28.12.15
After Patidar Andolan, one lac Muslims also gathered in Ahmedabad in the changing political climate to raise muslim issues
Ahmedabad: First time after 2002 , muslims of Gujarat shows their numbers in Ahmedabad on the occasion of 17th national convention of All India Milli council. Last timemuslims were gather in such mass scale when All India Muslim Personal Law Board hold the convention in Ahmedabad in 1992 before Babri Masjid demolition. speaking on the occasion , muslim political and religious leaders reiterated that intolerance and religious hatred are on rise . so , community should united against saffron outfits.
मोदी के विवेक पर प्रत्याशा का बोझ
एच.एल.दुसाध
वैसे तो भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ.भीमराव आंबेडकर के जयंती की रौनक साल दर साल बढती ही जा रही है,पर यह वर्ष इस लिहाज से बहुत खास रहा.इस वर्ष उनकी 125 वीं जयंती होने के कारण तमाम राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने अपने-अपने स्तर पर एक दूसरे से बढ़कर भव्य आयोजन किया.इस सिलसिले को आगे बढाते हुए दलित उद्यमियों का संगठन डिक्की (दलित इन्डियन चेंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज) 29 दिसंबर को दिल्ली में ‘एससी/एसटी उद्यमियों का भव्य राष्ट्रीय सम्मलेन आयोजित करने जा रही है.वैसे तो यह वर्ष डिक्की की स्थापना का दसवां वर्ष भी है,किन्तु विज्ञान भवन जैसे प्रतिष्ठित सभागार में आयोजन के पीछे निश्चय ही प्रमुख प्रेरणा आंबेडकर की 125 वीं जयंती ही है.इसी से प्रेरित हो कर दस साल पुराने इस संगठन ने इस वर्ष से राष्ट्रीय सम्मलेन की शुरुआत की है.
वैसे तो भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ.भीमराव आंबेडकर के जयंती की रौनक साल दर साल बढती ही जा रही है,पर यह वर्ष इस लिहाज से बहुत खास रहा.इस वर्ष उनकी 125 वीं जयंती होने के कारण तमाम राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने अपने-अपने स्तर पर एक दूसरे से बढ़कर भव्य आयोजन किया.इस सिलसिले को आगे बढाते हुए दलित उद्यमियों का संगठन डिक्की (दलित इन्डियन चेंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज) 29 दिसंबर को दिल्ली में ‘एससी/एसटी उद्यमियों का भव्य राष्ट्रीय सम्मलेन आयोजित करने जा रही है.वैसे तो यह वर्ष डिक्की की स्थापना का दसवां वर्ष भी है,किन्तु विज्ञान भवन जैसे प्रतिष्ठित सभागार में आयोजन के पीछे निश्चय ही प्रमुख प्रेरणा आंबेडकर की 125 वीं जयंती ही है.इसी से प्रेरित हो कर दस साल पुराने इस संगठन ने इस वर्ष से राष्ट्रीय सम्मलेन की शुरुआत की है.
जहरीली हवा से जूझ रहा बनारस, बच्चों पर सबसे ज्यादा खतरा Varanasi Battles Toxic Air; Children Most Vulnerable.
व्हीसल ब्लोवर ट्रस्ट की ओर से “बनारस का बदलता हुआ पर्यावरण और खतरे में बचपन” विषय पर पराडकर भवन में एक प्रेस वार्ता का अयोजन किया गया. इस प्रेस वार्ता को व्हीसल ब्लोवर ट्रस्ट द्वारा संचालित “केयर 4 एयर अभियान” की प्रबंधक एकता सिंह और शहर के जाने माने पर्यावरण प्रेमी और आशा ट्रस्ट के सदस्य वल्लभाचार्य पांडेय ने सम्बोधित किया. उपरोक्त विषय पर बोलते हुए अभियान की प्रबंधक एकता ने बताया कि दिल्ली के प्रदूषण स्तर की चर्चा करते हुए हमने बनारस के साथ साथ पुरे उत्तर भारत के प्रदूषण स्तर के बारे में न तो जरूरी चर्चा की है और न ही जरूरी कदम उठाये गये हैं. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी पी सी बी) की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी होने वाला प्रति घंटे का आंकडा यह साबित करता है कि पूरे उत्तर भारत के साथ साथ ही हमारा शहर बनारस भी ज़बर्दस्त वायु प्रदूषण से पीडित है.
इस प्रधानी के चुनाव से गांव में पिअक्कड़ों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है
-प्रवीण कुमार सिंह-
गावों जवार के जितने हरामखोर थे,
प्रधान बन के आ गये अगली कतार में...!
ये पक्तियॉं अदम गोंडवी की है। यह सुनने में भले ही ठीक न लगे। लेकिन ये खरा सच है?
उ. प्र. में पंचायत का चुनाव चल रहा है। जिसमें खूब शह मात और सियासी दांव-पेच का खेल चल रहा है। जो पहले दश्मन थे वे दोस्त बन गये हैं। और दोस्त दुष्मन बन गये हैं। चुनाव नजदीक आने के साथ ही मुर्गा और दारू का भोज तेज होता जा है। षराब की बिक्री इतनी बढ़ गयी है कि अबकारी विभाग की सप्लाई कम पड़ गई है। ये तो न. 1 की दारू है। न. 2 की दारू कचिया शराब यहां के देवारा में प्रतिदिन बन रही है और खत्म हो जा रही है। चुनाव के साथ ही शराब पी कर मरने की खबर आ रही है। लेकिन पीने वालो को नो टेंशन।
गावों जवार के जितने हरामखोर थे,
प्रधान बन के आ गये अगली कतार में...!
ये पक्तियॉं अदम गोंडवी की है। यह सुनने में भले ही ठीक न लगे। लेकिन ये खरा सच है?
उ. प्र. में पंचायत का चुनाव चल रहा है। जिसमें खूब शह मात और सियासी दांव-पेच का खेल चल रहा है। जो पहले दश्मन थे वे दोस्त बन गये हैं। और दोस्त दुष्मन बन गये हैं। चुनाव नजदीक आने के साथ ही मुर्गा और दारू का भोज तेज होता जा है। षराब की बिक्री इतनी बढ़ गयी है कि अबकारी विभाग की सप्लाई कम पड़ गई है। ये तो न. 1 की दारू है। न. 2 की दारू कचिया शराब यहां के देवारा में प्रतिदिन बन रही है और खत्म हो जा रही है। चुनाव के साथ ही शराब पी कर मरने की खबर आ रही है। लेकिन पीने वालो को नो टेंशन।
किस्सा-ए-एकता
शिवेन्दु राय
देश में एकता हो, यह हर देशवासी की दिली तमन्ना है | यूँ तो देश में एकता पर हमेशा ही बड़ा जोर दिया जाता रहा है | हर रोज किसी न किसी नेता का बयान आ ही जाता है | जिसमें एकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा जाता है कि हम सब एक है हमें कोई तोड़ नहीं सकता है | एकता की बात घर में हम भाई-बहन को पापा-मम्मी से, पापा-चाचा को दादा-दादी से देश की जनता को पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी से बचपन से ही सुनता आ रहा हूँ | आज तक भ्रम में हूँ कि एकता के साथ रहने, मिलने से रोक कौन रहा है ?
भाजपा संकट : ...और कितने ‘कीर्ति’ होंगे आजाद...?
-अरविन्द कुमार सिंह-
दरभंगा के सांसद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भगत झा आजाद के क्रिकेटर बेटे कीर्ति ‘आजाद’ को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से आजाद कर दिया गया । उनके इस निलंबन का आधार बनाया गया भाजपा के वरिष्ठ नेता और भारत सरकार के वित्त तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली के विरुद्ध उनका बगावती तेवर । आजाद का यह तेवर कोई नया नहीं है बल्कि इसकी संगे-बुनियाद तो कई वर्षों पूर्व पड चुकी थी, जब श्रीजेटली दिल्ली क्रिकेट निकाय यानी डीडीसीए के चेयरमैन थे। इनके कार्यकाल में दिल्ली का फिरोजशाह कोटला स्टेडियम की मरम्मत में 24 करोड़ की लागत के बजाय 114 करोड़ रुपये खर्च किये गये और 90 करोड़ गबन कर लिया गया, जबकि कीर्तिआजाद के अनुसार वे डीडीसीए के सदस्य और एक अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी की हैसियत से श्रीजेटली से अनेक बार लिखित और मौखिक शिकायत कर चुके थें । डीडीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार और घोटाले की शिकायत केवल आजाद ही नहीं बल्कि कई दूसरे सदस्य खिलाड़ी जैसे विशन सिंह वेदी और सुरेन्द्र खन्ना भी कर चुके हैं।
दरभंगा के सांसद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भगत झा आजाद के क्रिकेटर बेटे कीर्ति ‘आजाद’ को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से आजाद कर दिया गया । उनके इस निलंबन का आधार बनाया गया भाजपा के वरिष्ठ नेता और भारत सरकार के वित्त तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली के विरुद्ध उनका बगावती तेवर । आजाद का यह तेवर कोई नया नहीं है बल्कि इसकी संगे-बुनियाद तो कई वर्षों पूर्व पड चुकी थी, जब श्रीजेटली दिल्ली क्रिकेट निकाय यानी डीडीसीए के चेयरमैन थे। इनके कार्यकाल में दिल्ली का फिरोजशाह कोटला स्टेडियम की मरम्मत में 24 करोड़ की लागत के बजाय 114 करोड़ रुपये खर्च किये गये और 90 करोड़ गबन कर लिया गया, जबकि कीर्तिआजाद के अनुसार वे डीडीसीए के सदस्य और एक अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी की हैसियत से श्रीजेटली से अनेक बार लिखित और मौखिक शिकायत कर चुके थें । डीडीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार और घोटाले की शिकायत केवल आजाद ही नहीं बल्कि कई दूसरे सदस्य खिलाड़ी जैसे विशन सिंह वेदी और सुरेन्द्र खन्ना भी कर चुके हैं।
21.12.15
संस्कृति मनुष्य को सक्रिय कर्ता के रूप में देखती है : डॉ नरेश कुमार
'कला स्रोत' ने युवा मंच पर कला परिचर्चा का किया आयोजन
लखनऊ : लखनऊ पुस्तक मेला, मोती महल लॉन में कला स्रोत द्वारा युवा मंच पर कला "कला एवं जीवन" परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस परिचर्चा में मुख्य वक्ता डॉ नरेश कुमार एवं अन्य वक्ता में चित्रकार विद्या सागर सिंह, अमित वर्मा रहे. इस कार्यक्रम का संचालन कला स्रोत के क्यूरेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने किया. इस परिचर्चा में काफी कलाकार, कला प्रेमी, कला मर्मज्ञ उपस्थित हुए.
लखनऊ : लखनऊ पुस्तक मेला, मोती महल लॉन में कला स्रोत द्वारा युवा मंच पर कला "कला एवं जीवन" परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस परिचर्चा में मुख्य वक्ता डॉ नरेश कुमार एवं अन्य वक्ता में चित्रकार विद्या सागर सिंह, अमित वर्मा रहे. इस कार्यक्रम का संचालन कला स्रोत के क्यूरेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने किया. इस परिचर्चा में काफी कलाकार, कला प्रेमी, कला मर्मज्ञ उपस्थित हुए.
20.12.15
'फार्च्यून मैगजीन' की अमेरिकी रिपोर्टर एरिका फ्राई ने बाराबंकी आकर मैगी मुहिम के अगुवा पत्रकार से पूछे कई सवाल
यूपी के बाराबंकी से उठा मैगी मुद्दा सारे देश में चर्चा का विषय तो बना ही था अब इसकी गूँज सात समन्दर पार अमेरिका तक पहुँच गयी है । आज अमेरिका की एक प्रतिष्ठित पत्रिका "फार्च्यून मैगजीन" की रिपोर्टर बाराबंकी आकर सबसे पहले मैगी मुहिम चलाकर पूरे देश में जागरूकता पैदा करने के काम को अंजाम देने वाले दैनिक भास्कर के युवा तेज़ तर्रार पत्रकार सरफ़राज़ वारसी का साक्षात्कार लिया।
18.12.15
अखिलेश यादव 10 लाख पेड़ एक साथ लगा कर एक विश्व रिकार्ड बना रहे लेकिन यूपी पुलिस हरे पेडों को कटवा रही
एक ओर जहाँ हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हाल के दिनों में पेरिस में 'Global ClimateSummit'' में पर्यावरण को बचाने और ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपड़ का सुझाव देते हैं, और उत्तर प्देश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव पर्यावरण को बचाने की मुहिम में पूरे प्रदेश में 10 लाख पेड एक साथ लगा कर एक विश्व रिकार्ड कायम कर रहे हैं। वही दूसरी तरफ कुछ व्यक्ति अपने तुच्छ स्वार्थ के लिए पर्यावरण का दोहन करने में लगे हैं।
15.12.15
फ़ैज़ाबाद पीपुल्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल : फ़िल्मों ने बिखेरी अमन की ख़ुशबू
फ़ैज़ाबाद। फ़ैज़ाबाद पीपुल्स फ़िल्म फ़ेस्टिवल के दूसरे दिन बड़ी संख्या में युवाओं एवं महिलाओं ने शिरक़त की। फ़ैज़ाबाद फ़िल्म सोसायटी द्वारा कराये जा रहे इस फ़िल्म फ़ेस्टिवल में आज गौहर रज़ा की ‘इंकलाब’, एफ.टी.आई.आई.ए.-पूना के छात्र किसलय की ‘आवर होम’, इरानी फिल्म मेकर माजिद मजीदी की ‘सांग ऑफ़ स्पैरोज़’, दिल्ली के युवा फ़िल्म मेकर शारिक़ हैदर नक़वी की ‘ड्रीम्ज़’ की स्क्रीनिंग की गयी। आज के सत्र का उद्घाटन प्रबुद्धजनों द्वारा मोमबत्ती जला कर किया गया। सत्र की शुरूआत आई.टी.आई.-फै़ज़ाबाद के प्रिंसिपल श्री सुनील कुमार श्रीवास्तव के वक्तव्य से हुई।
14.12.15
अरब स्प्रिंग से तीसरे संभावित विश्व युद्ध तक...
-इमामुद्दीन अलीग-
सीरिया व इराक में जारी युद्ध और उसके वैश्विक प्रभाव को देखते हुए इस समय दुनिया भर से तीसरे विश्व युद्ध के शुरू होने की आशंका जताई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस समेत दुनिया भर के कई बड़े नेता और बुद्धिजीवी भी स्पष्ट शब्दों में कह चुके हैं कि इस समय दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के खतरों का सामना करना पड़ सकता है। अगर इस मुद्दे की जड़ में जाकर गंभीरता से विचार किया जाए कि अंततः विश्व युद्ध जैसी स्तिथि क्यों बनी तो सबसे पहले जो कारण सामने आता है वह है पश्चिमी देशों द्वारा आवश्यकता से अधिक इजराइल का बचाव करने की रणनीति, जबकि दूसरा महत्वपूर्ण कारण साम्राज्यवादी शक्तियों की महत्त्वाकांक्षाएं हैं।8.12.15
हिन्दुस्तान के नोएडा ब्यूरो में एनई विवेकानंद त्रिपाठी का आतंक
नोएडा में हिन्दुस्तान समाचार पत्र के समाचार संपादक विवेकानंद त्रिपाठी आजकल आतंक का पर्याय बन गए हैं। गुरूवार को प्रात: कालीन बैठक में हद हो गई। एक खबर को लेकर वरिष्ठ स्थानीय संपादक प्रताप सोमवंशी ने विवेकानंद त्रिपाठी को जिम्मेदार ठहरा दिया। जिससे विवेकानंद त्रिपाठी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। यह खबर एक महिला रिपोर्टर ने लिखी थी। प्रताप सोमवंशी के बैठक से जाने के बाद विवेकानंद त्रिपाठी ने महिला रिपोर्टर को बुरी तरह हड़काया। इतना ही नहीं अपशब्द का प्रयोग करते हुए, जो यहां नहीं लिखा जा सकता है, गुस्से में लाल-तेज हो गए। इस वाकये के वक्त मेट्रो एडीटर अजय शुक्ला मौजूद थे।
दुनिया में बढ़ती आतंकी असहिष्णुता
-प्रभुनाथ शुक्ल-
फ्रांस के शहर पेरिस में कंबोडियाई रेंस्तरा और एक स्टेडियम के बाहर आतंकी हमले से पूरी दुनिया को दहला दिया है। एक बार आतंकबाद पुनः वैश्विक व्यवस्था को चुनौती देते हुए अपने अतिवाद को सबसे ताकतवर ठहराने की कोशिश की है। इस आतंकी हमले में 127 से अधिक लोगों की जान गयी। फ्रांस में यह दुसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला है। आतंकवाद की असहिष्णुता से पूरी दुनिया झुलस रही है। लेकिन इसके खिलाफ एक मंच पर आवाजें नहीं उठ रही हैं। आतंकवाद के खात्मा के लिए बस घड़ियाली आंसू बहाए जा रहे हैं। भारत की पीड़ा को दुनिया के लोग नहीं समझ रहे हैं। आतंक भारत के प्रति कितना असहिष्णु है इस पर विचार करने के बाद भारत में हिंदुवादी तालिबानी शासन की बात की जा रही है और तालिबान के कारनामें पर तालिया पीटी जा रही हैं। उन्हें आतंक की असहिष्णुता नहीं दिखाई दे रही है।
फ्रांस के शहर पेरिस में कंबोडियाई रेंस्तरा और एक स्टेडियम के बाहर आतंकी हमले से पूरी दुनिया को दहला दिया है। एक बार आतंकबाद पुनः वैश्विक व्यवस्था को चुनौती देते हुए अपने अतिवाद को सबसे ताकतवर ठहराने की कोशिश की है। इस आतंकी हमले में 127 से अधिक लोगों की जान गयी। फ्रांस में यह दुसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला है। आतंकवाद की असहिष्णुता से पूरी दुनिया झुलस रही है। लेकिन इसके खिलाफ एक मंच पर आवाजें नहीं उठ रही हैं। आतंकवाद के खात्मा के लिए बस घड़ियाली आंसू बहाए जा रहे हैं। भारत की पीड़ा को दुनिया के लोग नहीं समझ रहे हैं। आतंक भारत के प्रति कितना असहिष्णु है इस पर विचार करने के बाद भारत में हिंदुवादी तालिबानी शासन की बात की जा रही है और तालिबान के कारनामें पर तालिया पीटी जा रही हैं। उन्हें आतंक की असहिष्णुता नहीं दिखाई दे रही है।
यहां मिल रहा है शेरों के बीच सोने का ऑफर
लंदन। आपने कभी शेरों के बीच सोने के बारे में सोचा है। ऎसी बात तो सोचकर ही डर लगता है लेकिन लंदन के चिडियाघर की तरफ से ऎसा ऑफर दिया जा रहा है। लंदन का चिडियाघर एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए शेरों के बाडे में एक सफारी लॉज बना रहा है। यहां लोगों को शेरों के बीच सोने का ऑफर दिया जाएगा। इस लॉज में लोग शेरों के साथ रहने-सोने का अनूठा अनुभव ले सकते हैं। यहां ऑफर शुरू भी हो चुका है और गुरूवार से इसके लिए बुकिंग भी शुरू हो गई है।
7.12.15
मुंबई के एक शायर-गीतकार देवमणि पांडेय ने अमिताभ बच्चन को दिखाया आइना
सोहन लाल द्विवेदी की कविता को अपने बाबूजी के नाम बताने वाले अमिताभ बच्चन ने गलती मानी
फेसबुक पर आज अमिताभ बच्चन ने अंतत: कुबूल कर लिया कि 'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती... नामक कविता बाबूजी की लिखित नहीं है, इसके रचयिता हैं सोहन लाल द्विवेदी. कृपया इस कविता को बाबूजी, डॉ हरिवंश राय बच्चन के नाम पे न दें. ये उन्होंने नहीं लिखी है.' इसके पहले अमिताभ ने कविता को अपने बाबूजी द्वारा रचित बताया था. तब मुंबई के शायर-फ़िल्म गीतकार देवमणि पांडेय ने इस पर सवाल उठाते हुए एक पोस्ट एफबी पर लिखा था, जो यूं है:
फेसबुक पर आज अमिताभ बच्चन ने अंतत: कुबूल कर लिया कि 'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती... नामक कविता बाबूजी की लिखित नहीं है, इसके रचयिता हैं सोहन लाल द्विवेदी. कृपया इस कविता को बाबूजी, डॉ हरिवंश राय बच्चन के नाम पे न दें. ये उन्होंने नहीं लिखी है.' इसके पहले अमिताभ ने कविता को अपने बाबूजी द्वारा रचित बताया था. तब मुंबई के शायर-फ़िल्म गीतकार देवमणि पांडेय ने इस पर सवाल उठाते हुए एक पोस्ट एफबी पर लिखा था, जो यूं है:
निर्वाण और बुद्धत्व ने बाबा का मिशन भटकाया
06 दिसम्बर, 1956 में भारत के संविधान के सम्पादक या कहो रचियता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेड़कर की मृत्यु हुई। जिसे उनके बौद्ध-धर्मानुयाई-निर्वाण प्राप्ति कहते हैं। सोशल मीडिया पर बाबा साहब के अनुयाइयों की ओर से यह भी लिखा जाता है कि बाबा साहब की मृत्यु, सामान्य मृत्यु नहीं थी, बल्कि उनकी मौत संदिग्ध थी।
लेखक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
निर्वाण क्या है?
सबसे पहले निर्वाण और मोक्ष में क्या अन्तर है? सामान्यत: दु:खों से मुक्त हो जाने पर निर्वाण प्राप्त होना माना जाता है। जबकि हिन्दु धर्म में पुनर्जन्म से मुक्ति को मोक्ष कहते हैं। मोक्ष का अर्थ है ब्रह्मानुभूति भी माना जाता है। बौद्धमतानुसार निर्वाण का शाब्दिक अर्थ है-'बुझा हुआ'। निर्वाण बौद्ध धर्म का परम सत्य है और जैन धर्म का मुख्य सिद्धांत माना जाता है। हालांकि 'मुक्ति' के अर्थ में निर्वाण शब्द का प्रयोग गीता, भागवत इत्यादि हिन्दू ग्रंथों में भी मिलता है। फिर भी यह शब्द बौद्धों द्वारा ही अधिकतर प्रयोग किया जाता है। अतः निर्वाण शब्द से क्या अभिप्राय है, इसका निर्णय बौद्धों के वचनों द्वारा हो सकता है।
लेखक : डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
निर्वाण क्या है?
सबसे पहले निर्वाण और मोक्ष में क्या अन्तर है? सामान्यत: दु:खों से मुक्त हो जाने पर निर्वाण प्राप्त होना माना जाता है। जबकि हिन्दु धर्म में पुनर्जन्म से मुक्ति को मोक्ष कहते हैं। मोक्ष का अर्थ है ब्रह्मानुभूति भी माना जाता है। बौद्धमतानुसार निर्वाण का शाब्दिक अर्थ है-'बुझा हुआ'। निर्वाण बौद्ध धर्म का परम सत्य है और जैन धर्म का मुख्य सिद्धांत माना जाता है। हालांकि 'मुक्ति' के अर्थ में निर्वाण शब्द का प्रयोग गीता, भागवत इत्यादि हिन्दू ग्रंथों में भी मिलता है। फिर भी यह शब्द बौद्धों द्वारा ही अधिकतर प्रयोग किया जाता है। अतः निर्वाण शब्द से क्या अभिप्राय है, इसका निर्णय बौद्धों के वचनों द्वारा हो सकता है।
5.12.15
आईबीएन7 द्वारा प्रसारित ऑपरेशन ‘यमराज’ के बाद नकली दवा बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठी
स्वस्थ भारत अभियान ने लिखा स्वास्थ्य मंत्री को पत्र
नकली दवाइयां बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग
नई दिल्ली : आईबीएन 7 द्वारा प्रसारित ऑपरेशन ‘यमराज’ के बाद पूरे देश में नकली दवा बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग उठने लगी है। इस संदर्भ में स्वस्थ भारत अभियान ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ कर उनको सजा दी जाए। स्वस्थ भारत ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे स्वस्थ भारत अभियान के संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि नकली दवाइयां बनाना व बेचना उतना ही बड़ा जुर्म है जितना किसी का मर्डर करना।
नकली दवाइयां बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग
नई दिल्ली : आईबीएन 7 द्वारा प्रसारित ऑपरेशन ‘यमराज’ के बाद पूरे देश में नकली दवा बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग उठने लगी है। इस संदर्भ में स्वस्थ भारत अभियान ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ कर उनको सजा दी जाए। स्वस्थ भारत ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे स्वस्थ भारत अभियान के संयोजक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि नकली दवाइयां बनाना व बेचना उतना ही बड़ा जुर्म है जितना किसी का मर्डर करना।
2.12.15
‘‘2015 में पढ़ी मेरी पंसदीदा रचना’’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन
चित्तौड़गढ़ । साहित्य की बहती धारा में समय के साथ हमें अपने विचारों के प्रवाह को नियमित एवं गतिशील करने की महत्ती आवश्यकता है। इसी से हम अपने समाज एवं राष्ट्र को सतत् चेतनाशील बनाए रख सकेंगे। साहित्य संस्था संभावना के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में समग्र रूप से ये विचार उभर कर आए।
‘‘2015 में पढ़ी मेरी पंसदीदा रचना’’ विषय पर केन्द्रीत संगोष्ठी में आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी लक्ष्मण व्यास ने कथाकार संजीव के उपन्यास ‘‘जंगल जहां से शुरू होता है’’ का रेखाचित्र खींचते हुए बताया कि समाज को अपने कब्जे में करने के लिए सत्ता हर संभव मार्ग अपनाने के लिए तैयार रहती है। कथाकार ने सुक्ष्मता से सत्ता व दस्यु साम्राज्य के गठजोड़ की आंतरिक परतों को उघाड़ा है।
‘‘2015 में पढ़ी मेरी पंसदीदा रचना’’ विषय पर केन्द्रीत संगोष्ठी में आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी लक्ष्मण व्यास ने कथाकार संजीव के उपन्यास ‘‘जंगल जहां से शुरू होता है’’ का रेखाचित्र खींचते हुए बताया कि समाज को अपने कब्जे में करने के लिए सत्ता हर संभव मार्ग अपनाने के लिए तैयार रहती है। कथाकार ने सुक्ष्मता से सत्ता व दस्यु साम्राज्य के गठजोड़ की आंतरिक परतों को उघाड़ा है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव करेंगे ग्रामीण महिलाओं को सम्मानित, महेश भट्ट और अंशु गुप्ता छात्रों से करेंगे सीधे बातचीत
लखनऊ : एक 28 वर्ष की महिला जिसने लोगों के घरों को सोलर लाइट से रोशन करना अपना मिशन बना लिया, एक युवती जो हाथ में तलवार झुलाकर आल्हा गाती है, बनारस से आई लड़कियां जो जनेऊ पहनती हैं, धार्मिक अनुष्ठान कराती हैं, जो आज तक पुरुषों का काम माना जाता था। ये महिलायें 'गाँव कनेक्शन स्वयं अवॉर्ड-2015' की उन 12 विजेताओं में शामिल हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दो दिसंबर को सम्मानित करेंगे। प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन, जाने-माने फिल्मकार महेश भट्ट और मैगसेसे आवॉर्ड विजेता व गूँज के संस्थापक अंशु गुप्ता भी विजेताओं का हौसला बढ़ाएंगे।
30.11.15
प्यार करने पर दलित युवक को मिली दिल दहलाने वाली सजा!
पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर शहर के निवासी बसंती लाल वाल्मीकि के 20 वर्षीय बेटे अजय कुमार वाल्मीकि की 27 नवम्बर की रात धारदार हथियार से चेहरा काट कर अत्यंत निर्मम हत्या कर दी गयी .हत्या जिस निर्दयी तरीके से की गयी ,शव को देख कर किसी का भी दिल दहल सकता है .
जानकारी के मुताबिक अजय अपने घर से रात की 8 बजे अपनी बाइक लेकर निकला और रात भर वापस नहीं लौटा .चिंतित परिजनों ने उसकी रात भर खोजबीन की ,मगर उसका पता नहीं चल पाया .सुबह करीब 8 बजे अजय कुमार का क्षत विक्षत शव हायरसेकण्ड्री स्कूल के ग्राउंड में पाया गया .अजय के पिता और भाई विशाल ने शव की पहचान अजय के रूप में की .लाश के पास ही अजय कि बाइक भी बरामद हुई .
जानकारी के मुताबिक अजय अपने घर से रात की 8 बजे अपनी बाइक लेकर निकला और रात भर वापस नहीं लौटा .चिंतित परिजनों ने उसकी रात भर खोजबीन की ,मगर उसका पता नहीं चल पाया .सुबह करीब 8 बजे अजय कुमार का क्षत विक्षत शव हायरसेकण्ड्री स्कूल के ग्राउंड में पाया गया .अजय के पिता और भाई विशाल ने शव की पहचान अजय के रूप में की .लाश के पास ही अजय कि बाइक भी बरामद हुई .
साजिशों की दास्तान “आपरेशन अक्षरधाम”
“आपरेशन अक्षरधाम” हमारे राज्यतंत्र और समाज के भीतर जो कुछ गहरे सड़ गल
चुका है, जो भयंकर अन्यापूर्ण और उत्पीड़क है, का बेहतरीन आलोचनात्मक
विश्लेषण और उस तस्वीर का एक छोटा सा हिस्सा है।
24 सितंबर 2002 को हुए गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमले को अब करीब 13
साल बीत चुके हैं। गांधीनगर के सबसे पॉश इलाके में स्थित इस मंदिर में
शाम को हुए एक ‘आतंकी’ हमले में कुल 33 निर्दोष लोग मारे गए थे। दिल्ली
से आई एनएसजी की टीम ने वज्रशक्ति नाम से आपरेशन चलाकर दो फिदाईनो को
मारने का दावा किया था। मारे गए लोगों से उर्दू में लिखे दो पत्र भी
बरामद होने का दावा किया गया जिसमें गुजरात में 2002 में राज्य प्रायोजित
दंगों में मुसलमानों की जान-माल की हानि का बदला लेने की बात की गई थी।
बताया गया कि दोनो पत्रों पर तहरीक-ए-किसास नाम के संगठन का नाम लिखा था।
प्यार करना कोई गुनाह नहीं
किसी को प्यार करना कोई गुनाह नहीं ,
ये बेमानी है कि उसका नतीजा क्या हुआ।
ये बेमानी है कि उसका नतीजा क्या हुआ।
तुम्हारे साथ ये सफर खुशनुमा बीता ,
ये छोडो कि रास्ते में हादसा क्या हुआ।
ये छोडो कि रास्ते में हादसा क्या हुआ।
किसी के दिल को यहीं से थी एक पगडंडी ,
अब हूँ हैरान देख के वो रास्ता क्या हुआ।
अब हूँ हैरान देख के वो रास्ता क्या हुआ।
किसी की जान भी जाए मेरा मज़हब हो बुलंद ,
कोई बताये भला ये भी फ़लसफ़ा क्या हुआ ?
कोई बताये भला ये भी फ़लसफ़ा क्या हुआ ?
आईएफडब्लूजे के दो दिवसीय अधिवेशन में जुटे देश भर के सैंकड़ों पत्रकार
मथुरा। इण्डियन फेडरेशन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आईएफडब्लूजे) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 126वीं बैठक के0डी0 डेन्टल काॅलेज मे रविवार को पत्रकारों के आचरण और चरित्र विषय के साथ आरम्भ हुई। इससे पूर्व मथुरा के जिलाधिकारी श्री राजेश कुमार ने पूर्व रक्षा मंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव जी का सन्देश पढ़कर सुनाया और उनके किसी व्यक्तिगत कारणों से इस कार्यक्रम में न पहुंच पाने की असमर्थता पर खेद प्रकट किया। साथ ही उन्होने श्री यादव द्वारा इस अधिवेशन की सफलता के लिये दी गयी बधाई का सन्देश भी मंच से पढ़कर सुनाया। वहीं मुलायम सिंह के अनुज और लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव आज सोमवार को इस अधिवेशन के समापन सत्र को सम्बोधित करेंगे।
27.11.15
हिंदी अध्यापन के क्षेत्र में किसी महिला की पहली आत्मकथा : केदारनाथ सिंह
हिंदी साहित्य के प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह ने कहा कि सच को स्वीकार करने और लिखने के लिए, खासकर अपने नजदीकी लोगों के बारे में सही टिप्पणी करने के लिए बड़े ही साहस की जरूरत होती है और निर्मला जैन में वह मजबूती है, वह साहस है. यह उनकी आत्मकथा ‘ज़माने में हम’ में साफ़ उभर कर सामने आता है. केदारनाथ सिंह मंगलवार की शाम साहित्य अकादमी सभागार में निर्मला जैन की आत्मकथा के प्रकाशन के अवसर पर आयोजित ‘लेखक से बातचीत’ कार्यक्रम में बतौर विशिष्ठ अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदी अध्यापन के क्षेत्र में किसी महिला ने पहली बार आत्मकथा लिखने का साहस दिखाया है. इसलिए सही मायने में यह कृति एक इतिहास की शुरुआत है और इसमें जिन-जिन बातों का उल्लेख किया गया है उनसे यह किताब एक दस्तावेज की तरह भी पढ़ी जा सकती है. उन्होंने कहा, ” निर्मला जैन ने अपने निजी, पेशेवर और सामाजिक जीवन के सभी संघर्षों को बड़ी सच्चाई तथा सजीव ढंग से पेश किया है, जो हर किसी के वश में नहीं है। “
भड़ास में टीआरपी की खबर पढ़कर अच्छा लगा कि न्यूज़ 24 जैसा चैनल नीचे जा रहा है
भड़ास में टीआरपी की खबर पढ़कर अच्छा लगा कि न्यूज़ 24 जैसा चैनल नीचे जा रहा है। मैं बताना चाहूँगा की न्यूज 24 में डेस्क में जो लोग बैठे हैं उन्हें ख़बरों का सेन्स ही नहीं है। दूसरे चैनल जिस खबर को प्रमुखता से चलाते हैं न्यूज़ 24 इतना महान है की उनको खबरों की कोई जरूरत ही नहीं होती। न्यूज़ 24 का हाल ऐसा ही रहा तो इसका गर्त में जाना तय है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ की जो लोग डेस्क में बैठे हैं तो क्या उन्होंने न्यूज़ 24 की लुटिया डुबोने का फैसला ही कर लिया है क्या। स्ट्रिंगर्स से खबर मंगा ली जाती है लेकिन चलाने के लिए टाइम ही नहीं होता।स्ट्रिंगर्स बेचारा दिन भर मेहनत करके खबर बनाता है।
ओबीसी आरक्षण कोटा से अति पिछड़ी जातियों का कोटा अलग हो
लखनऊ : ओबीसी आरक्षण कोटा से अति पिछड़ी जातियों का कोटा अलग किया जाये. यह बात आज एस.आर .दारापुरी, राष्ट्रीय प्रव्क्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस विज्ञप्ति में कही है. उन्होंने आगे कहा है कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी के लिए में वर्तमान में 27% आरक्षण कोटा उपलब्ध है परन्तु उस में अति पिछड़ी जातियां जिन की जनसँख्या पिछड़ी जातियों में 33% है को कोई लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि उस का बड़ा हिस्सा ओबीसी में अगड़ी जातियां जैसे यादव, कुर्मी और जाटों द्वारा हथिया लिया जा रहा है. अतः अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है जब उन का कोटा अलग कर दिया जाये. आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने इस मांग को लगातार उठाया है और उसे अपने सामाजिक न्याय के एजंडे में शामिल किया है.
कब सहिष्णु थे आप ?
कौन से युग ,किस सदी ,
किस कालखंड में ,सहिष्णु थे आप ?
देवासुर संग्राम के समय ?
जब अमृत खुद चखा
और विष छोड़ दिया
उनके लिए ,
जो ना थे तुमसे सहमत.
दैत्य ,दानव ,असुर ,किन्नर
यक्ष ,राक्षस
क्या क्या ना कहा उनको.
वध ,मर्दन ,संहार
क्या क्या ना किया उनका .
किस कालखंड में ,सहिष्णु थे आप ?
देवासुर संग्राम के समय ?
जब अमृत खुद चखा
और विष छोड़ दिया
उनके लिए ,
जो ना थे तुमसे सहमत.
दैत्य ,दानव ,असुर ,किन्नर
यक्ष ,राक्षस
क्या क्या ना कहा उनको.
वध ,मर्दन ,संहार
क्या क्या ना किया उनका .
असहिष्णुता के आरोप से घिरी सरकार को बचाने के लिए खुफिया एजेंसियां गा रही हैं आइएस राग!
बड़ा साजिद की कथित मौत की खुफिया एजेंसियों ने पांचवीं बार फैलाई अफवाह,
पिछली बार जुलाई मंे भी खुफिया विभाग के हवाले से आई थीं खबरें
खबरों की शक्ल में अफवाहें फैलाकर खुफिया एजेंसियां बढ़ाती हैं असहिष्णुता
फर्जी खबरें नहीं रुकीं तो मजबूरन मीडिया के खिलाफ करनी पड़ेगी कानूनी कार्रवाई
लखनऊ । 'आइएस की तरफ से लड़ रहे कथित आतंकी आजमगढ़ निवासी बड़ा
साजिद सीरिया में मारा जा चुका है' किस्म की चर्चा को रिहाई मंच ने खुफिया एजेंसियों
द्वारा आजमगढ़ को बदनाम करने की कोशिश बताया है। संगठन ने अपना आरोप फिर
दोहराया है कि आजमगढ़ और भटकल समेत पूरे देश से ऐसे कई मुस्लिम नौजवानों
को वांटेड और भगोड़ा बताकर खुफिया एजेंसियों ने अपने पास बंधक बना कर रखा
है। जिसे खुफिया एजेंसियां अपनी और सियासी जरूरत के हिसाब से एक ही आदमी
को कई-कई बार मारने का दावा करती रहती हैं। मंच ने आरोप लगाया है कि देश
में बढ़ती असहिष्णुता के लिए खुफिया एजेंसियांे की भूमिका की भी जांच
होनी चाहिए। रिहाई मंच ने आमिर खान द्वारा भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर
जताई चिंता से सहमति जताते हुए कहा है कि देश उन्हें नहीं बल्कि आसाम के
संघी राज्यपाल पीबी आचार्या को छोड़ देना चाहिए जो भारत को अम्बेडकर के
संविधान के बजाए मनु के दलित, महिला और अल्पसंख्यक विरोधी संविधान से
चलाना चाहते हैं।
पिछली बार जुलाई मंे भी खुफिया विभाग के हवाले से आई थीं खबरें
खबरों की शक्ल में अफवाहें फैलाकर खुफिया एजेंसियां बढ़ाती हैं असहिष्णुता
फर्जी खबरें नहीं रुकीं तो मजबूरन मीडिया के खिलाफ करनी पड़ेगी कानूनी कार्रवाई
लखनऊ । 'आइएस की तरफ से लड़ रहे कथित आतंकी आजमगढ़ निवासी बड़ा
साजिद सीरिया में मारा जा चुका है' किस्म की चर्चा को रिहाई मंच ने खुफिया एजेंसियों
द्वारा आजमगढ़ को बदनाम करने की कोशिश बताया है। संगठन ने अपना आरोप फिर
दोहराया है कि आजमगढ़ और भटकल समेत पूरे देश से ऐसे कई मुस्लिम नौजवानों
को वांटेड और भगोड़ा बताकर खुफिया एजेंसियों ने अपने पास बंधक बना कर रखा
है। जिसे खुफिया एजेंसियां अपनी और सियासी जरूरत के हिसाब से एक ही आदमी
को कई-कई बार मारने का दावा करती रहती हैं। मंच ने आरोप लगाया है कि देश
में बढ़ती असहिष्णुता के लिए खुफिया एजेंसियांे की भूमिका की भी जांच
होनी चाहिए। रिहाई मंच ने आमिर खान द्वारा भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर
जताई चिंता से सहमति जताते हुए कहा है कि देश उन्हें नहीं बल्कि आसाम के
संघी राज्यपाल पीबी आचार्या को छोड़ देना चाहिए जो भारत को अम्बेडकर के
संविधान के बजाए मनु के दलित, महिला और अल्पसंख्यक विरोधी संविधान से
चलाना चाहते हैं।
राष्ट्रपति बोले- पुरस्कार लौटाना भी प्रतिरोध का एक तरीका है
Om Thanvi : कल रात हम लोग राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले - साहित्यकार अशोक वाजपेयी, कलाकार विवान सुंदरम और मैं नाचीज। पहली नवम्बर को हमने कांस्टीट्यूशन क्लब में मावलंकर सभागार में जो लेखकों, कलाकारों, इतिहासकारों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों आदि का "प्रतिरोध" आयोजित किया था, उसमें पारित प्रस्ताव राष्ट्रपति को हमने ज्ञापन के रूप में पहुँचाने का जिम्मा लिया था।
भाजपा को सिक्युलर शब्द से डर क्यों लगता है?
-एस.आर. दारापुरी-
आइ.पी.एस. (से.नि.)
कल संसद में संविधान दिवस पर बोलते हुए भाजपा के प्रतिनिधि राजनाथ सिंह ने फिर दोहराया है कि संविधान में सिक्युलर शब्द का समावेश अनावश्यक है और इस का बहुत दुरूपयोग हुआ है. उन्होंने आगे सिक्युलरिज्म को परिभाषित करते हुए कहा है कि इस का अर्थ धर्म-निरपेक्षता नहीं बल्कि पंथ-निरपेक्षता है. इस से पहले भी भाजपा और उस के सहयोगी इस शब्द पर इसी प्रकार की आपत्ति करते रहे हैं.
आइ.पी.एस. (से.नि.)
कल संसद में संविधान दिवस पर बोलते हुए भाजपा के प्रतिनिधि राजनाथ सिंह ने फिर दोहराया है कि संविधान में सिक्युलर शब्द का समावेश अनावश्यक है और इस का बहुत दुरूपयोग हुआ है. उन्होंने आगे सिक्युलरिज्म को परिभाषित करते हुए कहा है कि इस का अर्थ धर्म-निरपेक्षता नहीं बल्कि पंथ-निरपेक्षता है. इस से पहले भी भाजपा और उस के सहयोगी इस शब्द पर इसी प्रकार की आपत्ति करते रहे हैं.
मुनव्वर राना बोले- ''आजम हैं मुसलमानों के आदित्यनाथ''
-हिमांशु तिवारी ‘आत्मीय’-
हमारे विरोध का तरीका है पुरस्कार वापसी
हुकूमत का मतलब सिर्फ केंद्र से नहीं बल्कि राज्य से भी है :
‘’किसी के हिस्से में मकां आया तो किसी के हिस्से में दुकां आई मैं घर में सबसे छोटा था तो मेरे हिस्से में मां आई.’’ जी हां इन शब्दों और दमदार आवाज के साथ भारत के चर्चित शायर मुनव्वर राणा लोगों के दिलों में उतरते चले गए. किताबों से उनके शब्द उभरकर आंखों से आंसुओं का दरिया बहाने लगे. क्योंकि उनकी कलम ने कलाम लिखकर जहन के किसी खास कोने को छू लिया था. लेकिन साहित्य अकादमी पुरस्कार वापसी को लेकर मुनव्वर राणा अब कलामों से ज्यादा विवादों के तौर पर सुर्खियां बटोर रहे हैं. कभी नामर्द कहकर तो कभी कुत्तों को शाही टुकड़े हुकूमत के जरिए दिए जाने को लेकर. एक अच्छी खासी बहस का मुद्दा बने हुए हैं मुनव्वर साहब. इन्ही मुद्दों पर आपके आत्मीय ने मुनव्वर राणा साहब से बातचीत की. आईये जानते हैं कुछ अहम सवालों के जवाब.
हुकूमत का मतलब सिर्फ केंद्र से नहीं बल्कि राज्य से भी है :
‘’किसी के हिस्से में मकां आया तो किसी के हिस्से में दुकां आई मैं घर में सबसे छोटा था तो मेरे हिस्से में मां आई.’’ जी हां इन शब्दों और दमदार आवाज के साथ भारत के चर्चित शायर मुनव्वर राणा लोगों के दिलों में उतरते चले गए. किताबों से उनके शब्द उभरकर आंखों से आंसुओं का दरिया बहाने लगे. क्योंकि उनकी कलम ने कलाम लिखकर जहन के किसी खास कोने को छू लिया था. लेकिन साहित्य अकादमी पुरस्कार वापसी को लेकर मुनव्वर राणा अब कलामों से ज्यादा विवादों के तौर पर सुर्खियां बटोर रहे हैं. कभी नामर्द कहकर तो कभी कुत्तों को शाही टुकड़े हुकूमत के जरिए दिए जाने को लेकर. एक अच्छी खासी बहस का मुद्दा बने हुए हैं मुनव्वर साहब. इन्ही मुद्दों पर आपके आत्मीय ने मुनव्वर राणा साहब से बातचीत की. आईये जानते हैं कुछ अहम सवालों के जवाब.
करोड़ों की मनी लाँड्रिंग में एनडीटीवी को नोटिस
-हरिशंकर व्यास-
एनडीटीवी चैनल और उसके मालिकानों पर मनी लांड्रिग का केस कगार पर है। प्रवर्तन निदेशालय की जांच निर्णायक मोड पर है। मामला एनडीटीवी लि. कंपनी का ब्रिटेन में वहां बनाई सबसिडरी कंपनी एनएनपीएलसी को पब्लिक इश्यू से फंड जुटाने और उसे ग्रुप कंपनी को जस का तस भेजने की एफआईपीबी की अनुमति से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि जो अनुमति पब्लिक आफरिंग की थी उसके बजाय कंपनी ने विदेशी कर्ज, बांड्स जैसे अलग तरीके से फंड जुटाया। यह एफआईपीबी की मंजूरी की शर्त और फेमा कानून की धारा का उल्लंघन था।
एनडीटीवी चैनल और उसके मालिकानों पर मनी लांड्रिग का केस कगार पर है। प्रवर्तन निदेशालय की जांच निर्णायक मोड पर है। मामला एनडीटीवी लि. कंपनी का ब्रिटेन में वहां बनाई सबसिडरी कंपनी एनएनपीएलसी को पब्लिक इश्यू से फंड जुटाने और उसे ग्रुप कंपनी को जस का तस भेजने की एफआईपीबी की अनुमति से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि जो अनुमति पब्लिक आफरिंग की थी उसके बजाय कंपनी ने विदेशी कर्ज, बांड्स जैसे अलग तरीके से फंड जुटाया। यह एफआईपीबी की मंजूरी की शर्त और फेमा कानून की धारा का उल्लंघन था।
इस असहिष्णु समय में : आभासी सांप्रदायिकता को स्थापित करने में लगी शक्तियों के इरादों को समझें
-संजय द्विवेदी-
सड़क से लेकर संसद तक असहिष्णुता की चर्चा है। बढ़ती सांप्रदायिकता की चर्चा है। कलाकार, साहित्यकार सबका इस फिजां में दम घुट रहा है और वे दौड़-दौड़कर पुरस्कार लौटा रहे हैं। राष्ट्रपति से लेकर आमिर खान तक सब इस चिंता में शामिल हो चुके हैं। भारत की सूरत और शीरत क्या सच में ऐसी है, जैसी बतायी जा रही है या यह ‘आभासी सांप्रदायिकता’ को स्थापित करने के लिए गढ़ा जा रहा एक विचार है। आज के भारतीय संदर्भ में पाश्चात्य विचारक मिशेस फूको की यह बात मौजूं हो सकती है जो कहते हैं कि “विमर्श एक हिंसा है जिसके द्वारा लोग अपनी बात सही सिद्ध करना चाहते हैं।”
सड़क से लेकर संसद तक असहिष्णुता की चर्चा है। बढ़ती सांप्रदायिकता की चर्चा है। कलाकार, साहित्यकार सबका इस फिजां में दम घुट रहा है और वे दौड़-दौड़कर पुरस्कार लौटा रहे हैं। राष्ट्रपति से लेकर आमिर खान तक सब इस चिंता में शामिल हो चुके हैं। भारत की सूरत और शीरत क्या सच में ऐसी है, जैसी बतायी जा रही है या यह ‘आभासी सांप्रदायिकता’ को स्थापित करने के लिए गढ़ा जा रहा एक विचार है। आज के भारतीय संदर्भ में पाश्चात्य विचारक मिशेस फूको की यह बात मौजूं हो सकती है जो कहते हैं कि “विमर्श एक हिंसा है जिसके द्वारा लोग अपनी बात सही सिद्ध करना चाहते हैं।”
मध्य प्रदेश के एक पत्रकार ने सीएम शिवराज को भरपूर तेल लगाने वाला लेख लिखा
मध्य प्रदेश के मनोज कुमार नामक एक पत्रकार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भरपूर तेल लगाते हुए आलेख लिखा है. यह आलेख यहां इसलिए प्रकाशित किया जा रहा है ताकि पता चल सके कि कोई पत्रकार अपनी कलम को कितना पतित कर सकता है. पत्रकारिता का धर्म सत्ता की नीतियों में बुराई खोजना है. सत्ता में जाने वाले लोगों को अच्छा काम करने के लिए ही बहुमत जनता देती है. मीडिया को ये अधिकार दिया जाता है कि वह तलाश करे कि किन किन क्षेत्रों में खराब काम हो रहा है या नीतियों में कहां कहां गड़बड़ी है. पर इसके उलट जब पत्रकार रुपये के चंद टुकड़ों के लिए सत्ता शासन की तारीफें लिखने लगें तो समझ जाइए कि मीडिया का आखिरी पतन हो चुका है. इस मनोज कुमार नामक पत्रकार पर लानत है. पढ़िए इस पत्रकार का लिखा लेख.
-माडरेटर, भड़ास
25.11.15
चूरू के दुलाराम सहारण को मिला गौरीशंकर कमलेश पुरस्कार
झुंझुनू । कोटा के ज्ञान भारती संस्थान की ओर से दिया जाने वाला प्रतिष्ठित गौरीशंकर कमलेश राजस्थानी भाषा साहित्य पुरस्कार शनिवार को कोटा में आयोजित समारोह में वर्ष 2015 के लिए चूरू के साहित्यकार दुलाराम सहारण को प्रदान किया गया। उनकी कृति ‘आंगणै री ओळूं’ के लिए दिए गए पुरस्कार में उन्हें ग्यारह हजार रुपए, शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि कोटा विश्वविद्यालय के कुलसचिव व ख्यातनाम साहित्यकार अंबिका दत्त चतुर्वेदी ने कहा कि साहित्यकार के पास ही यह जिम्मा होता है कि वह काल को लांघते हुए सृजन करे। वह अपने सृजन के समय वर्तमान, भविष्य और भूतकाल तीनों में विचरण करता है। काल के इस अतिक्रमण के साथ ही यदि लोक चेतना का सम्यक निष्पादन उसकी रचनाओं में हो जाए तो वह सृजन कालजयी बन जाता है।
एलिस का कहन आदिवासी समाज के जीवन और अनुभव से उपजा है
आदिवासी समाज का जीवन और अनुभव जब कहन बन कर आता है तो हम एक नये दर्शन से परिचित होते हैं। यह दर्शन सहअस्तित्व और सहजीविता का है जो एलिस की कहानियों में है और जिसकी बुनावट बहुत बारीक है। एलिस अपनी कहानियों में साठ के दशक के आदिवासी उम्मीदों को सामने रखती हैं। लेकिन बाद में वे उस छल को भी अभिव्यक्त करती हैं जिसका शिकार आदिवासी समाज बनता है। ये बातें आज ‘एलिस एक्का की कहानियां’ और ‘आदिवासी दर्शन और साहित्य’ पुस्तकों के लोकार्पण के अवसर पर वक्ताओं ने कही। पुस्तकों का लोकार्पण वरिष्ठ साहित्यकार डा. माया प्रसाद, नवोदित कवयित्री अणिमा बिरजिया, कथाकार एलिस एक्का की भाभी एलिस आईंद और उनके बेटे तथा गोस्सनर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ एक्का ने किया। सूचना भवन के सभागार में हुए इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा ने किया था।
ये कौन सा मिशन है आमिर.....
रमेश कुमार ‘‘रिपु‘‘
पर्दे का ही नायक नहीं हो आमीर। दिल से करोड़ों हिन्दुस्तानियों के हीरो भी हो। यह कौन सा मिशन है जिमसें डर का प्रचार करने लगे। देश में रहने से डर रहे हैं या फिर देशवासियों की मोहब्बत से डरने लगे हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए देश छोड़कर किरण (पत्नी) जाना चाहती है। यह कहकर क्या बताना और जताना चाहते हैं। आपको किससे डर है। डर का प्रचार कर रहे हो या फिर डर बेच रहे हो। यह डर नायक का है या फिर एक मुस्लिम का? हिन्दुओं के देश में उनके धर्म की बखिया उधेड़ी पी.के. फिल्म में, तब तुम्हें डर नहीं लगा। हिन्दुस्तानियों ने तुम्हारे घर में पत्थर तक नहंी फेके। तुम्हारे चेहरे पर कालिख तक नहीं पोती। बावजूद इसके लोगों ने प्यार दिया। फिल्में देखी। मुस्लिम धर्म की बखिया उधेड़कर बताओ ? तब कहना डर लगता है। एक नायक सत्यमेय जयते में बड़ी बड़ी बातें करता है और फिर अचानक असहिष्ण्ुाता की बात करने लगे तो बात हजम होती नहीं।
पर्दे का ही नायक नहीं हो आमीर। दिल से करोड़ों हिन्दुस्तानियों के हीरो भी हो। यह कौन सा मिशन है जिमसें डर का प्रचार करने लगे। देश में रहने से डर रहे हैं या फिर देशवासियों की मोहब्बत से डरने लगे हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए देश छोड़कर किरण (पत्नी) जाना चाहती है। यह कहकर क्या बताना और जताना चाहते हैं। आपको किससे डर है। डर का प्रचार कर रहे हो या फिर डर बेच रहे हो। यह डर नायक का है या फिर एक मुस्लिम का? हिन्दुओं के देश में उनके धर्म की बखिया उधेड़ी पी.के. फिल्म में, तब तुम्हें डर नहीं लगा। हिन्दुस्तानियों ने तुम्हारे घर में पत्थर तक नहंी फेके। तुम्हारे चेहरे पर कालिख तक नहीं पोती। बावजूद इसके लोगों ने प्यार दिया। फिल्में देखी। मुस्लिम धर्म की बखिया उधेड़कर बताओ ? तब कहना डर लगता है। एक नायक सत्यमेय जयते में बड़ी बड़ी बातें करता है और फिर अचानक असहिष्ण्ुाता की बात करने लगे तो बात हजम होती नहीं।
लोकतांत्रिक चुनावों में प्रोपोगंडा के महत्व को बढ़ा चढ़ा कर दिखाने की कोशिश
सन २०१४ के लोकसभा चुनाव में जब मोदी को अप्रत्याशित बहुमत मिला था तब भी इस बात की चर्चा हुई थी कि इसमें कमाल उनके प्रचार तंत्र और इवेंट मैनेजरों का है | इसके बाद बिहार चुनाव में नितीश को अंदाजे से बहुत ज्यादा बहुमत मिला तो फिर यही बात कही जा रही है और इस चर्चा के चलते वितंडा विशेषज्ञ प्रशांत किशोर तो रातों रात सुपर स्टार बन गये है | प्रचार की महिमा का यह तथ्य कोई पहली बार नहीं आया | वारसा संधि के एक देश में कम्युनिष्ट निजाम ख़त्म होने के बाद जो पहला चुनाव हुआ उसमे राष्ट्रपति पद पर एक ऐसे उम्मीदवार ने महगे चुनाव प्रचार के जरिये २५ % तक वोट बटोर लिए थे जो वर्षों से अमेरिका में रहकर व्यवसाय कर रहा था और इस बीच एक बार भी अपने देश में आया तक नहीं था |
खुला ख़त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम
मुख्यमंत्री जी नमस्कार
हुजूर माईबाप मेरी इतनी औकात कहाँ जो मैं आपको खुला क्या बंद ख़त लिखने की जुर्रत कर सकूँ, लेकिन क्या करूँ भारतीय संविधान बनाने वालों ने संविधान में अनुच्छेद 19 बनाकर भारतीय नागरिकों को स्वतंत्रता के साथ अपनी बात करने का अधिकार दे दिया।
हुजूर माईबाप मेरी इतनी औकात कहाँ जो मैं आपको खुला क्या बंद ख़त लिखने की जुर्रत कर सकूँ, लेकिन क्या करूँ भारतीय संविधान बनाने वालों ने संविधान में अनुच्छेद 19 बनाकर भारतीय नागरिकों को स्वतंत्रता के साथ अपनी बात करने का अधिकार दे दिया।
उच्च शिक्षा क्षेत्र में WTO को दिए ‘प्रस्ताव’ को सरकार द्वारा वापस लेने के लिए राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया
वाराणसी : सब के लिए शिक्षा के वृहत उद्देश्य को हासिल करने के लिए ‘अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच’ का गठन हुआ है। इस बात की पूरी संभावना है कि 15-18 दिसंबर 2015 को नैरोबी, केन्या में होने वाली विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यु.टी.ओ./WTO) की दसवीं मंत्री-स्तरीय बैक में भारत सरकार उच्च शिक्षा को WTO के मातहत वैश्विक बाज़ार के ‘सुपुर्द’ कर देगी।
मोदी के बनारस में पीने का साफ पानी नहीं
रुही कंधारी
पाइपों में रिसाव के कारण सीवेज वाला पानी, शोधित पानी में मिल जाता है और गंगा का पानी पहले से ही बहुत ज्यादा प्रदूषित है, ऐसे में बनारस के लोग पेट संबंधी अनेक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। साफ और बेहतर जल आपूर्ति के लिए लोगों को अब केवल केंद्र सरकार की एक योजना पर यकीन है।
पाइपों में रिसाव के कारण सीवेज वाला पानी, शोधित पानी में मिल जाता है और गंगा का पानी पहले से ही बहुत ज्यादा प्रदूषित है, ऐसे में बनारस के लोग पेट संबंधी अनेक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। साफ और बेहतर जल आपूर्ति के लिए लोगों को अब केवल केंद्र सरकार की एक योजना पर यकीन है।
तीसरा फ्यूल कॉन्फरेंस और मोज़िला हैकाथन संपन्न
प्रेस रिलीज
तीसरा फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्फरेंस 2015 आज चेन्नई में संपन्न हुआ। भाषाई कंप्यूटिंग के लिए मानक संसाधन बनाने में पिछले सात सालों से जुटी फ़्यूल परियोजना के द्वारा 2013 में आरंभ किए गए इस सम्मेलन के प्रायोजक और आयोजक दुनिया की जानी-मानी कंपनिया मोज़िला, सी-डैक और रेड हैट हैं। तीन दिवसीय यह सम्मेलन 20 नवंबर को आरंभ हुआ। इसके उद्घाटन सत्र को मोज़िला के लोकलाइजेशन ड्राइवर एक्सेल हेच्ट, आईआईटी मद्रास की प्रोफ़ेसर हेमा मूर्ति, आईआईटी मद्रास के ही हेमचंद्रण कराह और सीडैक के सहायक निदेशक जसजीत सिंह ने संबोधित किया। पहले दिन के शाम के पैनल डिसक्शन में मोज़िला की पेइंग मो और आर्की तथा अवाया के जी. करूणाकर और फ्यूल प्रोजेक्ट के संस्थापक राजेश रंजन के मॉडरेशन में खुली परिचर्चा हुई। पहले दिन के कार्यक्रम में कई जाने-माने भाषाई कंप्यूटिंग पर काम करने वाले विद्वानों ने हिस्सा लिया।
तीसरा फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्फरेंस 2015 आज चेन्नई में संपन्न हुआ। भाषाई कंप्यूटिंग के लिए मानक संसाधन बनाने में पिछले सात सालों से जुटी फ़्यूल परियोजना के द्वारा 2013 में आरंभ किए गए इस सम्मेलन के प्रायोजक और आयोजक दुनिया की जानी-मानी कंपनिया मोज़िला, सी-डैक और रेड हैट हैं। तीन दिवसीय यह सम्मेलन 20 नवंबर को आरंभ हुआ। इसके उद्घाटन सत्र को मोज़िला के लोकलाइजेशन ड्राइवर एक्सेल हेच्ट, आईआईटी मद्रास की प्रोफ़ेसर हेमा मूर्ति, आईआईटी मद्रास के ही हेमचंद्रण कराह और सीडैक के सहायक निदेशक जसजीत सिंह ने संबोधित किया। पहले दिन के शाम के पैनल डिसक्शन में मोज़िला की पेइंग मो और आर्की तथा अवाया के जी. करूणाकर और फ्यूल प्रोजेक्ट के संस्थापक राजेश रंजन के मॉडरेशन में खुली परिचर्चा हुई। पहले दिन के कार्यक्रम में कई जाने-माने भाषाई कंप्यूटिंग पर काम करने वाले विद्वानों ने हिस्सा लिया।
बधाई हो, एबीपी न्यूज़ वालों ने आतंकवाद का धर्म तय कर दिया!
जिस आतंकवाद की परिभाषा और धर्म तय करने में बड़े बड़ों को पसीने आ गए हों उस आतंकवाद का धर्म विदेशी धन पर पलने वाले ए बी पी न्यूज़ ने तय कर दिया ! हाल में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में जिन दो आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मुठभेड़ में मार गिराया था उन आतंकवादियों को ए बी पी न्यूज़ ने सम्मान बख्शते हुए मिलिटेंट की संज्ञा दे दी ! मिलिटेंट यानी धर्म के लिए युद्द करने वाला , तो लगे हाथ ये भी बता देते की ये कौन से धर्म के लिए युद्द लड़ रहे थे ! आतंकवादियों को मिलिटेंट बता कर उन्हें सम्मान देने की ये मानसिकता दर्शाती है की इनकी सोच कहाँ से पोषित हो रही है !
22.11.15
भव्य राम मन्दिर की अधूरी आस
हिन्दुत्व पुरोधा अशोक सिंघल का नाम सुनते ही एक हिन्दूवादी छवि के नेता का चित्र मानस में उभरता है । ऐसा व्यक्तित्व जिसके जीवन का एक मात्र उद्देश्य था अयोध्या में भगवान राम का भव्य मन्दिर निर्माण करवाना । अपने उद्देश्य की पूर्ति हेतु इस व्यक्तित्व ने अजीवन संघर्ष किया । इसी वर्ष के 30 सितम्बर को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी के साथ मिलकर अशोक सिंघल ने अपने जीवन की अंतिम प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए वर्तमान केन्द्रीय सरकार को अयोध्या में भगवान राम के भव्य मन्दिर निर्माण करने की तरफ अग्रेसित होने के लिए कहा । अशोक सिंघल को भारतीय तिथि के अनुसार पिछले मास 1 अक्टूबर को अपना 90 जन्मदिन मनायें हुए अभी चंद दिन ही बीते थे और दिल्ली के सिविक सेंटर में आयोजित उस कार्यक्रम में जो भी गया होगा उसने कभी यह कल्पना भी नही की होगी कि मात्र चंद दिनों बाद ही अशोक सिंघल हमारे बीच में नहीं होगें।
21.11.15
देश की पहली महिला आदिवासी कथाकार एलिस एक्का की कहानियों का संग्रह रविवार 22 नवंबर को रांची में लोकार्पित होगा
देश की पहली महिला आदिवासी कथाकार एलिस एक्का की कहानियों का संग्रह रविवार 22 नवंबर को रांची में लोकार्पित होगा। झारखंड की जानीमानी विदूषी संस्कृतिकर्मी वंदना टेटे ने इसका संपादन किया है। ‘एलिस एक्का की कहानियां’ का लोकार्पण झारखंड की तीन पीढ़ी की महिला साहित्यकार डा. माया प्रसाद, शकुंतला मिश्र और अणिमा बिरजिया संयुक्त रूप से दिन के दो बजे सूचना भवन के सभागार में करेंगी। आयोजन में वंदना टेटे की एक अन्य पुस्तक ‘आदिवासी दर्शन और साहित्य’ का भी लोकार्पण किया जाएगा। लोकार्पण के अवसर पर कथाकार डा. रोज केरकेट्टा, पीटर पॉल एक्का, विनोद कुमार और शिशिर टुडू पुस्तकों पर समालोचकीय वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे।
परिचर्चा- आजादी, लोकतंत्र और सरकारें : देश के विकास का माडल अब बदलना होगा
"साझा संस्कृति मंच" के तत्वावधान आज वाराणसी में नेपाली कोठी स्थित सभागार में आयोजित परिचर्चा जिसका विषय “आजादी लोकतंत्र और सरकारें” था में वक्ताओं ने आजादी मिलने के सातवे दशक में देश की स्थिति पर चर्चा की. इस अवसर पर मुख्य वक्तव्य दे रहे छतीसगढ़ से आये वरिष्ठ गांधीवादी चिन्तक हिमांशु कुमार ने कहा कि भारत की आज़ादी के वख्त इसे एक ऐसा मुल्क बनाने का सपना देखा गया था जिसमें सभी धर्मों , भाषाओँ के लोग बराबर होंगे . गरीब और अंतिम व्यक्ति का सबसे पहले ध्यान रखा जाएगा, भारत यह संस्कृति सारी दुनिया को सिखायेगा, लेकिन आज़ादी के कुछ ही समय बीतने के बाद देश के कई समुदाय डर महसूस करने लगे हैं, गरीबों की ज़मीन सरकारी ताकत के सहारे छीन कर अमीरों को दी जा रही है, आज़ादी के सारे वायदों से मुकरा जा रहा है . आज देश की सरकारें उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के हित साधन में लगी हुयी हैं. उद्योगपतियों को यह सब कुछ सस्ता और लगातार चाहिये, उसके लिये उसे सरकार पर अपना नियंत्रण भी चाहिये, कच्चे माल के इलाकों में रहने वाले लोगों के कब्ज़े से वो इलाका खाली करवाने के लिये फौजी ताकत का प्रयोग भी किया जा रहा है यही कारण है कि आज भारत का मिडिल क्लास अपने आदिवासी भाई से युद्ध कर रहा है.
मीडिया के मुखौटे में बलात्कारी!
मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयान 82 के तहत कार्यवाही के आदेश स्थानीय मीडिया के समक्ष रिकार्डेड बयान और मीडिया में खबर के बाद एकाएक पीड़िता का ‘यू टर्न’ संदेह पैदा करता है। चर्चा धन बल के आधार पर मामले को दफन करने को लेकर हो रही है। एक वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा इस मामले में जनहित याचिका भी दायर की जा चुकी है। दूसरी ओर तथाकथित बलात्कारी पत्रकार स्वयं को पाक-साफ बता रहा है जबकि वकीलों का एक ग्रुप मीडिया के मुखौटे में छिपे एक बलात्कारी का चेहरा आम जनता के सामने लाना चाहता है।
पदोन्नति में आरक्षण की बहाली हेतु संविधान संशोधन ज़रूरी - दारापुरी
लखनऊ : पदोन्नति में आरक्षण की बहाली हेतु संविधान संशोधन ज़रूरी है जिस हेतु संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लाया जाये. यह मांग आज आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी ने प्रेस को भेजे गए वक्तव्य में उठाई है. उन्होंने कहा है सुप्रीम कोर्ट के एम. नागराज वाले मामले में दिए गए निर्णय के परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हजारों की संख्या में दलित अधिकारियों की पदावनति की गयी है अथवा की जा रही है. देश के बाकि राज्यों में भी दलित अधिकारियों का पदोन्नति में आरक्षण रुका हुआ है. यह दलित वर्ग के अधिकारियों के बहुत बड़ा झटका है. दलित अधिकारियों को 1955 से यह लाभ मिल रहा था परन्तु अब यह बंद हो गया है जिस कारण दलित अधिकारियों का उच्च पदों पर प्रतिनिधित्व अवरुद्ध हो गया है. अतः पदोन्नति में आरक्षण की बहाली हेतु संविधान संशोधन किया जाना ज़रूरी है.
मोदीवादी विकास से सावधान
-एच.एल.दुसाध -
इन पंक्तियों के लिखे जाने के दौरान बिहार बिधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान जारी है.यूं तो पहले चरण का मतदान शुरू होने के पूर्व तक विकास का मुद्दा शीर्ष पर था. पर आरक्षण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत को बयान को जिस तरह लालू-नीतीश ने लपका, उसके बाद चुनाव पूरी तरह जाति बनाम धार्मिक चेतना के राजनीतिकरण पर केन्द्रित हो गया,जो तीसरे चरण का चुनाव प्रचार थमते-थमते तुंग पर पहुँच गया है. इस चुनावी जंग में हिन्दू –ध्रुवीकरण पर अतिशय निर्भर रहने के कारण तीसरे चरण का प्रचार थमने के पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिपक्ष पर आरोप लगा दिया है कि वह हिन्दुओं का आरक्षण चुराकर मुसलमानों को ५ प्रतिशत आरक्षण देना चाहता है, जिसे वे जान की बाजी लगा कर रोकने का प्रयास करेंगे. किन्तु एक तरफ जहां राजग धार्मिक चेतना के राजनीतिकरण के लिए सर्वशक्ति लगा रहा है,वहीँ दूसरी ओर वह अपने समर्थक मीडिया के जरिये चुनाव को विकास बनाम जातिवाद के रूप में प्रचारित करने में कोई कोर- कसर नहीं छोड़ रहा है.ऐसा संभव है कि हिन्दू-ध्रुवीकरण के साथ विकास का गगनभेदी शोर निरीह बहुजनों को राजग के पाले में कर दे.ऐसे में बिहार विधानसभा में मोदीवादी विकास के सम्मोहन से निरीह बहुजनों को बचाना सामाजिक न्यायवादियों का अत्याज्य कर्तव्य बन जाता है.
इन पंक्तियों के लिखे जाने के दौरान बिहार बिधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान जारी है.यूं तो पहले चरण का मतदान शुरू होने के पूर्व तक विकास का मुद्दा शीर्ष पर था. पर आरक्षण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत को बयान को जिस तरह लालू-नीतीश ने लपका, उसके बाद चुनाव पूरी तरह जाति बनाम धार्मिक चेतना के राजनीतिकरण पर केन्द्रित हो गया,जो तीसरे चरण का चुनाव प्रचार थमते-थमते तुंग पर पहुँच गया है. इस चुनावी जंग में हिन्दू –ध्रुवीकरण पर अतिशय निर्भर रहने के कारण तीसरे चरण का प्रचार थमने के पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिपक्ष पर आरोप लगा दिया है कि वह हिन्दुओं का आरक्षण चुराकर मुसलमानों को ५ प्रतिशत आरक्षण देना चाहता है, जिसे वे जान की बाजी लगा कर रोकने का प्रयास करेंगे. किन्तु एक तरफ जहां राजग धार्मिक चेतना के राजनीतिकरण के लिए सर्वशक्ति लगा रहा है,वहीँ दूसरी ओर वह अपने समर्थक मीडिया के जरिये चुनाव को विकास बनाम जातिवाद के रूप में प्रचारित करने में कोई कोर- कसर नहीं छोड़ रहा है.ऐसा संभव है कि हिन्दू-ध्रुवीकरण के साथ विकास का गगनभेदी शोर निरीह बहुजनों को राजग के पाले में कर दे.ऐसे में बिहार विधानसभा में मोदीवादी विकास के सम्मोहन से निरीह बहुजनों को बचाना सामाजिक न्यायवादियों का अत्याज्य कर्तव्य बन जाता है.
कैसे हो विविधता में एकता!
-एच.एल.दुसाध-
वैसे तो आजाद भारत में विविधता में एकता के अभाव को लेकर समय-समय पर चिंता व्यक्त की जाती रही है,किन्तु हाल के दिनों में कुछ लेखकों की हत्या सहित दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या किये जाने,गोमांस विवाद और कुछ अन्य घटनाओं को लेकर देश में एक ऐसा अप्रिय माहौल बन गया है कि राष्ट्र इसे लेकर अभूतपूर्व रूप से चिंतित हो उठा है. इस अप्रिय वातावरण से मूडीज द्वारा देश के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की सम्भावना व्यक्त किये जाने के बाद विविधता में एकता को शिद्दत के साथ बढ़ावा दिए जाने की जरुरत का अहसास कराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ही नहीं,राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी,भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और इनफ़ोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने भी देश में विकास की गति को बनाए रखने के लिए सौहार्द,सहिष्णुता और आपसी सहयोग जैसे सामाजिक मूल्यों को बचाए रखने की जरुरत बताई है.अब इस कड़ी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी राष्ट्र को सचेत करते हुए कह दिया है कि अगर विविधता ,धर्मनिरपेक्षता और बहुलता के प्रति सम्मान नहीं होगा तब गणतंत्र के समक्ष खतरा हो सकता है.नवोन्मेष,उद्यमिता और प्रतिस्पर्धा के लिए खुला समाज और उदार नीति पूर्व शर्त है.
वैसे तो आजाद भारत में विविधता में एकता के अभाव को लेकर समय-समय पर चिंता व्यक्त की जाती रही है,किन्तु हाल के दिनों में कुछ लेखकों की हत्या सहित दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या किये जाने,गोमांस विवाद और कुछ अन्य घटनाओं को लेकर देश में एक ऐसा अप्रिय माहौल बन गया है कि राष्ट्र इसे लेकर अभूतपूर्व रूप से चिंतित हो उठा है. इस अप्रिय वातावरण से मूडीज द्वारा देश के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की सम्भावना व्यक्त किये जाने के बाद विविधता में एकता को शिद्दत के साथ बढ़ावा दिए जाने की जरुरत का अहसास कराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ही नहीं,राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी,भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और इनफ़ोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने भी देश में विकास की गति को बनाए रखने के लिए सौहार्द,सहिष्णुता और आपसी सहयोग जैसे सामाजिक मूल्यों को बचाए रखने की जरुरत बताई है.अब इस कड़ी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी राष्ट्र को सचेत करते हुए कह दिया है कि अगर विविधता ,धर्मनिरपेक्षता और बहुलता के प्रति सम्मान नहीं होगा तब गणतंत्र के समक्ष खतरा हो सकता है.नवोन्मेष,उद्यमिता और प्रतिस्पर्धा के लिए खुला समाज और उदार नीति पूर्व शर्त है.
प्रदेश के ख्यातिनाम पत्रकारों का सम्मान आगामी 17 दिसंबर को राजधानी में होगा
भोपाल, 21 नवंबर 2015। एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन आगामी 14 दिसंबर 2015 के स्थान पर 17 दिसंबर 2015 को प्रदेश के ख्यातिनाम पत्रकारों को सम्मानित करने जा रहा है। 14 दिसंबर 2015 को विवाह मुहूर्त होने के कारण प्रदेश के सुदूर अंचल से आने वाले साथियों के निवेदन पर तिथि में परिवर्तन किया गया है। यह कार्यक्रम विधायक विश्रामगृह स्थित शहीद भवन हाल में होगा। इसी स्थल पर एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की प्रांतीय कार्य समिति की बैठक भी होगी। जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिये जायेंगे।
हिन्दुस्तान अखबार के खिलाफ चला अभियान
गाजीपुर जनपद में झूठी खबर छापने के विरोध में दैनिक 'हिंदुस्तान' के खिलाफ सोशल मीडिया पर चला अभियान
19 नवम्बर को दैनिक समाचार पत्र 'हिन्दुस्तान' के गाजीपुर संस्करण में मुख्य पृष्ठ पर छपे एक झूठी खबर के बाद गाजीपुर में युवाओं ने whatsapp पर एक बड़ा अभियान छेड़ा और देखते ही देखते यह इतना वायरल हो गया कि धीरे-धीरे यह हजारों-सैकड़ों लोगों तक पहुँच गया।
19 नवम्बर को दैनिक समाचार पत्र 'हिन्दुस्तान' के गाजीपुर संस्करण में मुख्य पृष्ठ पर छपे एक झूठी खबर के बाद गाजीपुर में युवाओं ने whatsapp पर एक बड़ा अभियान छेड़ा और देखते ही देखते यह इतना वायरल हो गया कि धीरे-धीरे यह हजारों-सैकड़ों लोगों तक पहुँच गया।
20.11.15
सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए रास्ते भी बनाएँ- पंकज दुबे
युवा लेखक एवं फिल्मकार पंकज दुबे का पत्रकारिता विश्वविद्यालय में व्याख्यान
भोपाल। 19 नवम्बर 2015 आज युवाओं को जीवन में कुछ नया करने के लिए सपने देखना चाहिए और उन सपनो को साकार करने के लिए रास्ते भी चुनना चाहिए। सिर्फ सपने देखने से मंजिल नहीं मिलती है। अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए रास्ते भी ढूँढ़ने होंगे और उसे पाने के लिए परिश्रम भी करना होगा। यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में युवा फिल्मकार एवं चर्चित बेस्ट सेलर उपन्यास ‘लूज़र कहीं का’ के लेखक पंकज दुबे ने व्यक्त किए। वे अपनी नई पुस्तक 'इश्कियापा' पर चर्चा के दौरान पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे।
‘भारत निर्माण अवार्ड 2015’- बस्तर के किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी को
जैविक खेती के जरिए एक लाभदायक खेती का मॉडल प्रस्तुत करने के लिए डॉ. राजाराम त्रिपाठी को ‘भारत निर्माण’ 2015 अवार्ड पी.एच.डी चैम्बर्स के सभागार दिल्ली में भव्य आयोजन में प्रदान किया गया। यह प्रतिष्ठित अवार्ड भारत निर्माण व्दारा सन् 1980 से उन लोगों को प्रदान किया जाता है जो भारत के निर्माण में अपना अतुलनीय योगदान दे रहे हैं। इससे पूर्व इस अवार्ड को श्रीमती इंदिरा गाँधी, श्री पी.वी. नरसिंहाराव, डा. कर्ण सिहँ, श्री दलाई लामा, श्री शंकराचार्य, श्रीमती कपिला वात्सायन, डा. लोकेश चन्द्रा, श्री अमिताभ बच्चन जैसे अपने क्षेत्र के महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दिया गया है।
17.11.15
सतरंगी छठा बिखेरती "विब्ग्योर" हिमान्शु मान की चित्रकला प्रदर्शनी
युवा चित्रकार हिमान्शु मान के 16 चित्रों की प्रदर्शनी अशोक विहार एफ ब्लॉक, फेस 1 स्थित रूपचंद आर्ट गैलरी में नेशनल गैलक्सी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ट्रस्ट के सहयोग से "विब्ग्योर" विषय पर का शुभारम्भ हुआ। हिमान्शु की यह पहली एकल चित्रकला प्रदर्शनी है जोकि अपनी कला की शिक्षा लेने के दौरान इन्होने बनाई हैं। हिमांशु की ये सभी पेंटिंग एक्रीलिक माध्यम से कैनवास पर बनाई गई हैं जिसमें ज्यादातर प्रमुख हस्तियों को अपनी पेंटिंग का विषय बनाया है जिसमें कलाम साहब, भगत सिंह, मंगल पाण्डे, बॉक्सर मेरी कॉम, राज कपूर, दिलीप कुमार व अमिताभ बच्चन शामिल हैं।
पत्रकार दिवस के दिन किया गया पत्रकारों के साथ भेदभाव
कुरुक्षेत्र (विक्रम ) कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में पत्रकार दिवस के दिन विभाग की तरफ से पत्रकारों के बीच फर्क साफ तोर पर दिखाई दिया गया। सिर्फ मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही सम्मानित किया गया। लेकिन बाकि पत्रकारों को पूछा तक नहीं।
हिन्दू महासभा ने संघ विचारक वैद्य पर बोला हमला, गांधी की हत्या को जायज ठहराने के लिए गिनाए कारण
मुंबई । अखिल भारत हिन्दू महासभा ने आज यहां नथूराम गोडसे के बलिदान दिवस की तीखी निन्दा कर गांधी को देशभक्त बताने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के व्योवृद्ध विचारक एमजी वैद्य सहित अपने को गांधीवादी बताने वाले कांग्रेस सहित विभिन्न राजनैतिक दलों को आड़े हाथों लिया है। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पण्डित बाबा नन्द किशोर मिश्र ने कहा कि आज उसी गांधी को देशभक्त बता रहे है जिनकी नीतियों के कारण लाखों हिन्दुओं को काट दिया गया, लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और करोड़ों को बेघर कर दिये गये।
मनीष शर्मा की 'दबंग दुनिया' से छुट्टी तय
'नईदुनिया' के नए प्रबंधन के साथ तालमेल न बैठा पाने के कारण और ढाई साल तक विनय छजलानी की चाकरी से नौकरी बचाने वाले कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के हेड मनीष शर्मा के बारे में ताजा खबर ये है कि तीन महीने में ही उनकी 'दबंग दुनिया' से भी छुट्टी हो रही है!
सटोरियों से पैसे बसूलने गए दो टीवी पत्रकार सटोरियों से पिटे
खबर बरेली से है जहाँ समाचार प्लस और उसके साथ एवीपी न्यूज में स्टिंगर अनूप मिश्र और उनके एक साथी रिपोर्टर मनोज कुमार जोकि न्यूज़ नेशन में स्टिंगर है और खुद को आज तक रीजन हेड कृष्ण गोपाल राज यादव का कैमरामेन बताते है यह लोग बरेली के थाना किला इलाके में एक घर में सट्टा लगने की सूचना पर पहुचे बताया जा रहा है की करीव अस्सी साल का एक बुजुर्ग वहां सट्टे का काम करता है उसकी हालात देखकर पुलिस भी उस कोई कारवाही नहीं करती है कही कारवाही से उसकी मौत हो गई तो पुलिस को लेने के देने पड़ जायेंगे बताया जा रहा है की बह कुछ पैसे थाने के सिपाहियो को भी देता है
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर उपजा ने मनाया समारोह, पत्रकार सुरक्षा कानून और मीडिया काउंसिल को जरूरी बताया
लखनऊ। वरिष्ठ पत्रकार दादा पी0के0राय ने मीडिया जगत, खासकर अखबारों में काम करने वाले पत्रकारों का आह्वान किया है कि वे अच्छी खबरें लिखकर समाज में सकारात्मक सोच पैदा करें। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने तथा मीडिया काउंसिल की पुरजोर वकालत की। सोमवार को राजधानी में राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) और इसकी स्थानीय इकाई ‘लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन’ ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर पत्रकारिता में विश्वसनीयता का संकट, पेड न्यूज के बढते चलन, संपादक की बदलती परिभाषाओं, इलेक्ट्रानिक एवं सोशल मीडिया के बढते वर्चस्व, पत्रकारों की सुरक्षा, पेशन, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
मधुमेह से छुटकारा दिलाएगा SVYASA का योग माड्युल
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के योग गुरु डा.एच.आर. नागेन्द्र की प्रेरणा से एस व्यास (स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान) योग विश्वविद्यालय, बंगलौर ने काशी में “मधुमेह मुक्त भारत अभियान” के तहत 19 दिसंबर 2015 से एक सप्ताह का योग शिविर करने जा रहा है। यह शिविर वी 38/1, 12-15 विरदोपुर,महमूरगंज, स्थित सूर्या जनकल्याण अस्पताल के परिसर में प्रतिदिन सुबह 6 बजे से लगभग 8 बजे तक होगा । SVYASA ने एक ऐसा योग माड्युल तैयार किया है जो मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही कारगर साबित हुआ है। जिसे सीखकर मधुमेहर रोगी अपने तो मधुमेह से मुक्त होंगे ही साथ ही साथ सगे संबंधियों को सीखाकर उन्हें मधुमेह से मुक्त करने का प्रयास करेंगे।
16.11.15
गैरसैंण सत्र- बदनामी से आगे नही बढ पाया पक्ष-विपक्ष
पुरुषोत्तम असनोड़ा
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तराखंड
-------
उत्तराखण्ड की जनता की राजधानी के नाम से विख्यात गैरसैंण में 2 नवम्बर से आयेजित हुआ विधान सभा सत्र पक्ष-विपक्ष के हो-हल्ले, आरोप-प्रत्यारोप व कटुता से आगे नही बढ पाया। केवल दो दिनों में सिमट गये सत्र से जनता को काफी अपेक्षाऐं थी वे धूल-धूसरित हो गयी। सत्र की निरर्थकता तो कंाग्रेस के अधिवेशन 1 नवम्बर से ही लगने लगी थी जब उत्तराखण्ड आन्दोलन के फूनिया बने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गैरसैंण राजधानी पर एक शब्द नही बोला और गैरसैंण अधिवेशन को शहीदों व राज्य आन्दोलन को समर्पित करने जैसे दार्शनिक भाषा का उपयोग कर राजधानी की मांग भी नही कर सके। किशोर उपाध्याय गैरसैंण को गाहे-बगाहे राजधानी बनाने का शोशा छेडते आये हैं।
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तराखंड
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उत्तराखण्ड की जनता की राजधानी के नाम से विख्यात गैरसैंण में 2 नवम्बर से आयेजित हुआ विधान सभा सत्र पक्ष-विपक्ष के हो-हल्ले, आरोप-प्रत्यारोप व कटुता से आगे नही बढ पाया। केवल दो दिनों में सिमट गये सत्र से जनता को काफी अपेक्षाऐं थी वे धूल-धूसरित हो गयी। सत्र की निरर्थकता तो कंाग्रेस के अधिवेशन 1 नवम्बर से ही लगने लगी थी जब उत्तराखण्ड आन्दोलन के फूनिया बने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गैरसैंण राजधानी पर एक शब्द नही बोला और गैरसैंण अधिवेशन को शहीदों व राज्य आन्दोलन को समर्पित करने जैसे दार्शनिक भाषा का उपयोग कर राजधानी की मांग भी नही कर सके। किशोर उपाध्याय गैरसैंण को गाहे-बगाहे राजधानी बनाने का शोशा छेडते आये हैं।
आज बिकेंगे पत्रकार
जी हां सच्चाई है ये जो ऊपर लिखा है चौकने की जरूरत नही है आज कल पत्रकारिता में भी नया काम शुरू किया गया है । एक संगठन बनाओ दो चार साथियों को इकठ्ठा करो और उसके नाम पर एक कार्यक्रम आयोजित कर किसी राजनैतिक व्यक्ति को उसमे बुलाओ और उस पर अपने संगठन का प्रभाव डाल दो उसके बाद शुरू होता है पत्रकारिता के सबसे मेहनत कस पद का सौदा जिसको सब लोग फील्ड रिपोर्टर कहते है वो खबरों के लिए इधर से उधर अपनी सारी क्षमताएं लगा देता है । और जब कुछ देने की बात आती है तो आप मान्यता प्राप्त नही हो ।
पेरिस में रिस रहे आंसू, भारत रहे सतर्क
ख्वाबों में दरिंदगी की दस्तक है, आंखों में इंसानियत को खो देने के कारण जो लाशों की नुमाईश सजा दी गई है उसकी खातिर आंसुओं का सैलाब उतर आया है. पलकों में नमी आज उनकी यादों की गवाही दे रही है. मोमबत्तियां पिघलते हुए फ्रांस में मारे गए लोगों को अंतिम विदाई दे रही है. ख्वाब हों या फिर ख्वाहिशें, उम्मीदों के अलावा आशाएं भी कब्र में दफना दी गई हैं. जिसके लिए जिम्मेदार हैं वो नामुराद जो जुबानों से कट्टरपंथ का लबादा मानसिक तौर पर कमजोर लोगों के जहन में थोप देते हैं. जिहाद का एक अलग ही अर्थ तैयार करते हैं. भला मौत का नंगा नाच करके भी कोई आज तक सुखी रह पाया है. शायद क्या बिलकुल भी नहीं.
आखिर किस बात की खुशी मना रही है कांग्रेस?
रमेश सर्राफ धमोरा
बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे ज्यादा खशियां कांग्रेस
पार्टी मना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल
गांधी एक लम्बे अर्से बाद प्रफ्फुलित नजर आ रहें हैं। बिहार में विधानसभा
की 27 सीटें जीतकर कांग्रेस महासचिव डा.सी.पी.जोशी ऐसे जता रहे हैं जैसे
उनके प्रभारी रहते कांग्रेस ने बड़ा मैदान मार लिया हो। राहुल गांधी की
डा.सी.पी.जोशी को मिठाई खिलाते की फोटो विभिन्न अखबारों में छप रही हैं।
उनकी सोच कुछ हद तक सही भी है क्योंकि एक लम्बे अन्तराल के बाद कांग्रेस
को किसी प्रदेश में सत्ता में हिस्सेदारी तो मिलेगी, हो चाहे नाम मात्र
की ही।
बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे ज्यादा खशियां कांग्रेस
पार्टी मना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल
गांधी एक लम्बे अर्से बाद प्रफ्फुलित नजर आ रहें हैं। बिहार में विधानसभा
की 27 सीटें जीतकर कांग्रेस महासचिव डा.सी.पी.जोशी ऐसे जता रहे हैं जैसे
उनके प्रभारी रहते कांग्रेस ने बड़ा मैदान मार लिया हो। राहुल गांधी की
डा.सी.पी.जोशी को मिठाई खिलाते की फोटो विभिन्न अखबारों में छप रही हैं।
उनकी सोच कुछ हद तक सही भी है क्योंकि एक लम्बे अन्तराल के बाद कांग्रेस
को किसी प्रदेश में सत्ता में हिस्सेदारी तो मिलेगी, हो चाहे नाम मात्र
की ही।
क्या डीएम पंकज कुमार यादव ने वोट चुरा कर गणेश यादव को जिता दिया?
यूपी की नौजवान अखिलेश सरकार में जो हो जाए सो कम है क्योंकि यहाँ जंगलराज है.. आम आदमी परेशान है... राजा मस्त है... सबसे बड़ी बात तो यह है कि रोम जल रहा है नीरो बंशी बजा रहा है। इसकी बानगी आगरा में देखने को मिली जब आगरा के डीएम पंकज कुमार यादव पर वोट चुराने के आरोप लगे और इस कांड के जरिए तीन बार काउंटिंग के बाद जीते प्रत्याशी गणेश यादव को चौथी बार दो वोट से हरा दिया।
13.11.15
नीपा का वाराणसी में नाट्य महोत्सव १४ नवम्बर २०१५ से
सेवा में,
संपादक महोदय,
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी दी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ परफार्मिंग आर्ट्स (नीपा) वाराणसी में नाट्य महोत्सव का आयोजन दिनांक १४ नवम्बर २०१५ से १५ नवम्बर २०१५ तक करने जा रही है I इस वर्ष नीपा ने इस दो दिनी अंतराष्ट्रीय नाट्य समारोह में बांग्लादेश और पोलैंड को आमंत्रित किया है I इसके अलावा भारत के दिल्ली ओड़िसा असम राज्य की नाट्य संस्थाएं भी भागीदारी करेंगी I समारोह में वाराणसी की तीन प्रस्तुतियाँ प्रतिष्ठित निर्देशकों की ओर से देखने का सुअवसर भी प्राप्त होगा I
संपादक महोदय,
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी दी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ परफार्मिंग आर्ट्स (नीपा) वाराणसी में नाट्य महोत्सव का आयोजन दिनांक १४ नवम्बर २०१५ से १५ नवम्बर २०१५ तक करने जा रही है I इस वर्ष नीपा ने इस दो दिनी अंतराष्ट्रीय नाट्य समारोह में बांग्लादेश और पोलैंड को आमंत्रित किया है I इसके अलावा भारत के दिल्ली ओड़िसा असम राज्य की नाट्य संस्थाएं भी भागीदारी करेंगी I समारोह में वाराणसी की तीन प्रस्तुतियाँ प्रतिष्ठित निर्देशकों की ओर से देखने का सुअवसर भी प्राप्त होगा I
फर्जी रजिस्ट्री के मामले को लेकर कलेक्टर-एसपी को ज्ञापन, खबरों में अप्रत्यक्ष नामों को लिखने की भी शिकायत
बैतूल। फर्जी रजिस्ट्री के मामले को लेकर आज सोमवार को सैंकड़ों लोगों ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपा। इन लोगों ने खबरों में आ रहे हैं अप्रत्यक्ष नामों को लेकर भी इन अधिकारियों से शिकायत की और कार्रवाई की मांग की। पांर्ढुना में फर्जी रजिस्ट्री का मामला प्रकाश में आने के बाद बैतूल में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले की विस्तृत जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज करीब एक सैंकड़ा लोग अजीत पटेल, अजीज खान, सुरका सिंह, राहुल पटेल, मनमोहन मालवीय आदि के नेतृत्व दोपहर करीब एक बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां कलेक्टर श्री ज्ञानेश्वर बी पाटिल को ज्ञापन सौंपा।
देश में बढ़ते वैचारिक कट्टरता के माहौल पर साझा संस्कृति मंच की बैठक, गाँधी के मार्ग पर चल कर ही समाज में भाईचारे का माहौल बनाया जा सकता है
बनारस : देश में विभिन्न स्तर पर बढ़ते आपसी तनाव और वैचारिक कट्टरता के माहौल से चिंतित गांधीवादियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक 'साझा संस्कृति मंच' के तत्वावधान में टाउनहाल स्थित गांधी कस्तूरबा प्रतिमा के सामने आयोजित की गयी जिसमे कतिपय राजनेताओं द्वारा आपसे वैमनस्य बढाने वाली बयानबाजी को समाज के लिए खतरनाक बताया गया.
12.11.15
उत्तर प्रदेश सरकार का धान खरीद का दावा किसानों के साथ धोखा- दारापुरी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार का धान खरीद का दावा किसानों के साथ धोखा है. यह बात आज एस.आर .दारापुरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस नोट में कही है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने अब तक 2.60 लाख टन धान खरीदने का जो दावा किया है वह फर्जी है क्योंकि वास्तव में किसानों से कोई खरीद की ही नहीं गयी है. सरकार द्वारा जो खरीद दिखाई जा रही है वह किसानों की बजाये आढ़तियों से की गयी है जिन्हें सरकार ने खरीद करने के लाइसेंस दिए हैं. इन आढ़तियों ने यह धान किसानों से औने पौने दामों में ख़रीदा है क्योंकि सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसानों से कोई खरीद की ही नहीं गयी है. दिखावे के लिए तो सरकार ने 1 अक्तूबर से ही सरकारी धान क्रय केन्द्रों के चालू हो जाने का आदेश दिया था परन्तु व्यवहार में वे आज तक भी चालू नहीं हुए हैं. जहाँ कहीं किसान धान लेकर सरकारी केंद्र पर गए भी तो उनका धान यह कह कर वापस कर दिया गया कि यह मानक के अनुसार नहीं है.
10.11.15
बिहार तुझे सलाम!
बिहार विधानसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद हुयी भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दे दी गयी है ,वे हार की वजह नहीं है ,उन्हें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है ,हार का मुख्य कारण महागठबंधन के समर्थक वोटों का एक दुसरे को ट्रांसफर हो जाना माना गया और राज्य की बिहार ईकाई से रिपोर्ट तलब की गई ,जिसके बाद हार की वजहों को ठीक किया जायेगा .लोकसभा चुनाव में चली मोदी लहर में भी बुरी तरह हार जाने वाले अरुण जेटली बिहार की बड़ी हार के कारणों का पता लगायेंगे .
एक्टर अक्षय कुमार, डायरेक्टर प्रभू देवा समेत कइयों के खिलाफ अमरोहा में एफआईआर दर्ज
अमरोहा : फ़िल्म एक्टर अक्षय कुमार, डायरेक्टर प्रभू देवा, प्रॉड्यूसर अशवनी यार्डी एवं जेंटिला राणा सहित 4 के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज... सिंह ईज विलिंग फ़िल्म में सफेद शेर की प्रदर्शनी सहित अन्य जानवरो पर अत्याचार को लेकर गजरौला थाने में हुयी ऍफ़ आई आर दर्ज । पीपुल्स फॉर एनिमल्स के प्रदेश प्रभारी रेडिंग टीम एडवोकेट रविन्द्र शुक्ला ने करायी ऍफ़ आई दर्ज । बड़े अधिकारिओ के आदेश पर दर्ज हुयी ऍफ़ आई आर।दो अक्तुबर2015 को देशभर रिलीज हुई सिंह ईज विलिंग मे फिल्म के हीरो अक्षय कुमार इंडियन लॉयन को पालतू कुत्ते की तरह जंजीर मे बांध कर टहला रहे हैं।इसके अलावा और भी जानवरों को फिल्म मे गैरकानूनी तरीके से दर्शाया गया है।
छठ पर प्रदर्शित होगी पवन की 'भोजपुरिया राजा'
भोजपुरी फिल्मो के सबसे चहिते अभिनेता पवन सिंह की फिल्म 'भोजपुरिया राजा ' इस छठ पर प्रदर्शित की जाएगी.इस फिल्म में पवन सिंह एक बिलकुल ही अलग भूमिका में दिखने वाले हैं एक्शन , इमोशन , रोमांस से मिलकर बनी इस फिल्म के निर्माता सुधीर सिंह व निर्देशक सुजीत कुमार हैं। इस फिल्म में पवन के अपोजिट अदाकारा काजल राघवानी है , पवन और काजल ने इसके पहले कई सफल फिल्मे दी हैं और 'भोजपुरिया राजा ' भी उनकी एक सफल फिल्म साबित होगी.
9.11.15
फिल्म 'चट्टान' का फोटोशूट सम्पन
7 स्टार क्रिएटिव इंटरनेशनल के बैनर तले बनने जा रही फिल्म 'चट्टान ' का हाल ही में फोटोशूट फिल्म के सभी कलाकारों के साथ किया गया.फिल्म में जाने -माने अभिनेता राहुल रॉय मुख्य भूमिका में नजर आएँगे वही उनके साथ रजनिका गांगुली ,प्रिंस अमित,ओलिविआ, मुख्य भूमिका में नजर आएँगे .ओलिविआ इस फिल्म से अपनी फ़िल्मी करिअर की शुरुवात करने जा रही है वही फिल्म में जाने-माने खलनायक तेज सप्रू भी अपने नए अंदाज में फिल्म में नजर आएँगे .
‘मार्च फॉर इंडिया’: असहिष्णुता का एक और नमूना
दिनांक 7-11-2015 को अनुपम खेर के नेतृत्व में भारत की सहिष्णुता के अक्षत होने का दावा करते हुए जो ‘मार्च फॉर इंडिया’ आयोजित किया गया, वह स्वयं विडम्बनापूर्ण तरीक़े से देश में बढ़ती हुई असहिष्णुता का एक नमूना साबित हुआ. आरएसएस से सम्बद्ध संस्था संस्कार भारती द्वारा आयोजित इस रैली में ‘ढोंगी साहित्यकारों को, जूते मारो सालों को’ जैसे नारे लगाए गए. असहिष्णुता पर बोलनेवालों को देशद्रोही बताया गया और उन्हें वाघा बॉर्डर के पार फेंक देने की धमकी दुहराई गयी. कवरेज के लिए आये पत्रकारों को इस बात के लिए गालियाँ दी गयीं कि उन्होंने असहिष्णुता का विरोध करनेवालों को अपने चैनलों में जगह क्यों दी. उन्हें, और ख़ास तौर से महिला पत्रकारों को, बार-बार ‘प्रेस्टीटयूट्स’ कह कर हिंसक मुद्राएँ प्रदर्शित की गयीं और खदेड़ा गया. एनडीटीवी की भैरवी सिंह के साथ तो उनकी बदतमीज़ी कैमरे में दर्ज है.
डॉ. अम्बेडकर के जीवन पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता
PRESS RELEASE : दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज एलुमनी क्लब एवं अम्बेडकर मिशन द्वारा डॉ. अंबेडकर के जीवन पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें हंसराज स्मारक स्कूल की छात्रा सविता ने पहला स्थान, प्रतिभा विकास विद्यालय नंद नगरी की छात्रा दिव्याज्योति ने दूसरा स्थान और बुद्धिस्ट स्टडीज़ के विशाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। जिन्हें पुरस्कार स्वरूप क्मशः 3100/- 2100/- और 1100/- रूपए नकद राशि के साथ प्रतीक चिन्ह, मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके अलावा श्यामलाल कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, एसओएल और इग्नू से पहुंचे विद्यार्थियों मे से बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कॉलेज प्राचार्य डॉ. जी के अरोड़ा ने विद्यार्थियों को डॉ. अंबेडकर के संघर्ष से सीख लेकर जीवन में आगे बढ़ने की बात कही।