निर्मल कांत शुक्ल-
पीलीभीत में भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता एवं सांसद वरुण गांधी ने शिक्षा के गिरते स्तर पर गंभीर चिंता जताते हुए बड़ी बात कही। बोले, डीएम-एसपी के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढ़े तो शिक्षा का स्तर सुधर जाएगा।
सांसद दो दिवसीय जनपद दौरे पर रविवार को पीलीभीत पहुंचे थे। जनसंवाद कार्यक्रमों में सांसद ने कहा कि देश में तरक्की तो हो रही है, लेकिन सबका हिस्सा तरक्की में होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सांसद ने कहा- मैं पिछली बार पीलीभीत आया था, तो एक युवक मिला था। उसने लोन लेने की बात कही। बोला- दो साल से दौड़ रहा हूं, तब से लोन नहीं मिला। बैंक वाले बोल रहे हैं लोन तो स्वीकृति कर देंगे, लेकिन उसका एक हिस्सा तो देना पड़ेगा।
सांसद ने कहा- ऐसी स्थिति में एक आम इंसान को आगे बढ़ना कितना मुश्किल होता है। मैंने पार्लियामेंट में कहा था कि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर बहुत मामूली है। अगर इसका स्तर ऊंचा करना है तो देश के डीएम व एसपी या बड़े अफसरों के लिए सरकारी स्कूल और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को अनिवार्य कर देना चाहिए। उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़े और इलाज भी सरकारी में हो, तो अपने आप ही व्यवस्थाएं/सेवाएं सुधर जाएंगी, लेकिन देश में ऐसा नहीं हो रहा है।
सांसद ने कहा कि मैं राजनीति में पैसा और नाम कमाने के लिए नहीं आया हूं। मेरी राजनीति देश और समाज के हित के लिए है। सांसद ने पंडित जवाहरलाल नेहरू का एक किस्सा सुनते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू से एक बुजुर्ग अम्मा मिली। बुजुर्ग ने प्रधानमंत्री का हाथ पकड़ते हुए कि कहा कि तुम तो देश को कौनसी आजादी दिलाने की बात करते थे, तो नेहरू ने जवाब में कहा जो आप प्रधानमंत्री का कलर पकड़े खड़ी हैं, इसी को आजादी कहते हैं।
सांसद ने कहा- हमारे और आप के बुजुर्गों ने आजादी के दौरान सपना देखा था कि अब किसी को किसी के सामने झुकना नहीं पड़ेगा, लेकिन आज बिना झुके कोई काम नहीं होता है। अगर किसी सरकारी अधिकारी के पास किसी काम से जाना पड़ता है तो आपको झुककर ही अपनी बात रखनी पड़ती है। सांसद ने कहा कि मैं एक ऐसा हिंदुस्तान देखना चाहता हूं, जहां एक आम आदमी बिना डरे अपनी बात रख सके।
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