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28.3.20

कोरोना के चलते यूपी हुआ अपराध मुक्त


अजय कुमार,लखनऊ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकार किसी भी दल की रही हो,लेकिन सबके सामने कानून व्यवस्था हमेशा एक जैसी बड़ी चुनौती बनी रही। समाजवादी सरकारों का तो इस मामले में टैªक रिकार्ड काफी खराब रहा ही,योगी जैसे सख्त सीएम भी उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त नहीं कर पाए,जबकि अखिलेश राज में जंगलराज का नारा देकर ही भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में अपनी सरकार बनाई थी। हाॅ कोरोना वायरस आने के बाद जरूर योगी सरकार को इससे राहत मिल गई है। प्रदेश में पहले पहले अमूमन लूट, डकैती, बलात्कार  की 3 से 5 घटनाएं रोज होती है. वहीं 22 मार्च से लेकर 27 मार्च तक कहीं कोई घटना नहीं सुनाई दी। इस बीच हत्या और एक बच्ची से दुष्कर्म की घटना जरूर सामने आई, लेकिन वे पारिवारिक रंजिश या विवाद के चलते हुई थी।

दरअसल, दुनिया को डराने वाले कोरोनावायरस का खौफ सिर्फ आम लोगों को नहीं है बल्कि अपराधी भी इससे खौफजदा हैं. बीते तीन दिनों में उत्तर प्रदेश में लूट, चोरी, डकैती और स्नैचिंग की एक भी वरदात नहीं हुई है. ऐसा दावा प्रदेश की पुलिस ने किया है. आईजी (कानून व्यवस्था) ज्योति नारायण ने  बताया कि जनता कर्फ्यू के दिन यानि 22 मार्च से लेकर 27 मार्च के बीच प्रदेश में लूट, डकैती, अपहरण जैसी कोई घटना देखने को नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि पहले लूट, डकैती, चोरी की 3 से 5 घटनाएं रोज होती है. वहीं 22 से 27 मार्च तक एक भी घटना पूरे प्रदेश में देखने को नहीं मिली. इस बीच हत्या की घटनाएं हुई हैं लेकिन वे पारिवारिक रंजिश या विवाद के चलते हुई हैं. इन तीन दिनों में लूट, डकैती, स्नैचिंग, अपहरण की एक भी घटना सामने नहीं आई है. उन्होंने बताया कि अपराधियों को कोरोना के भय और सरकार की मजबूत व्यवस्था के कारण मौका नहीं मिल रहा है.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर पूरे प्रदेश में नाकाबंदी है. पूरे प्रदेश में मोहल्ले-गांव-गलियों तक में पुलिस का सख्त पहरा है. इसी कारण परिंदा भी पर मारने से घबरा रहा है. एक कारण यह भी है कि लोग अपने घरों में हैं. ऐसे में अपराधियों को मौका नहीं मिल पा रहा है. इससे पहले उत्तर प्रदेश की पुलिस ने 9 नवम्बर 2019 को, जिस दिन अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, उस दिन पूरे प्रदेश में कोई अपराध नहीं होने का दावा किया था. बीते ढाई साल में यह पहला ऐसा अवसर था जब पूरे प्रदेश में एक भी हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार और डकैती जैसी कोई वारदात नहीं हुई. फैसले के दिन पूरा प्रदेश अपराधमुक्त रहा था.ऐसा नहीं है कि इस दौरान पुलिस ने किसी के खिलाफ एफआईआर नहीं लिखी, मगर जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई उनके ऊपर लाॅकडाउन तोड़ने का मुकदमा दर्ज हुआ था,इसी प्रकार कालाबाजरी और जमाखोरी करने वालों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है।

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