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7.8.21

शर्मनाक है वंदना कटारिया के घर पर हमला व जातिसूचक गालियां देना!

सी.एस. राजपूत-
 

टोक्यो ओलंपिक में महिला हाकी टीम की ऐतिहासिक  जीत पर काला धब्बा लगा दिया अराजक हमलावरों ने


कितनी पीड़ा और दबाव में होंगी हाकी स्टार वंदना कटारिया। महिला हाकी टीम को कांस्य पदक दिलाकर ऐतिहासिक जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वंदना कटारिया जहां उम्मीद कर रही थी कि उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर देश उन्हें पलकों पर बैठाएगा। ऐसे में न केवल हरिद्वार स्थित उनके घर पर हमला किया गया बल्कि उनके परिजनों जातिसूचक शब्दों से गालियां भी दी गईं। ये सब क्या है ? आखिरकार ये जातिवादी और अराजक लोग चाहते क्या हैं?


देश की बेटी वंदना कटारिया न केवल पिता की मौत का गम लेकर टोक्यो ओलंपिक गईं बल्कि उन्होंने सबसे ज्यादा गोल भी किए। फिर भी उनके घर पर हमला किया गया उनके परिजनों को जातिसूचक शब्दों से गालियां दी गईं। क्यों ? वह पड़ोसियों द्वारा। क्या देश में अभी जातिवादी व्यवस्था इतनी हावी है कि हम हुनर को दरकिनार कर बस जातिवाद में उलझे रहते हैं। वंदना कटारिया नाम की इस बेटी ने विषम परिस्थितियों  को चुनौती देतेे हुए देश को ऐतिहासिक जीत के रूप में बड़ा तोहफा दिया है। कहा जा रहा है कि आरोपियों में से दो की गिरफ्तारी की गई है। क्या गिरफ्तारी मात्र से काम चल जाएगा ? क्या इन अराजक लोगों के पीछे कौन-कौन लोग हैं उनके चेहरों को बेनकाब नहीं किया जाना चाहिए ? दरअसल ये ऐसे निकम्मे लोग हैं जिनका खुद का बसका तो कुछ है नहीं पर जो हमारे होनहार बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में देश और समाज का नाम रोशन कर रहे हैं  ये लोग उनके लिए खतरा जरूर बन जा रहे हैं।

ये लोग देश और समाज के तो दुश्मन हैं ही साथ ही देश के भाईचारे के माहौल को भी दूषित कर रहे हैं। इन लोगों से सख्ती से निपटने की जरूरत है। क्या देश वंदना कटारिया के इस त्याग और बलिदान को भूल सकता है कि जब 30 मई को उनके पिता का निधन हुआ तो वह नेशनल कैंप में थीं, क्योंकि पिता की इच्छा ओलङ्क्षपक में गोल्ड मेडल जीतने की थी तो वह पिता के निधन पर घर भी नहीं आईं और तैयारियों में जुटी रहीं।

हमें देश की इस बेटी पर हमें नाज नहीं होना चाहिए ? क्या देश यह भल सकता है कि 29 साल की हमारी इस बेटी ने एशियन गेम्स, एशिया कप और जूनियर वल्र्ड कप में मेडल जीता है।

क्या देश के लिए यह गौरव की बात नहीं कि भारतीय महिला हाकी टीम को कांस्य पदक दिलाने में वंदना कटारिया का बहुत बड़ा योगदान है।  वंदना कटारिया के घरों पर हमला करने वाले तथा उनके परिजनों को अपमानित करने वाले लोगों को चिह्निन्त करके उन्हें कड़ी से कड़ी सजा नहीं दी जानी चाहिए ? क्या देश के लिए यह गर्व की बात नहीं है कि टोक्यो का प्रदर्शन महिला हॉकी के ओलंपिक इतिहास का सबसे अच्छा प्रदर्शन  है। जब हमें इन बेटियों को पलकों पर बैठाना चाहिए ऐसे में उनके घरों पर हमला किया जा रहा है उन्हें जातिसूचक गालियां दी जा रही हैं। हरिद्वार में वंदना कटारिया के घर पर हमले हमले के लिए न केवल जिला प्रशासन जिम्मेदार है बल्कि उत्तराखंड सरकार को भी इस कृत्य की जिम्मेदारी लेते हुए देश से माफी मांगनी चाहिए। ये लोग जीत पर खुशी मनाने वाले नहीं बल्कि हार पर जश्न मनाने वाले हैं। वंदना के भाई की पुलिस को दी शिकायत से तो ऐसा ही लग रहा है।

हरिद्वार में उनके घर पर हुए हमले के विरोध में पुलिस को दी शिकायत में वंदना के भाई चंद्रशेखर कटारिया ने कहा कि ओलंपिक के सेमीफाइनल में हार के बाद रोशनाबाद निवासी विजयपाल समेत कुछ लोगों ने उनके घर के बाहर आकर पटाखे बजाए। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने जातिसूचक शब्द कहने शुरू कर दिए और उनके दलित होने का मजाक बनाया। चंद्रशेखर का आरोप है कि आरोपियों ने वंदना और दलित खिलाडिय़ों को भारत की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

दरअसल दोनों परिवारों के बीच पहले से विवाद चलने की खबरें आ रही हैं। हालांकि चंद्रशेखर कटारिया की शिकायत पर पुलिस ने बुधवार रात मामला दर्ज जांच शुरू कर दी। सिडकुल थाना प्रभारी लखपत बुटोला के नेतृत्व में पुलिस टीम ने विजयपाल और अंकुर पाल नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। क्या मात्र इस कार्रवाई से इस तरह की घटनाएं रुक जाएंगी।

दरअसला वंदना कटारिया और विजयपाल के घर आसपास बताये जा रहे हैं। दोनों परिवारों के बीच कई सालों से झगड़ा चला आने की बात सामने आई है। छींटाकशी को लेकर दोनों परिवारों के बीच कई बार पहले भी विवाद हो चुका है।  प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आरोपियों ने परिवार का मजाक उड़ाने के लिए भारत की हार के बाद वंदना के घर के बाहर पटाखे फोड़े और नाच-गाना भी किया। इसे देखते हुए लगता है कि उन्होंने पहले से इसकी तैयारी की हुई थी।

दूसरी तरफ वंदना के परिवार ने पुलिस से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसे लेकर वंदना के परिवार ने पुलिस के आला अधिकारियों को पत्र भी भेजे थे। हालांकि उत्तराखंड के खेल मंत्री अरविंद पांडे ने हरिद्वार के जिलाधिकारी और पुलिस प्रमुख को वंदना के परिवार से बदसलूकी करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने चंद्रशेखर कटारिया से फोन पर बात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिया है पर क्या वंदना को इंसाफ मिलेगा ? झबरेड़ा से विधायक देशराज कर्णवाल के भी कई संगठनों के पदाधिकारियों के साथ वंदना के घर बैठक करने की बात सामने आई है। ज्ञात हो कि वंदना ने शानदार खेल दिखाते हुए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन गोल किए थे। यह मैच जीतकर भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। वो ओलंपिक के किसी मैच में गोल की हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।

CHARAN SINGH RAJPUT

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