हम हिन्दीभाषी लोग भाषिक तौर पर बड़े उदारवादी हैं.किसी भी नए शब्द को तुरंत अपनी बोलचाल की भाषा में शामिल कर लेते हैं.अब बिजली को ही लें जो पिछली सदी की देन है, पर भी कई मुहावरे बन गए हैं.इनमें से कुछ को आपकी नजर करना चाहूँगा-जिस्म में बिजली दौड़ जाना,बात का बिजली की तरह फ़ैल जाना,बिजली का तार छू जाना आदि.मैं यहाँ यह स्पष्ट कर दूं मैं आसमानी बिजली की बात नहीं कर रहा हूँ यह बिजली तार में दौड़नेवाली बिजली है.बिहार में हमेशा से बिजली चुनावी मुद्दा रही है.अब भी है तभी तो नीतीश जी अगली पारी में बिहार में ३ बिजली संयंत्र बिठाने और राज्य से बिजली का रोना समाप्त करने का वादा कर रहे हैं.राम जाने हमारी सरकारों की नींद चुनाव के पहले ही क्यों टूटती है?पॉँच सालों में उनकों इंतजाम करने से किसने रोक रखा था?पिछले पॉँच सालों में तो शहरों में बिजली की स्थिति और भी ख़राब हो गई है.फिल्म मुगले आज़म में अकबर अनारकली को धमकी के स्वर में कहता है कि अनारकली सलीम तुम्हें मरने नहीं देगा और मैं तुम्हें जीने नहीं दूंगा.इन दिनों बिहार की जनता की भी यही हालत है.बिजली न तो उन्हें जीने नहीं देती और न ही मरने देती है.दिन में एकाध बार औपचारिकतावश आ ही जाती है.सरकार यह कह सकती है हमने गांवों में भी बिजली पहुंचाई.लेकिन मैं पूछता हूँ कि जब आपके पास अपने रिश्तेदारों को खिलाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो तब पूरे गाँव को भोज पर आमंत्रित कर लेना कहाँ की बुद्धिमानी है?गांवों में सिंचाई के नाम पर भी अतिरिक्त बिजली दी जा रही है लेकिन गांवों में कितने लोगों ने विद्युत मोटर लगा रखा है.नगण्य.सरकारी नलकूपों में से तो अगरचे ज्यादातर बंद हैं और जिन्हें सरकार चालू बता रही है उनमें से भी शायद ही कोई चालू हो.जब आपके पास किसी चीज की कमी होती है तब आप किसी से मांग कर काम चला सकते हैं लेकिन कब तक?एक सीमा के बाद बनिया भी आपको उधार नहीं देगा.लेकिन हमारी सुशासन बाबू की सरकार ने पूरे पॉँच साल का समय यूं ही केंद्र से बिजली मांगे हुए गुजार दिए.जब केंद्र के पास खुद ही बिजली की कमी है तो वो क्यों बिहार को बिजली देने लगी.वैसे भी कोई भी व्यक्ति या सरकार पहले अपनी जरूरत का ध्यान रखेगा न कि दूसरों की जरूरत का.फ़िलहाल तो पूरे बिहार में बिजली को लेकर धरना-प्रदर्शन का दौर जारी है जब पर्याप्त बिजली आएगी तब आएगी.ये तो हुई बिहार में बिजली की कथा लेकिन बिना आरती के कोई भी कथा पूर्ण नहीं मानी जाती इसलिए आइये सारी मानवीय गतिविधियों के लिए आवश्यक बिजली माता की आरती कर लें-
ॐ जय बिजली माता,ॐ जय बिजली माता;
तुमको निशिदिन बुलावत,
हाजीपुर की जनता;
ॐ जय बिजली माता.
कई-कई दिन पर तुम आती,
शीघ्र चली जाती;
दिन में तुम तडपाती,
रातों में जगाती;
ॐ जय बिजली माता.
तुम बिन टी.वी. नहीं चलती,
कम्प्यूटर नहीं चलता;
वाशिंग मशीन,फ्रीज और मिक्स़र,
सब बेकार हो जाता;
ॐ जय बिजली माता.
17.8.10
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment