सिवनी ।नगर में करीब 80 मेडीकल दुकानों संचालित है तथा इस अनचाहे मातृत्व को रोकने वालीं टेंशन फ्री गोली सिपला की आई पिल और मैनकाइंड फार्मा की अनवांटेड 72। की ब्रिकी दिनों-दिन बढ़ रही है । इन गोली की ब्रिकी नगर के तीन मेडीकल दुकानों में होलसेल रेट पर उपलब्ध है जहां पर से यह पूरे सिवनी शहर में दी जाती है । इस गोली की दिन प्रतिदिन बढती मांग से किशोरियों में आये दिन नये रोंगों की बढोत्तरी हुई है । जबकि सरकार द्वारा इस गोली के विज्ञापन में बदलाव तथा रोक लगाने हेतु सरकार ने कदम उठाई है लेकिन वह कागजों में ही सीमित है नगर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में इस का कही कोई फ्रर्क नही पडा है । तथा इसकी खुली ब्रिकी भी धडल्ले से हो रही है ।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार अनचाहे मातृत्व को रोकने वालीं टेंशन फ्री गोली से सरकार की टेंशन बढ़ गई है। असुरक्षित यौन संबंध के बाद गर्भधारण से बचने के लिए ली जाने वाली इस आपातकालीन गोली की खुली बिक्री पर रोक लग सकती है। खास कर किशोरियों में इसके तेजी से बढ़ते दुरूपयोग को दिखते हुए औषधि महानियंत्रक कार्यालय इस पर विचार कर रहा है। ऐसी आपातकालीन गर्भरोधक गोली बनाने वाली कंपनियों को अपने विज्ञापन में बदलाव करने को भी कहा गया है। इस समय हिंदुस्तानी बाजार मे ऐसी दो गोलियां उपलब्ध है- सिपला की आई पिल और मैनकाइंड फार्मा की अनवांटेड 72। पिछले कुछ समय से दोनों ही कंपनियों में विज्ञापन की होड़ सी लग गई है। सूत्र बताते है कि औषधि महानियंत्रक ने इन दोनों दवा कंपनियों को लिखित रूप से इनके टीवी विज्ञापन पर एतराज जताया है। औषधि महानियंत्रक सुरिंदर सिंह के मुताबिक ऐसी दवाओं की खुली बिक्री की इजाजत इसलिए दी गई, ताकि आपातकालीन स्थिति में महिलाओं के पास एक विकल्प यह भी उपलब्ध हो सके। लेकिन इसके उन्मुक्त उपयोग को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। वे कंहते है कि अब औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की बैठक में इन दवाओं पर विचार किया जाएगा। लगभग एक साल पहले इनकी खुली बिक्री की इजाजत दिए जाने से पहले भी इन्हें खरीदने के लिए डाक्टर की पर्ची जरूरी होती थी। परंतु यहां पर आये दिन इसकी बढोत्तरी हो रही है तथा यहां का औषधि विभाग के अधिकारी दो जिलो के प्रभार के कारण इस और ध्यान न देकर अपनी लापरवाहियों को उजागर कर रहे है ।
इन गोलियों के ज्यादा उपयोग करने से सरदर्द ,बुखार ,अनमना एवं अन्य बीमारी होती है।
सूत्र यह भी बताते है कि स्वास्थ्य मंत्रालय और औषधि महानियंत्रक के कार्यालय को पिछले कुछ समय से इस बारे में लगातार शिकायतें मिल रही है। इनके मुताबिक खास कर किशोरियों में ऐसा भ्रम पैदा हो रहा है कि ये दवा सामान्य गर्भनिरोधक की तरह है जिनका इस्तेमाल कर सुरक्षित यौन संबंध कायम किया जा सकता है। जबकि स्थिति इसके विपरीत है । ये दवाएं यौन संबंध के दौरान यौन रोगों से कोई सुरक्षा नहीं देती ।
इस संबंध में जब मेडीकल स्टोर्स के संचालकों से जानकारी ली गई तो उन्होनें कहा कि सबसे ज्यादा इन गोलियो की ब्रिकी सर्वाधिक होती है और यह गोली अधिकांश कम उम्र के लडके ही ले जाते है ।
2 comments:
किशोरियां ले रही हैं टेंशन फ्री गोलियां या अधेड महिलाएं यह आपकी चिंता का विषय क्यों है.जिस वर्ग के लिए यह गोली बनी है और जिनके लिए इसका प्रचार हो रहा है उनके अलावा इनका उपयोग कोई नहीं कर रहा .एक बात साफ़ है कि इस गोली का इस्तेमाल साग भाजी को जल्द बड़ा करने या गाय भैंस से जबरिया दूध दोहन के लिए नहीं हो रहा है .
इन टेंशन फ्री गोलियों को लेकर आप तेंशिनिया रहे हैं .
आलेख अच्छा लगा पिंकी। यह हमारे पूरे समाज के लिए चिंता विषय है और होना भी चाहिए, ऐसा मुझे लगता है।
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