सुरेश गांधी
जी हां, सत्ता के धौंस की आड़ में यूपी में जो कुछ हो रहा है वह ब्रतानिया हुकूतम को भी मात दे गया है। फर्क इतना है पहले सच लिखने, सच बोलने, जुर्म सहने के बजाय डटकर विरोध करने पर सरेराह गोली मार दी जाती थी, अब जिंदा जला दिया जाता है या फर्जी मुकदमा दर्ज कर शारीरिक व मानसिक शोषण किया जाता है। सत्ता के शीर्ष नेतृत्व की धमकी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करने के बजाय उल्टे पीड़ित पर ही फर्जी मुकदमा दर्ज हो जाता है। मतलब साफ है यूपी में कब तक धौंस और दहशत के सहारे सत्ता चलती रहेगी। कब तक काले कारनामों की खुलासा करने पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर घर-गृहस्थी लूटवाना या जिंदा जलवाना या फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर प्रताड़ित कराते रहेंगे। अगर यही सरकार का मकसद है, इसे गुंडाराज नही ंतो और क्या कहेंगे?
गुंडाराज कहने के पीछे इससे बड़ा सच और क्या हो सकता है कि सीनियर एवं ईमानदार आईपीएस अमिताभ ठाकुर को सपा सुप्रीमों मुलयाम सिंह यादव द्वारा दी गयी धमकी के खिलाफ कोतवाली में रपट लिखने के सापेक्ष उल्टे उन्हीं पर दो महीने पूर्व के फर्जी तहरीर को आधार बनाकर रेप केस वह भी उनकी पत्नी नूतन ठाकुर सहित दर्ज हो गया। मतलब साफ है इस दौर में अगर सच लिखने पर पत्रकार को जिंदा जलाया गया, या सच्चाई लिखने पर पत्रकार की घर-गृहस्थी लूटकर जिलाबदर किया गया, या शिकायत करने गई महिला का पुलिस द्वारा थाने में बलातकार कर जिंदा जला दिया गया तो सब कुछ मुलायम सिंह यादव या उनकी पार्टी के बाहुबलि जनप्रतिनिधियों के इशारे पर ही हुआ। कहा जा सकता है कि इस जंगलराज में ईमानदार लोगों को कुछ बोलने-लिखने के लिए सरकार की गुंडागर्दी झेलनी ही पड़ेगी, जान की बाजी लगानी ही पड़ेगी, कम से कम 2017 तक। जो भी हो इतना तो हर कोई जान ही गया कि ईमानदार पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को फोन पर मुलायम सिंह यादव ने धमकी सिर्फ इसलिए दी कि उनके मंत्री गायत्री प्रसाद के खिलाफ उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई। सच तो यह है कि गाजियाबाद की जिस महिला ने जान से मारने की धमकी और रेप का इल्जाम लगाते हुए अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ रेप केस दर्ज करवाई है, उसे दो महीने पहले ही डिस्टिक कोर्ट-हाईकोर्ट तक से लेकर तमाम जांच एजेंसिया फर्जी करार दे चुकी है। इस पुरे घटनाक्रम से उल्टा प्रदेश की असामाजवादी सरकार की असलियत पता चल गयी है जिसका जवाब प्रदेश की जनता अगले चुनावो में जरुर देगी।
जनता इसी बहाने जान तो गयी कि यूपी में खनन हो अन्य घपले-घोटालों जैसे काले कारनामे सब सपा मुख्यिा के सह पर होता है। जो कोई भी इस अवैध धंधे के खिलाफ आवाज उठाता है उसके खिलाफ कार्रवाईयां श्री मुलायम सिंह जी के निर्देश पर ही होता है। ऐसा नूतन ठाकुर ने एक बार फिर से भेजी गयी जांच एजेंसियों की शिकायती पत्र में कहा है। यह कड़वा सच है कि यूपी में अधिकांश मंत्रीगण व विधायक अपराधिक पृष्ठभूमि के है। यही वजह है कि मंत्रियों या राजनैतिक में प्रभावशाली लोगों द्वारा अधिकारीयों द्वारा जनता को गालिगलोच, अभद्रता, बहन-बेटियों के साथ वलात्कार के प्रयास, पत्रकार को जलाकर मारने व किसी मां के साथ पुलिस द्वारा थाने में वलात्कार के असफल प्रयास के बाद जलाकर मारना आदि अब सामान्य सी बात होकर रह गयी है। पहले तो कोई अधिकारी या व्यक्ति इस सब का विरोध नहीं करता है और यदि कोई विरोध करने का साहस भी करता है तो उसको कलंकित करने के लिए वलात्कार या भ्रष्टाचार जैसे आरोप लगवा देने जैसे हथकंडे अपनाये जातें है। अमिताभ ठाकुर पर भी फर्जी वलात्कार का आरोप लगा कर उनका मनोबल गिराने का प्रयास किया गया। इन सबके बीच यह उम्मीद लगाना कि इस सरकार में न्याय हो पायेगा बेमानी होगा। आपराधिक छतरी सभी गुंडे, बदमाशों को अपनी छाया में बड़ी चतुराई से छुपा लेने में सक्षम है। यह और भी दुर्भाग्य पूर्ण है जब सत्ता के शिखर पर बैठे लोग भूलवश या येनकेन में, या शौकिया, या फिर अपनी जीभ की खुजली मिटाने के लिए धमकी, गली गलोंच दे बैठते है, तो उनके कान कौन उमेठे? ऐसा साहस किस में है, सिवाय जनता के। तहरीर के बाद भी, ऐसे मामलों में पुलिस कारवाही की तो कुछ उम्मीद नहीं की जा सकती, परन्तु न्यायालय की सक्रियता-तटस्था से लोकतंत्र को मजबूत करने की उम्मीद जरूर की जा सकती है।
कहा जा सकता है इस सरकार में कानून तोडने वाले बड़ी संख्या में कानून बनाने वाले बन बैठे हैं। लेकिन निराश होने की जरुरत नहीं, क्योंकि अगर कानून के हाथ बड़े लम्बे होतें है तो जनता के उससे भी लंबे। अमिताभ और उनकी पत्नी डॉ नूतन के ऊपर गाजियाबाद की एक महिला द्वारा जो बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया गया है उसे साक्ष्यों और तथ्यों पर तो खत्म किया जा सकता है लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि यूपी में राजनेता-अपराधी-प्रशासन का किस तरह का घिनौना गठजोड़ है। अच्छा तो यही होगा कि इस मामले की सीबीआई जांच हो। शाहजहांपुर के जांबाज पत्रकार जागेन्द्र सिंह को जिन्दा फूंकने की साजिश करने वाले मंत्री राममूर्ति वर्मा और वहां के कोतवाल समेत बाकी अन्य वांछितों को तो अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया। इतना ही नहीं, बाराबंकी के थाने में जिन्दा जला दी गयी महिला के आरोपी थानाध्यक्ष और दारोगा को भी एफआईआर दर्ज होते ही जेल भेज दिया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि इसमें सौदाबाजी चलती रही। शाहजहांपुर वाले मंत्री रामूमर्ति वर्मा और अन्य वांछितों के बारे में तो गम्भीर रूप से जले जागेन्द्र सिंह ने अपने मरने से पहले वीडियो-बयान में कह दिया था कि उसे जलाने के लिए राममूर्ति वर्मा, कोतवाल समेत कई अपराधी शामिल थे। लेकिन सरकार ने तय किया कि राममूर्ति को जेल नहीं भेजा जाएगा। इसी चक्कर में कोतवाल आदि मुजरिमों की भी लॉटरी खुल गयी। वे भी स्वच्छन्द घूमने लगे। जाहिर है कि पूरे प्रदेश में सन्देश चला गया कि ऐसी भी नृशंस घटनाओं पर भी सरकार नहीं जागेगी। नतीजा बाराबंकी में एक महिला को थाने में ही जिन्दा फूंक दिया गया। सरकार किस मुंह से बाराबंकी पर कार्रवाई करे, जबकि शाहजहांपुर की आग अलग भड़की थी। नतीजा, सरकार और उसके कारिन्दों ने इस मामले को भी ठण्डे बस्ते में डाल दिया। अब अमिताभ-नूतन पर बलात्कार व उसकी कोशिश का आरोप लगाया है। एक ही शैली में दो महिलाओं ने एक साथ अर्जी दी। थाने के बजाय सीधे महिला आयोग में। क्यों? क्योंकि यह साफ-साफ साजिश थी जिसके केन्द्र में है यूपी सरकार के चहेते खनन मंत्री गायत्री प्रजापति। ठीक वैसे ही जैसे मायावती के खनन मंत्री थी बाबूसिंह कुशवाहा, जो एक-एक दिन में अरबों-खरबों की डील कराते थे।
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव द्वारा धमकी दिए जाने के विरोध में आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दे दी है। लेकिन कोतवाली में इंस्पेक्टर मुकदमा दर्ज करने के बजाय उन्हें बैरंग वापस जाने की सलाह दे डाला। काफी प्रयास के बाद इंस्पेक्टर ने तहरीर लेकर जांचोपरांत मुकदमा दर्ज करने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया। ठाकुर के मुताबिक, थाना इन्चार्ज विजयमल सिंह यादव ने मीडिया के दबाव में एप्लिकेशन तो ले लिया, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की। श्री ठाकुर का कहना है कि वह मुलायम सिंह यादव की बहुत इज्जत करते रहे हैं, लेकिन इस घटना के बाद उनके मन में धारणा बदल गई है। उन्होंने बताया कि हजरतगंज थाने में एफआईआर न दर्ज होने के विरोध में वह सोमवार को कोर्ट की शरण लेंगे, ताकि उन्हें न्याय मिल सके। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उन्होंने सीएम से मांग की है कि वे राजधर्म का पालन कर उन्हें न्याय दिलाने का काम करें। इसके पहले अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने धमकी भरी ऑडियो टेप मीडिया को सौंप दी है। जिसमें अमिताभ ठाकुर की समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह से बातचीत हो रही है। यह टेप प्रिंट, इलेक्टानिक के साथ-साथ सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। टेप में मुलायम सिंह अमिताभ को सुधर जाने की हिदायत देते हुए सुनाई दे रहे हैं। साथ ही फिरोजाबाद के सपा नेता व मुलायम सिंह यादव के नजदीकी रिश्तेदार रामवीर के यहां हुई किसी दावत के बारे में बात कर रहे हैं। फोन पर अफसर से उनकी लगभग 2 मिनट बात हुई जिसमें अंत में उन्होंने अफसर को सुधर जाने की हिदायत देते हुए फोन काट दिया। मुलायम सिंह ने आईपीएस को कहा- सुधर जाओ, नहीं तो....! अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि यह धमकी भरा फोन उन्हें गायत्री प्रसाद प्रजापति मामले में किया गया है।
खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी और सदस्य अशोक पांडेय के खिलाफ नूतन ठाकुर ने गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इसमें नूतन ने आरोप लगाया कि उनके पति ने लोकायुक्त के सामने प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसी के चलते उन्होंने आयोग के अध्यक्ष और सदस्य के साथ मिलकर मेरे पति के खिलाफ रेप के दो फर्जी मामले दर्ज करा दिए। ठाकुर का कहना है कि उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही है। अमिताभ ठाकुर ने कहा, मुलायम सिंह पूरे प्रदेश के मुखिया हैं और उनके द्वारा जब इस तरह की धमकी दी जा रही है तो वह मेरे साथ कुछ भी करा सकते हैं। सामाजिक मुददों को उठाने में अपनी पत्नी नूतन ठाकुर की मदद करने वाले पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी अमिताभ ने एक ऑडियो जारी करते हुए दावा किया कि उसमें मुलायम की आवाज है और वह उन्हें धमकी दे रहे है। ठाकुर ने कहा, मुझे और मेरी पत्नी को जान का खतरा है। डॉ. नूतन ठाकुर ने कहा कि फोन पर धमकी देने का प्रकरण एक आपराधिक मामला बनता है। इसमें कोर्ट के आदेश पर आईपीसी की धारा 506 के तहत मामला दर्ज हो सकता है। प्रकरण को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। बीजेपी प्रवक्ता डॉ. आईपी सिंह ने कहा कि धमकी देने का काम सपा के कार्यकर्ता और नेता पहले से करते आए हैं। सांसद महंत आदित्यनाथ ने कहा कि एक सीनियर आईपीएस अफसर द्वारा सत्ताधारी दल के मुखिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने से यह साबित हो जाता है कि प्रदेश में अराजकता का माहौल है। कांग्रेस प्रवक्ता बिजेन्द्र त्रिपाठी का कहना है कि बेहद सीनियर नेता मुलायम सिंह यादव के मुंह से इस तरह की बातें शोभा नहीं देती हैं। धमकी देने से साबित होता है कि सपा सरकार में अपराध चरम पर है।
लेखक Suresh Gandhi से संपर्क sureshgandhi.aajtak@gmail.com के जरिए किया जा सकता है.
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