दैनिक जागरण, लखनऊ के संपादक दिलीप अवस्थी हैं. अखिलेश यादव की सरकार के चार साल पूरे होने पर इन्होंने एक विशेष आर्टकिल लिखा है दैनिक जागरण में. इस आर्टकिल को पढ़ते पढते आपको महसूस होगा कि इन्होंने अखिलेश यादव को मक्खन लगाते लगाते इस कदर कलमतोड़ पसीना बहाया है कि चमचागिरी के सारे प्रतिमान शरमा जाएं.
सरकारों के चार साल या तीन साल या दो साल या एक साल पूरे होने पर सरकारें खुद सूचना विभाग के जरिए अपने किए का विज्ञापन के जरिए धुआंधार प्रचार करती हैं. पत्रकार और अखबार अपनी तरफ से जब लिखता है तब उन कमियों त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाता है, जिस पर सरकार का ध्यान नहीं गया है. लेकिन अब बाजारवादी व्यवस्था है. पैसा अखबार मालिकों को भी कमाना है. सो, संपादक ऐसे रखते हैं जो कलम से स्याही नहीं बल्कि मक्खन तेल बहाए. दिलीप अवस्थी उन्हीं कैटगरी में शुमार हैं.
आप भी पढ़िए और आजकल की मुख्यधारा की पत्रकारिता को थू थू करिए. नीचे दिए गए संबंधित आर्टकिल के कटिंग पर क्लिक करिए और इत्मीनान से पढ़िए...
18.3.16
अखिलेश यादव को मक्खन लगाने में दैनिक जागरण के संपादक दिलीप अवस्थी ने कलमतोड़ पसीना बहाया, आप भी पढ़ें
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