आजादी के बाद पहला रेल बजट पहले रेलमंत्री के तौर पर 1948-49 में डॉ. जॉन मथाई की ओर से पेश किया गया था। इस तरह अब तक अंतरिम और फाइनल कुल मिलाकर 80 रेल बजट पेश किए जा चुके हैं। वर्ष 2012-13 का रेल बजट 81वां बजट है, जिसे ममता बनर्जी, दिनेश त्रिवेदी के बाद रेल मंत्री बने पवन बंसल ने पेश किया...
देश का पहला रेल बजट आजादी के बाद पेश हुआ भारतीय राजनीति के इतिहास में वो पल आज भी संसद की कार्यवाही में धरोहर के तौर पर दर्ज है। संसद में जब पहला रेल बजट पेश हुआ था, उस समय ना तो आज की राजनीति थी और ना ही माहौल देश के राजनेता सुचिता की राजनीति किया करते थे, लेकिन रेल के हालत और संगठन आज बड़ा है भारतीय रेल आज रोजाना करीब ढाई लाख यात्रियों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाती है। करीब 115,000 किलोमीटर के लम्बे ट्रैक और 7500 स्टेशन वाली भारतीय रेल विश्व की सबसे बड़ी रेल नेटवर्क है।
भारतीय रेल का पहला रेल बजट वर्ष 1948 में रेल मंत्री एवं वित्तमंत्री जॉन मथाई ने पेश किया था। मथाई मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट थे। उन्होंने देश के दो बजट पेश किये और फिर 1950 में इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उस दौरान प्लानिंग कमीशन का दबाव बढ़ गया था। जॉन मथाई 1955 में स्थापित स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के पहले चेयरमैन भी बने। 1955 से 1957 तक वो मुंबई विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे और फिर केरल विश्वविद्यालय के पहले वाइस चांसलर। जान मथाई के बेटे रवि जॉन मथाई ने भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद की स्थापना की, और पहले निदेशक बने। जॉन मथाई को भारत सरकार ने पद्मविभूषण से भी नवाजा है।
देश का पहला रेल बजट आजादी के बाद पेश हुआ भारतीय राजनीति के इतिहास में वो पल आज भी संसद की कार्यवाही में धरोहर के तौर पर दर्ज है। संसद में जब पहला रेल बजट पेश हुआ था, उस समय ना तो आज की राजनीति थी और ना ही माहौल देश के राजनेता सुचिता की राजनीति किया करते थे, लेकिन रेल के हालत और संगठन आज बड़ा है भारतीय रेल आज रोजाना करीब ढाई लाख यात्रियों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाती है। करीब 115,000 किलोमीटर के लम्बे ट्रैक और 7500 स्टेशन वाली भारतीय रेल विश्व की सबसे बड़ी रेल नेटवर्क है।
भारतीय रेल का पहला रेल बजट वर्ष 1948 में रेल मंत्री एवं वित्तमंत्री जॉन मथाई ने पेश किया था। मथाई मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट थे। उन्होंने देश के दो बजट पेश किये और फिर 1950 में इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उस दौरान प्लानिंग कमीशन का दबाव बढ़ गया था। जॉन मथाई 1955 में स्थापित स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के पहले चेयरमैन भी बने। 1955 से 1957 तक वो मुंबई विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे और फिर केरल विश्वविद्यालय के पहले वाइस चांसलर। जान मथाई के बेटे रवि जॉन मथाई ने भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद की स्थापना की, और पहले निदेशक बने। जॉन मथाई को भारत सरकार ने पद्मविभूषण से भी नवाजा है।
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