काल्पनिक कुत्ता
एक चोपाल पर दो गाँव वाले बैठे थे।करने धरने को कुछ काम नहीं था ,आपस में
बतीया करके भी थक गए तो उनमे से एक बोला - देख फकीरा ,अपन दोनों बातें
करते -करते उब गए हैं इसलिए कुछ करते हैं।
उसकी बात सुन फकीरा बोला-ऐसा करे दयाला ,अपन आपस में झगड़ पड़े।आपस
में लड़ेंगे तो और लोग भी इकट्टे हो जायेंगे।उसकी बात सुन दयाला बोला -बात तो तेरी जँचती है ,मगर बिना बात कैसे लड़ेंगे।
फकीरा बोला -लड़ने का तरीका ....................
दयाला बोला -देख,मैं लड़ने का तरीका बताता हूँ ....इतना कहकर दयाला ने जमीन
पर अंगुली से एक चोरस आकृति बनाई और बोला-फकीरा ,ये मेरा खेत है और
एक और आकृति बनाकर बोला -यह पास वाला तेरा खेत है।
फकीरा बोला -मान लेता हूँ।
उसके बाद दयाला ने कहा -तेरे खेत में फसल मेरे से ठीक पनप रही है परन्तु मेरे
खेत में फसल कम पनप रही है।
फकीरा बोला -तेरे किस्मत ही खराब है तो मैं क्या करू।
इस पर ताव देते हुए दयाला बोला -खेत मेने बनाया ,फसल तेरी ज्यादा पनप
रही है यह बात मेने कही और तू मेरी ही किस्मत को ख़राब बता रहा है।
फकीरा बोला -हाँ,पास -पास में खेत और तेरे फसल कम तो इसको तेरी फूटी
किस्मत ही तो कहूंगा।
दयाला ने गुस्से में कहा -तूने मेरी किस्मत को फूटा कहा ना ,अब ले मैं अपने
खेत में बंधी दोनों भेंसे,चारों गायें तेरे खेत में छोड़ देता हूँ।मेरे जानवर तेरा खेत
उजाड़ देंगे और तेरी किस्मत भी फूट जायेगी।
अब तो फकीरा भी गुस्से में आकर चिल्लाया -मेरी फसल को बर्बाद करने वाले,क्या
मेने हाथों में चूड़ियाँ पहन रखी है तेरा एक भी जानवर मेरे खेत से सलामत बाहर
नहीं जायेगा।
दयाला उसे चिल्लाता देख ताव में आ गया और बोला -अगर मेरे एक भी जानवर के
हाथ लगाया तो तेरी हड्डियाँ तोड़ दूँगा।
उसे ताव में देख अब तो फकीरा भी लाल हो गया और पास में पड़े डंडे से एक मार दी।
बस अब तो दोनों गुथमगुथा हो गए।उनको झगड़ते देख लोग इकट्टा हो गए और उनको
अलग किया।एकत्रित भीड़ से एक बुजुर्ग बोला -दोनों तो दोस्त हो ,फिर लड़ क्यों पड़े?
बुजुर्ग की बात का उत्तर देते हुए फकीरा बोला -दादा ,ये मेरे खेत में अपने जानवर
छोड़ने की धमकी दे रहा था।
बुजुर्ग बोला -मगर तेरे पास खेत था कब और दयाला के पास तो बकरी ही नहीं है फिर
जानवर कहाँ से आ गए।
दयाला बोला -दादा ,हम तो बैठे बैठे थक गये तो काल्पनिक खेल खेलने बैठ गए थे।
यही हाल तो इस देश की राजनीति का हो गया है।एक ने उदाहरण दिया
और विपक्षी उस काल्पनिक कुत्ते का पोस्टमार्टम करने लगे,देश का मीडिया,अखबार
उस काल्पनिक कुत्ते पर घंटो बहस करने लगे और पन्ने भरने लगे।वाह ....क्या खेल है
देश चलाने वालों का!!!
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