अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
साम्यवादियों के राज में सर्वहारा हादसा ? मृत मानवीय संवेदनाएँ ? मानसिक प्रदूषण ?
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