पगथिया:
संवेदना:
सेठजी अपने आलिशान ऑफिस में बैठे अपने व्यवस्थापकों से राय मशवरा कर रहे थे। चर्चा का विषय था कि उनकी प्रतिस्पर्धी कम्पनियों को कि...
8.7.13
पगथिया: संवेदना
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अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
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