देहरादून। जन संवाद मंच के आह्वान पर विभिन्न संगठनों ने गांधी पार्क पर धरना दिया। इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क के पदाधिकारी विजय भट्ट ने कहा कि, इधर कुछ महीनों से संवैधानिक व जनतांत्रिक संस्थाओं पर हमला बढ़ता जा रहा है । तथाकथित हिंदूवादी संगठन कभी गौहत्या के बहाने तो कभी गोमांस सेवन के बहाने तो कभी लव जेहाद या तीन तलाक के बहाने हमें लड़ा रहे हैं। अब इन्होंने मीडिया पर हमला बोल दिया है हमें इस तरह के खतरों के प्रति सचेत होना पड़ेगा।
जनवादी महिला सभा की इंदू नौडियाल ने एनडीटीवी पर थोपे गये एक दिन के प्रतिबंध को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि यह अघोषित आपातकाल है। कभी लघु भारत कहे जाने वाले जेएनयू पर हमला बोला जाता है तो कभी रोहित वेमूला के बहाने दलितों पर। अब तो लोकतंत्र के चौथे खंभे को भी नहीं बख्शा जा रहा है। मोदी सरकार लगातार लोकतांत्रिक संस्थाओं का गला घोंट रही है।
चेतना आंदोलन के सयोंजक त्रेपन सिंह चौहान ने कहा है की आज जहां अधिकाँश टी वी जहाँ भूत प्रेतों को दिखा कर अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं। वही एनडी टीवी जान समस्याओं के साथ सरकारों के छालों को भी लोगों के सामने लाता रहा है।
किसी भी समाचार माध्यमों पर प्रतिबन्ध लगाना केवल अभिब्यक्ति की आजादी का पर हमला ही नहीं है बल्कि फासीवाद का एक क्रूर चेहरा भी होता है। क्योकि फासीवाद सबसे ज्यादा अभिभयक्ति की आजादी से डरता है। मोदी जी को समझना चाहिए की उनका फासीवाद देश नकार चुका है। तभी दिल्ली विहार में मुंह की कहानी पडी और अब यूपी में भी लोग जबाब देगें।
कार्यक्रम में लोक दस्तक, भारत ज्ञान-विज्ञान समिति, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति उत्तराखंड नव निर्माण संघ सहित विभिन्न संगठनों के लोग शामिल थे। जन संवाद मंच के लोगों ने जनगीत प्रस्तुत किया। आयोजकों ने केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 9 नवंबर को धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया है। इस दिन गांधी पार्क से एक मार्च निकाला जाएगा। राजधानी की आबादी व महत्व को देखते हुए इसमें शिरकत करने वालों की संख्या काफी कम थी। जो भी लोग आये वो एक एस एम एस व फोन पर। जिनके (पत्रकार) लिए धरने का आयोजन किया गया था उस तबके से ही कोई नहीं आया था।
अरुण श्रीवास्तव
देहरादून
07017748031
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