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1.11.15

सर्वोदय समाज का सम्मेलन आरंभ, दुनिया भर से जुटे हैं गांधीवादी


जिस देश में महिलाओं का सम्मान नहीं, वह गांधी का देश नहींः धर्माधिकारी
चुनौतियों का समाना करने के लिए गांधीवाद का रास्ता सहीः आदित्य पटनायक

नई दिल्ली। 46 वां अखिल भारतीय सर्वोदय समाज का तीनदिवसीय सम्मेलन आज से गांधी आश्रम, हरिजन सेवक संघ के परिसर में आरंभ हो गया है। इस सम्मेलन में पूरी दुनिया से पांच हजार गांधीवादी वर्तमान की चुनौतियों का मुकावला करने के रास्ते की तलाश में जुटे हैं।

भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा फ्रांस, मेक्सिको, कनाडा, सहित दुनिया के विभिन्न देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहें हैं। यह सम्मेलन तीन दिनों तक चलेगा , जिसमें विभिन्न विषयों पर मंथन होगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी।

सम्मेलन का उद््घाटन दीप प्रज्जवलित कर सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक  बिन्देश्वर पाठक ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गांधी के रास्ते पर चलकर ही अहिंसक समाज की रचना की जा सकती है। समाज की बेहतरी और देश की संपन्नता के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।



अधिवेशन को मुख्य अतिथि के रूप में सबोधित करते हुए पद्मभूषण जस्टिस चंद्रशेखर धर्माधिकारी ने कहा कि सर्वोदय समाज एक विचारधारा है। गांधी विचार पर चिंतन करें और आगे  का रास्ता तय करें यही इस सम्मेलन का मकसद है। मौजूदा चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश को राजनीतिक आजादी तो मिली, लेकिन अन्य गुलामी से मुक्ति नहीं मिली। गांधी के चिंतन का मकसद था जरूरतमंदों को अवसर मिला। सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि क्या वह अवसर आज मिल रहा है। आज जिसके पास पैसा है, वहीं खरीददार है। बापू के स्वराज का मकसद सभी प्रकार की गुलामी से मुक्ति  है। उन्होंने कहा कि जिस देश में महिलाओं का सम्मान नहीं, वह गांधी का देश नहीं है। हर प्रकार के अत्याचार का प्रतिकार करना होगा। उन्होंने कहा कि सर्वोदय समाज के समक्ष  यह चुनौती है कि आनेवाली पीढ़ी को कैसी विरासत सौंपना चाहते हैं इस पर चिंतन करने की जरूरत है। उनके लिए क्या अवसर होंगे, क्या संसाधन होंगे? इस पर विचार करना होगा।

अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध गांधीवादी सुश्री राधा भट्ट ने कहा कि मौजूदा समय में सम्प्रदायों के भेदभाव के कारण नफरत की खाई बढ़ती जा रही है। विविधता हमारी पूंजी है और विरासत है। देश में इस तरह के अन्याय जहां- जहां हो रहे हैं, उसका प्रतिकार हर स्तर पर किया जाना चाहिए।

सम्मेलन के मकसद को रेखांकित करते हुए 46वां सर्वोदय समाज सम्मेलन के संयोजक आदित्य पटनायक ने कहा कि गांधी के दर्शन के आधार पर सामाजिक व्यवस्था बने, इसका हल तलाशने के लिए पूरी दुनियां से गांधीवादी यहां जुटे हैं।

इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका, सम्रग सर्वोदय दर्शन, और सर्वोदय डायरी का भी लोकापर्ण किया गया। अधिवेशन का संचालन राष्ट्र्ीय गांधी संग्राहलय के संयुक्त निदेशक उत्तम कुमार सिन्हा और गांधी स्मृति दर्शन समिति की शाश्वती ने किया। संचालन के क्रम में उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक स्थल है जहां बापू ने एक समय व्यतीत किया था। अधिवेशन के हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष शंकर कुमार सान्याल, लक्ष्मी दास ने भी संबोधित किया।

अधिवेशन में श्री मती कृृष्णम्मा जगन्नाथम्, राज्यसभा के सदस्य ए.वी स्वामी, सुप्रसिद्ध गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही, गुजरात गांधीविद्यापीठ के पूर्व कुलपति सुदर्शन आयंगर, खादी मिशन के संयोजक वाल विजय, जलपुरूष राजेन्द्र सिंह, प्रो रामजी सिंह,  जयवंत मटकर, गांधी दर्शन के निदेशक दीपंकर श्रीज्ञान, फ्रांस के शांति कार्यकर्ता जीनलुइस बाटो, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष महादेव विद्राही, शशि त्यागी, महाबीर त्यागी, राष्ट्र्ीय गांधी संग्राहलय के निदेशक अन्नामलाई, मंगतराम सिंघल, नीता महादेव आदि हिस्सा ले रहे हैं। दूसरे सत्र में स्वतंत्रता से स्वराज ;खादी,ग्राम स्वराज द्ध पर चर्चा हुई। इस सत्र का संचालन प्रो.एम.पी मथाई ने किया।

कुमार कृृष्णन, मीडिया समन्वयक
मोबाइल- 07042239015
प्रेस विज्ञप्ति


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