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19.2.16

कला के सभी रंग दिखे बसन्त-बिहान में

प्रेस विज्ञप्ति


सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ बसन्त-बिहान कला मेला का समापन

लखनऊ : कला महाविद्यालय में चल रहे बसन्त-बिहान कला मेला का समापन कला महाविद्यालय के छात्रों एवं कथक संस्थान के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ। बसन्त-बिहान के समापन अवसर पर महाविद्यालय परिसर में मुख्य अतिथि ताहिरा हसन, मनकामेष्वर मन्दिर की महन्त दिव्यागिरि एवं कुमकुम धर ने पीले रंग के गुब्बारों में बंधे पीले पतंगों को हवा में उड़ाकर इस कला मेला का समापन किया। इस अवसर पर कला महाविद्यालय के विकास गणेष वन्दना एवं प्रियंका सिंह ने अपने एकल एवं सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया।

इसके बाद कथक संस्थान द्वारा संगीत रसधारा में गायन के विभिन्न शैलियों के विभिन्न रंग एक नये कलेवर में प्रस्तुत किया जिसमें शास्त्रीय, उप शास्त्रीय, सुगत एवं सुफियाना कलामों की एक सुन्दर माला संगीत सुरभि की एक अनोखी छटा बिखेरी देष गीत , दादरा, वाद्य संगम, सूफी रंग इस प्रस्तुति के मुख्य आकर्षण रहे जिसमें गीत ये मेरे वतन के लोगों, दईया री मोहे भिजोयो, रंग सारी गुलाबी चुनरिया हो, मोरी मैली हो गयी चुनरिया, हमरी अटरिया पे, इस शाने करम का क्या, वाद्य संगम आदि हुए जिसको स्वर में श्रीमती मीना वर्मा, तनुश्री दास, श्रीमती मंजुषा मिश्रा ने प्रस्तुत किया। इनके साथ संगतकर्ता तबला श्री एलियाज़ हुसैन खॉ की बोर्ड अविनास चन्द, ढोलक श्री नितीष भारती रहे।

इस समापन अवसर पर कला महाविद्यालय के प्रधानाचार्य श्री धर्मेन्द्र कुमार एवं संयोजक डा0 भूपेष चन्द्र लिटिल, श्री राजीवनयन पाण्डेय, अवधेष मिश्रा, श्रीमती सरिता श्रीवास्तव, अजेष जायसवाल एवं एन. खन्ना सहित कला महाविद्यालय के समस्त छात्र कला अध्यापक एवं भारी संख्या में कलाप्रेमी उपस्थित हुए।
कला महाविद्यालय के विस्तृत जानकारी देते हुए भूपेन्द्र कुमार अस्थाना ने बताया कि मंच पर महाविद्यालय एवं कथक के संस्थान के कलाकारों ने कथक के पारम्परिक स्वरूप को साकार किया। आज कला महाविद्यालय में बसन्त-बिहान में ललित कला के सभी रंगों को एक साथ देखा गया। बसन्त बिहान में वार्षिक प्रदर्षनी एवं कला मेला, सभी इन्स्टालेषन आर्ट कलाप्रेमियों को खूब भाया एवं सबने खूब तारीफ भी की। इस पॉंच दिवसीय कला मेला को लखनऊ नगर में एक अमिट छाप छोड़ गया।
प्रधानाचार्य  एवं कला मेला के संयोजक ने सभी आये हुए लोगों का स्वागत अभिनन्दन एवं धन्यवाद दिया और एक नये रूप में नये रंग में आगे की प्रस्तुति करने की भी बात कही।


डा0 भूपेश चन्द्र लिटिल
संयोजक
सम्पर्क सूत्र-
भूपेन्द्र कुमार अस्थाना-9452128267

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