लखनऊ : आज वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल में बुनकरों द्वारा शुरू की गयी मुर्री बंद हड़ताल को ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट और वर्कर्स फ्रंट ने समर्थन दिया है. समर्थन की घोषणा करते हुए प्रेस को जारी अपने बयान में आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी और वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वन डिस्टिक-वन प्रोजेक्ट का सरकारी दावा छलावा साबित हुआ है. पूरे प्रदेश में सिवाए हवा हवाई घोषणाओं के कहीं भी छोटे-मझोले उद्योगों और बुनकरी को बचाने के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है.
न तो बुनकरों को सरकारी इमदाद दी जा रही है और ना ही उनके कर्जा, बिजली बिल माफी और उन्हें राहत पैकेज देने की न्यूनतम मांग को पूरा किया जा रहा है. परिणामस्वरूप बुनकर आत्महत्या कर रहे हैं. मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक बुनकर परिवार ने तो तंगहाली में राजघाट के पुल से अपने बच्चों समेत जान दे दी. उन्होंने कहा कि बुनकरों की हालत तो पहले से ही खराब थी लेकिन कोरोना महामारी में सरकारी नीतियों ने उनकी कमर ही तोड़ दी है. बुनकरों को मिलने वाला सस्ती बिजली की पासबुक को योगी सरकार ने खत्म कर दिया और बिजली की कीमतों को लगातार बढ़ाकर इस महामारी में उन्हें बर्बादी की ओर धकेल दिया है.
उनके उत्पादों पर टैक्स लगातार बढ़ाए जा रहे हैं और लागत सामग्री की कीमतों में वृद्धि हो रही है. वहीं योगी सरकार और उसके आला अधिकारी सिर्फ घोषणाएं करने और सब्जबाग दिखाने में व्यस्त हैं. नेताओं ने मांग की है कि तत्काल प्रभाव से बुनकरों का बिजली बिल और सभी प्रकार का कर्जा माफ करना चाहिए, लागत सामग्री पर लगे टैक्सों को खत्म करना चाहिए, पुरानी सस्ती बिजली की पासबुक व्यवस्था बहाल करनी चाहिए और साथ ही हैंडलूम व हथकरघा निगम जैसे सरकारी संस्थानों के जरिए उनके उत्पाद की खरीद को सुनिश्चित कर उसे देशी विदेशी बाजारों में बेचने की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि बुनकरों को बेमौत मरने से बचाया जा सके और उनकी जिंदगी की सुरक्षा हो.
एस. आर.दारापुरी
राष्ट्रीय प्रवक्ता,
ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट
2.9.20
बुनकरों की मुर्री बंद हड़ताल
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