तहसीलदार ने कहा- एक लेखपाल के कारण पूरे जिले की हुयी छीछालेदर
शुक्रवार को पी0जी0 कालेज में पढाई करने वाले छात्र धनन्जय चतुर्वेदी ने अपने पिता अनन्त चौबे की मृत्यु के 11 महीने बाद भी लेखपाल द्वारा वरासत न किये जाने पर भिक्षाटन कर रिश्वत की रकम इकटठा किया। भिक्षाटन का पैसा अतिरिक्त एस0डी0एम0 सत्येन्द्र श्रीवास्तव को यह कहते हुये देने का प्रयास किया गया कि जो पैसे कम पड रहे हों वे उसे आरोपी लेखपाल को देकर वरासत करा दें। इस प्रकार के लोकतांत्रिक कार्यक्रम से न केवल पत्रक लेने वाले एस0डी0एम0 शर्मसार हुये बल्कि पूरे राजस्व विभाग को मुंह छुपाना पडा। असर हुआ कि शुक्रवार को ही 11 माह से रिश्वत के अभाव में रोकी गयी वरासत कर दी गयी।
शनिवार को तहसीलदार सदर से जब समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रज भूषण दूबे ने पूछा कि मरदह क्षेत्र अन्तर्गत गोविन्दपुर कीरत गांव के मृतक अनन्द चौबे के चारों बच्चों व पत्नी के नाम वरासत कब तक की जायेगी तो उन्होने कहा कि स्व0 चौबे के गोविन्दपुर कीरत वाली भूमि की वरासत कुछ माह पहले ही कर दी गयी है। तब श्री दूबे ने प्रतिवाद जताते हुये कहा कि उनके नाम मलिकनाथपुर मौजे में जो भूमि है उसका इन्तखाप हमारे पास दो दिन पहले का निकाला हुआ मौजूद है जिसपर अभी भी मृतक का नाम दर्ज है जिसपर अपने आप को घिरता देख हथियार डालते हुये तहसीलदार ने कहा कि उस भूमि की वरासत कल ही की कर दी गयी है। तहसीलदार ने अपना दर्द सुनाते हुये कहा कि हमारे विभाग की घोर बदनामी एक लेखपाल के कारण हुयी है जिसपर श्री दूबे ने कहा कि अभी भी सैकडों वरासत सदर तहसल व हजारो वरासतें पूरे जनपद स्तर पर रिश्वत न देने के कारण लम्बित की गयी है जिसे जिम्मेदार अधिकारी तत्काल करायें अन्यथा इस प्रकार के लोकतांत्रिक कार्यक्रम लगातार चलाकर रिश्वतखोरों के चेहरे समाज के सामने उजागर करने के साथ विजलेन्स का सहारा लेकर कानूनी कार्यवाही करायी जायेगी।
ब्रज भूषण दूबे
गाजीपुर
9889474889
12.3.16
11 माह बनाम एक दिन : भिक्षाटन का हुआ असर, 11 माह से रूकी वरासत किया आरोपी लेखपाल ने
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