... क्यों कि महाराष्ट्र के लोग केवल जय महाराष्ट्र ही नहीं जय हिंद भी कहते हैं...मैं तो कहूंगा हमें भी अपने राज्य की जयकार करनी चाहिए... ये राष्ट्रभक्ति के साथ राज्यभक्ति का भी परिचायक है..मेरी समझ में ये नहीं आता कि जो लोग अपने राज्य की जय कहते है उनसे तो लोगों को दिक्कत है लेकिन जो अपने देश की जय "वंदेमातरम" कहने से खुले आम मुकरते हैं उनसे किसी को कोई दिक्कत नहीं है सरकार को भी नहीं...इनके लिये क्या करें जरूर इस पर भी ध्यान देना चाहिए ...
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