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13.5.16

आंतरिक कलह का शिकार अमर उजाला डॉट कॉम हुआ धराशायी, भास्कर के रास्ते का कांटा हटा!

2013 में विनोद वर्मा के संपादकीय नेतृत्व में जब अमर उजाला डॉट कॉम हिंदी वेब न्यूज की दुनिया में तेजी से उछला तो सबसे ज्यादा खतरा भास्कर डॉट कॉम के नंबर वन पोजिशन को हुआ था। लेकिन अब भास्कर डॉट कॉम के एकछत्र राज करने का रास्ता साफ होता दिख रहा है।


लगभग 400 मिलियन के आसपास पेजव्यूज वाले भास्कर डॉट कॉम को चुनौती देने वाला एक मात्र वेबसाइट अमर उजाला डॉट कॉम अपने आंतरिक कलह की वजह से धराशायी हो चुका है और विनोद वर्मा के इस्तीफे के बाद सबल नेतृत्व के अभाव में इसके फिर से उठने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।

हिंदी बेल्ट में वेब न्यूज में भास्कर को दो प्रमुख प्रतिद्वंदी हैं। जागरण और अमर उजाला। दैनिक जागरण में पेशेवर ढंग से काम नहीं होता इसलिए उनसे भास्कर को कोई खतरा नहीं था। लेकिन अमर उजाला डॉट कॉम 2013-15 के बीच काफी तेजी से आगे बढ़ा और यह पेजव्यूज में 300 मिलियन पार कर गया। जबकि उसी समय भास्कर डॉट कॉम लगभग 33 मिलियन के आसपास थी। लग रहा था कि अमर उजाला डॉट कॉम उसे पीछे छोड़ देगा।

लेकिन मैनेजमेंट के आंतरिक कलह ने अमर उजाला डॉट कॉम की लुटिया डुबो दी। सूत्रों के मुताबिक इसका पेजव्यूज फिलहाल 100 मिलियन के आसपास गिर चुका है। अब अमर उजाला डॉट कॉम अपनी पुरानी ताकत फिर से दिखाएगा कि नहीं ये तो वक्त ही बताएगा।

लेकिन फिलहाल जो संपादक और टीम है, उसके बूते यह संभव नहीं दिखता। विनोद वर्मा के  जाने के बाद अमर उजाला डॉट कॉम में इस्तीफों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि इस वेबसाइट की कमाई 9-10 करोड़ से घटकर 2-4 करोड़ रह गई है। इसलिए नई कंपनी अमर उजाला वेब को फिर से नोएडा प्रिंट ऑफिस में शिफ्ट करने की प्लानिंग की जा रही है।

लेखक Sachcha Bhadasi से संपर्क sachchabhadasi@gmail.com के जरिए किया जा सकता है.

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