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19.2.13

अग्निवेश- सियासी चाल तो नहीं..!


स्वामी अग्निवेश एक बार फिर से सुर्खियों में हैं...एक बार फिर से अग्निवेश ने मुंह खोला तो विवाद शुरू हो गया है। इस बार स्वामी जी कुछ ज्यादा ही बोल गए और कुछ ऐसा बोल गए जिससे उनके ऊपर तक सवाल उठने लगे हैं और उनके दावे की सत्यता पर संदेह हो रहा है...हालांकि ये अलग बात है कि स्वामी हमेशा ही सवालों के घेरे में ही रहे हैं..!
दरअसल स्वामी अग्निवेश ने समाजसेवी अन्ना हजारे के अगस्त 2011 में जंतर मंतर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ और लोकपाल के समर्थन में अनशन के संबंध में अपना मुंह खोला है। स्वामी जी का कहना है कि तत्कालीन टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल चाहते थे कि अन्ना हजारे अपना अनशन न तोड़ें और अनशन करते हुए अन्ना हजारे की मौत हो जाए ताकि लोकपाल के समर्थन में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके आंदोलन और मजबूत हो जाता।
हालांकि अरविंद केजरीवाल ने अग्निवेश के आरोपों को बेतुका बताते हुए उल्टा सवाल किया है कि अगर ऐसा था तो अग्निवेश ने दो साल बाद क्यों मुंह खोला और अग्निवेश के पास इस बात के प्रमाण हैं तो वो प्रमाण पेश करें।
अन्ना हजारे ने भी अग्निवेश के बयान को हवा हवाई बताते हुए कहा कि कुछ लोग सनसनीखेज बातें करने के लिए ऐसा कह रहे हैं।
अगर माना कि अग्निवेश सच बोल रहे हैं तो फिर क्यों अब तक अग्निवेश इस महत्वपूर्ण मसले को दिल में दबाकर बैठे थे..? क्यों नहीं उस वक्त ही अग्निवेश ने केजरीवाल की ऐसी नीयत का भंडाफोड़ किया..? उस वक्त तो अग्निवेश बकायदा टीम अन्ना के सदस्य भी थे। अब जबकि अग्निवेश के साथ ही अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल की भी राहें अलग- अलग हैं तो इस बात को करने का क्या औचित्य है..?
लंबे समय से मीडिया की सुर्खियों से दूर रहे अग्निवेश ने क्या सिर्फ मीडिया की सुर्खियों के लिए इस तरह का सनसनीखेज बयान दिया है..? या फिर अग्निवेश का बयान अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के लिए किसी सियासी चाल का हिस्सा हो सकता है..! ऐसा इसलिए क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के जरिए केन्द्र सरकार के साथ ही दिल्ली की शीला सरकार के भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाफ न सिर्फ मोर्चा खोल रखा है बल्कि सरकार की नींद भी हराम कर रखी है।
जाहिर है दिल्ली के विधानसभा चुनाव और फिर 2014 के आम चुनाव में केजरीवाल का सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिल्ली सरकार के साथ ही केन्द्र सरकार की दोबारा सत्ता हासिल करने की राह में रोड़ा बन सकता है। तो कहीं सरकार में शामिल कुछ लोगों का अग्निवेश के मुंह से अन्ना हजारे के बहाने एक सियासी दांव खेलकर अरविंद केजरीवाल को बदनाम करके आम आदमी पार्टी के प्रति लोगों का रूझान खत्म करने की तो कोशिश नहीं है..?
वैसे भी राजनीति में सब कुछ जायज है और राजनीति का इतिहास भी कहता है कि अपने फायदे के लिए राजनेता किसी भी हद तक जा सकते हैं तो फिर केजरीवाल को बदनाम करने के लिए नेताओं का अग्निवेश के सहारे एक सियासी चाल खेलना कौन सी बड़ी बात है..!
कभी हरियाणा के शिक्षा मंत्री रहे स्वामी अग्निवेश वैसे भी शुरु से ही एक विवादित हस्ती रहे हैं...कुछ लोग उन्हें हिंदू विरोधी कहते हैं तो कुछ नक्सलियों के मददगार। अग्निवेश ने तो एक बार पश्चिम बंगाल के विश्व भारती हास्टल वार्डन का लड़की को खुद का पेशाब पीने की बात को तक जायज ठहरा दिया था जिस पर काफी बवाल मचा था। टीम अन्ना से भी उन्हें अंदर की खबर सरकार तक पहुंचाने के आरोप में ही टीम से बाहर का रास्ता दिखाया था और केजरीवाल से तो  अग्निवेश का शुरु से ही छत्तीस का आंकड़ा रहा है।
बहरहाल अग्निवेश के सनसनीखेज खुलासे के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है...अब अग्निवेश के दावे में कितनी सच्चाई है ये अग्निवेश और केजरीवाल से बेहतर और कौन जानता होगा लेकिन इतना जरूर है कि इस बयान के बाद अग्निवेश जरूर लंबे वक्त के बाद सुर्खियों में छा गए हैं...जो शायद वे चाहते भी होंगे..!

deepaktiwari555@gmail.com

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