बेतिया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, पटना (बिहार सरकार ) से अधिमान्यता प्राप्त करने के लिए हिंदी त्रैमासिक समाचार पत्र "चम्पारण नीति " के संपादक - आदित्य कुमार दुबे ने जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय, बेतिया को प्रक्रिया के अनुसार आवेदन दिए थे । लेकिन आवेदन पर आगे की कार्यवाही का आलम यह है कि छः माह से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी कार्यवाही जस की तस बनी हुई है । तो सवाल उठना लाज़मी है
आगे की कार्यवाही नहीं होना आखिर प्रशासनिक पदाधिकारियों की किन खामियों को प्रदर्शित करता है ? जब संपादकों के द्वारा दिए गए आवेदन पर आगे की कार्यवाही करते-करते पदाधिकारियों को छः माह तथा पता नहीं और कितना समय लगेगा? जनता सोच सकती है कि उनके द्वारा चुने गए नेताजी पता नहीं कितने ऐसे लापरवाह पदाधिकारियों को बिहार में बहाल कर दिए हैं जो छः माह बीत जाने के बावजूद भी कुछ नहीं करते। जब पत्रकारों के द्वारा दिए गए आवेदन का यह हाल है । तो जनता द्वारा दिए गए आवेदन पर कितना तेज करवाई होता होगा । जनता सोच सकते हैं ।
आप को बता दे की चम्पारण नीति के संपादक आदित्य कुमार दुबे ने आवेदन नवम्बर 2019 में दिया था । 2020 आते-आते जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय ,बेतिया के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण आवेदन गुम हो गया । संपादक के द्वारा पुनः आवेदन भरकर दिया गया । बेतिया जिला पदाधिकारी के तबादले तथा नये जिला पदाधिकारी के आगमन । इस से पूर्व में जिला सूचना एवं जनसंपर्क ,बेतिया के अधिकारी के तबादले तथा नये जिला सूचना पदाधिकारी ,बेतिया के आगमन के कारण आवेदन कई महीनों तक लटका रहा ।
जब बेतिया के नये जिला पदाधिकारी कुन्दन कुमार हुए और उनके आने के कुछ दिनों के बाद जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के पदाधिकारी रश्मी कुमारी के द्वारा आवेदन जिला पदाधिकारी बेतिया कुन्दन कुमार को भेजा गया था। सूत्रों के अनुसार जिला पदाधिकारी कुन्दन कुमार ने आवेदन के नोट शीट पर डिस्कशन लिखकर भेज दिया था । तब से लेकर आज तक जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी , बेतिया रश्मि कुमारी डिस्कशन करने के लिए आज तक जिला पदाधिकारी कुन्दन कुमार के पास गई की नहीं यह हमें नहीं मालूम । लेकिन फोन पर हमें आश्वासन देती रही । जो कि नाकामयाब रहा ।
समाचार प्रकाशित होने के बाद आगे क्या होता है यह देखना बेहद खास होगा ।
ADITYA NEWS
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