''कौन माई का लाल है जो भागलपुर के हिंदुस्तान और भास्कर में डिप्टी मेयर को छपने से रोक सके''! जी हां, ये दावा है भागलपुर में अपनी धमक बनाने की कोशिश कर रहे डिप्टी मेयर राजेश वर्मा का। साथ ही वो इन दोनों संस्थानों के संपादकों के अपनी जेब में होने का दावा भी करते हैं।
आखिर हो भी क्यों ना। संपादकों की इनसे नजदीकी किसी से छिपी नहीं है। बताया जाता है कि संपादकों के किसी भी निजी या सरकारी टूर का खर्च कोई भी उठाकर देख ले। बताया जाता है कि संपादक जिस मकान में रहता है वो भी 'सौजन्य से' ही है। तभी तो राजेश वर्मा खुलेआम कहता है कि संपादक लोग उसके आदमी हैं। वो जो चाहे जैसे चाहे छपवा सकते हैं। सच भी यही है दोनों अखबारों में हर दिन या दूसरे तीसरे दिन राजेश वर्मा का एक फोटो और एक खबर जरूर छपती है।
आखिर हो भी क्यों ना। संपादकों की इनसे नजदीकी किसी से छिपी नहीं है। बताया जाता है कि संपादकों के किसी भी निजी या सरकारी टूर का खर्च कोई भी उठाकर देख ले। बताया जाता है कि संपादक जिस मकान में रहता है वो भी 'सौजन्य से' ही है। तभी तो राजेश वर्मा खुलेआम कहता है कि संपादक लोग उसके आदमी हैं। वो जो चाहे जैसे चाहे छपवा सकते हैं। सच भी यही है दोनों अखबारों में हर दिन या दूसरे तीसरे दिन राजेश वर्मा का एक फोटो और एक खबर जरूर छपती है।
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