Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

14.3.16

डॉ. मृत्युंजयप्पा, विजय कुमार सप्पत्ति, शांताबाई और डॉ. नरपत सोलंकी होंगे पुरस्कृत

कमला गोइन्का फाउण्डेशन द्वारा हिन्दी से कन्नड़ अथवा कन्नड़ से हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ अनुवाद के लिए घोषित इकतीस हजार राशि के "पिताश्री गोपीराम गोइन्का हिन्दी कन्नड़ अनुवाद पुरस्कार" के लिए इस वर्ष उडुपि (कर्नाटक) की डॉ. माधवी भंडारी जी द्वारा डॉ. मृत्युंजयप्पा जी की कन्नड़ मूल कृति का हिन्दी अनुवाद "खुदी को किया बुलंद" का चयन हुआ है। संग-संग फाउण्डेशन द्वारा धोषित हिन्दीतर क्षेत्र के वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार के लिए इकतीस हजार राशि का "बाबूलाल गोइन्का हिन्दी साहित्य पुरस्कार" इस वर्ष हैदराबाद के श्री विजय कुमार सप्पत्ति को उनकी कृति "एक थी माया" के लिए दिया जायेगा।


इस अवसर पर ही कर्नाटक की वरिष्ठ हिन्दी सेवी एवं साहित्यकार सुश्री शांताबाई जी को "गोइन्का हिन्दी साहित्य सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा। संग-संग कर्नाटक के सिरमौर प्रतिष्ठित नेत्र विशेषज्ञ डॉ. नरपत सोलंकी जी को "दक्षिण ध्वजधारी सम्मान" से समाद्दत किया जायेगा। कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का ने एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा सूचित किया है कि बैंगलोर में निकट भविष्य में आयोजित एक विशेष समारोह में चयनित साहित्यकारों / समाज सेवियों को पुरस्कृत व सम्मानित किया जायेगा।


No comments: