पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर शहर के निवासी बसंती लाल वाल्मीकि के 20 वर्षीय बेटे अजय कुमार वाल्मीकि की 27 नवम्बर की रात धारदार हथियार से चेहरा काट कर अत्यंत निर्मम हत्या कर दी गयी .हत्या जिस निर्दयी तरीके से की गयी ,शव को देख कर किसी का भी दिल दहल सकता है .
जानकारी के मुताबिक अजय अपने घर से रात की 8 बजे अपनी बाइक लेकर निकला और रात भर वापस नहीं लौटा .चिंतित परिजनों ने उसकी रात भर खोजबीन की ,मगर उसका पता नहीं चल पाया .सुबह करीब 8 बजे अजय कुमार का क्षत विक्षत शव हायरसेकण्ड्री स्कूल के ग्राउंड में पाया गया .अजय के पिता और भाई विशाल ने शव की पहचान अजय के रूप में की .लाश के पास ही अजय कि बाइक भी बरामद हुई .
30.11.15
साजिशों की दास्तान “आपरेशन अक्षरधाम”
“आपरेशन अक्षरधाम” हमारे राज्यतंत्र और समाज के भीतर जो कुछ गहरे सड़ गल
चुका है, जो भयंकर अन्यापूर्ण और उत्पीड़क है, का बेहतरीन आलोचनात्मक
विश्लेषण और उस तस्वीर का एक छोटा सा हिस्सा है।
24 सितंबर 2002 को हुए गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमले को अब करीब 13
साल बीत चुके हैं। गांधीनगर के सबसे पॉश इलाके में स्थित इस मंदिर में
शाम को हुए एक ‘आतंकी’ हमले में कुल 33 निर्दोष लोग मारे गए थे। दिल्ली
से आई एनएसजी की टीम ने वज्रशक्ति नाम से आपरेशन चलाकर दो फिदाईनो को
मारने का दावा किया था। मारे गए लोगों से उर्दू में लिखे दो पत्र भी
बरामद होने का दावा किया गया जिसमें गुजरात में 2002 में राज्य प्रायोजित
दंगों में मुसलमानों की जान-माल की हानि का बदला लेने की बात की गई थी।
बताया गया कि दोनो पत्रों पर तहरीक-ए-किसास नाम के संगठन का नाम लिखा था।
प्यार करना कोई गुनाह नहीं
किसी को प्यार करना कोई गुनाह नहीं ,
ये बेमानी है कि उसका नतीजा क्या हुआ।
ये बेमानी है कि उसका नतीजा क्या हुआ।
तुम्हारे साथ ये सफर खुशनुमा बीता ,
ये छोडो कि रास्ते में हादसा क्या हुआ।
ये छोडो कि रास्ते में हादसा क्या हुआ।
किसी के दिल को यहीं से थी एक पगडंडी ,
अब हूँ हैरान देख के वो रास्ता क्या हुआ।
अब हूँ हैरान देख के वो रास्ता क्या हुआ।
किसी की जान भी जाए मेरा मज़हब हो बुलंद ,
कोई बताये भला ये भी फ़लसफ़ा क्या हुआ ?
कोई बताये भला ये भी फ़लसफ़ा क्या हुआ ?
आईएफडब्लूजे के दो दिवसीय अधिवेशन में जुटे देश भर के सैंकड़ों पत्रकार
मथुरा। इण्डियन फेडरेशन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आईएफडब्लूजे) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 126वीं बैठक के0डी0 डेन्टल काॅलेज मे रविवार को पत्रकारों के आचरण और चरित्र विषय के साथ आरम्भ हुई। इससे पूर्व मथुरा के जिलाधिकारी श्री राजेश कुमार ने पूर्व रक्षा मंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव जी का सन्देश पढ़कर सुनाया और उनके किसी व्यक्तिगत कारणों से इस कार्यक्रम में न पहुंच पाने की असमर्थता पर खेद प्रकट किया। साथ ही उन्होने श्री यादव द्वारा इस अधिवेशन की सफलता के लिये दी गयी बधाई का सन्देश भी मंच से पढ़कर सुनाया। वहीं मुलायम सिंह के अनुज और लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव आज सोमवार को इस अधिवेशन के समापन सत्र को सम्बोधित करेंगे।
27.11.15
हिंदी अध्यापन के क्षेत्र में किसी महिला की पहली आत्मकथा : केदारनाथ सिंह
हिंदी साहित्य के प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह ने कहा कि सच को स्वीकार करने और लिखने के लिए, खासकर अपने नजदीकी लोगों के बारे में सही टिप्पणी करने के लिए बड़े ही साहस की जरूरत होती है और निर्मला जैन में वह मजबूती है, वह साहस है. यह उनकी आत्मकथा ‘ज़माने में हम’ में साफ़ उभर कर सामने आता है. केदारनाथ सिंह मंगलवार की शाम साहित्य अकादमी सभागार में निर्मला जैन की आत्मकथा के प्रकाशन के अवसर पर आयोजित ‘लेखक से बातचीत’ कार्यक्रम में बतौर विशिष्ठ अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदी अध्यापन के क्षेत्र में किसी महिला ने पहली बार आत्मकथा लिखने का साहस दिखाया है. इसलिए सही मायने में यह कृति एक इतिहास की शुरुआत है और इसमें जिन-जिन बातों का उल्लेख किया गया है उनसे यह किताब एक दस्तावेज की तरह भी पढ़ी जा सकती है. उन्होंने कहा, ” निर्मला जैन ने अपने निजी, पेशेवर और सामाजिक जीवन के सभी संघर्षों को बड़ी सच्चाई तथा सजीव ढंग से पेश किया है, जो हर किसी के वश में नहीं है। “
भड़ास में टीआरपी की खबर पढ़कर अच्छा लगा कि न्यूज़ 24 जैसा चैनल नीचे जा रहा है
भड़ास में टीआरपी की खबर पढ़कर अच्छा लगा कि न्यूज़ 24 जैसा चैनल नीचे जा रहा है। मैं बताना चाहूँगा की न्यूज 24 में डेस्क में जो लोग बैठे हैं उन्हें ख़बरों का सेन्स ही नहीं है। दूसरे चैनल जिस खबर को प्रमुखता से चलाते हैं न्यूज़ 24 इतना महान है की उनको खबरों की कोई जरूरत ही नहीं होती। न्यूज़ 24 का हाल ऐसा ही रहा तो इसका गर्त में जाना तय है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ की जो लोग डेस्क में बैठे हैं तो क्या उन्होंने न्यूज़ 24 की लुटिया डुबोने का फैसला ही कर लिया है क्या। स्ट्रिंगर्स से खबर मंगा ली जाती है लेकिन चलाने के लिए टाइम ही नहीं होता।स्ट्रिंगर्स बेचारा दिन भर मेहनत करके खबर बनाता है।
ओबीसी आरक्षण कोटा से अति पिछड़ी जातियों का कोटा अलग हो
लखनऊ : ओबीसी आरक्षण कोटा से अति पिछड़ी जातियों का कोटा अलग किया जाये. यह बात आज एस.आर .दारापुरी, राष्ट्रीय प्रव्क्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस विज्ञप्ति में कही है. उन्होंने आगे कहा है कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी के लिए में वर्तमान में 27% आरक्षण कोटा उपलब्ध है परन्तु उस में अति पिछड़ी जातियां जिन की जनसँख्या पिछड़ी जातियों में 33% है को कोई लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि उस का बड़ा हिस्सा ओबीसी में अगड़ी जातियां जैसे यादव, कुर्मी और जाटों द्वारा हथिया लिया जा रहा है. अतः अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है जब उन का कोटा अलग कर दिया जाये. आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने इस मांग को लगातार उठाया है और उसे अपने सामाजिक न्याय के एजंडे में शामिल किया है.
कब सहिष्णु थे आप ?
कौन से युग ,किस सदी ,
किस कालखंड में ,सहिष्णु थे आप ?
देवासुर संग्राम के समय ?
जब अमृत खुद चखा
और विष छोड़ दिया
उनके लिए ,
जो ना थे तुमसे सहमत.
दैत्य ,दानव ,असुर ,किन्नर
यक्ष ,राक्षस
क्या क्या ना कहा उनको.
वध ,मर्दन ,संहार
क्या क्या ना किया उनका .
किस कालखंड में ,सहिष्णु थे आप ?
देवासुर संग्राम के समय ?
जब अमृत खुद चखा
और विष छोड़ दिया
उनके लिए ,
जो ना थे तुमसे सहमत.
दैत्य ,दानव ,असुर ,किन्नर
यक्ष ,राक्षस
क्या क्या ना कहा उनको.
वध ,मर्दन ,संहार
क्या क्या ना किया उनका .
असहिष्णुता के आरोप से घिरी सरकार को बचाने के लिए खुफिया एजेंसियां गा रही हैं आइएस राग!
बड़ा साजिद की कथित मौत की खुफिया एजेंसियों ने पांचवीं बार फैलाई अफवाह,
पिछली बार जुलाई मंे भी खुफिया विभाग के हवाले से आई थीं खबरें
खबरों की शक्ल में अफवाहें फैलाकर खुफिया एजेंसियां बढ़ाती हैं असहिष्णुता
फर्जी खबरें नहीं रुकीं तो मजबूरन मीडिया के खिलाफ करनी पड़ेगी कानूनी कार्रवाई
लखनऊ । 'आइएस की तरफ से लड़ रहे कथित आतंकी आजमगढ़ निवासी बड़ा
साजिद सीरिया में मारा जा चुका है' किस्म की चर्चा को रिहाई मंच ने खुफिया एजेंसियों
द्वारा आजमगढ़ को बदनाम करने की कोशिश बताया है। संगठन ने अपना आरोप फिर
दोहराया है कि आजमगढ़ और भटकल समेत पूरे देश से ऐसे कई मुस्लिम नौजवानों
को वांटेड और भगोड़ा बताकर खुफिया एजेंसियों ने अपने पास बंधक बना कर रखा
है। जिसे खुफिया एजेंसियां अपनी और सियासी जरूरत के हिसाब से एक ही आदमी
को कई-कई बार मारने का दावा करती रहती हैं। मंच ने आरोप लगाया है कि देश
में बढ़ती असहिष्णुता के लिए खुफिया एजेंसियांे की भूमिका की भी जांच
होनी चाहिए। रिहाई मंच ने आमिर खान द्वारा भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर
जताई चिंता से सहमति जताते हुए कहा है कि देश उन्हें नहीं बल्कि आसाम के
संघी राज्यपाल पीबी आचार्या को छोड़ देना चाहिए जो भारत को अम्बेडकर के
संविधान के बजाए मनु के दलित, महिला और अल्पसंख्यक विरोधी संविधान से
चलाना चाहते हैं।
पिछली बार जुलाई मंे भी खुफिया विभाग के हवाले से आई थीं खबरें
खबरों की शक्ल में अफवाहें फैलाकर खुफिया एजेंसियां बढ़ाती हैं असहिष्णुता
फर्जी खबरें नहीं रुकीं तो मजबूरन मीडिया के खिलाफ करनी पड़ेगी कानूनी कार्रवाई
लखनऊ । 'आइएस की तरफ से लड़ रहे कथित आतंकी आजमगढ़ निवासी बड़ा
साजिद सीरिया में मारा जा चुका है' किस्म की चर्चा को रिहाई मंच ने खुफिया एजेंसियों
द्वारा आजमगढ़ को बदनाम करने की कोशिश बताया है। संगठन ने अपना आरोप फिर
दोहराया है कि आजमगढ़ और भटकल समेत पूरे देश से ऐसे कई मुस्लिम नौजवानों
को वांटेड और भगोड़ा बताकर खुफिया एजेंसियों ने अपने पास बंधक बना कर रखा
है। जिसे खुफिया एजेंसियां अपनी और सियासी जरूरत के हिसाब से एक ही आदमी
को कई-कई बार मारने का दावा करती रहती हैं। मंच ने आरोप लगाया है कि देश
में बढ़ती असहिष्णुता के लिए खुफिया एजेंसियांे की भूमिका की भी जांच
होनी चाहिए। रिहाई मंच ने आमिर खान द्वारा भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर
जताई चिंता से सहमति जताते हुए कहा है कि देश उन्हें नहीं बल्कि आसाम के
संघी राज्यपाल पीबी आचार्या को छोड़ देना चाहिए जो भारत को अम्बेडकर के
संविधान के बजाए मनु के दलित, महिला और अल्पसंख्यक विरोधी संविधान से
चलाना चाहते हैं।
राष्ट्रपति बोले- पुरस्कार लौटाना भी प्रतिरोध का एक तरीका है
Om Thanvi : कल रात हम लोग राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले - साहित्यकार अशोक वाजपेयी, कलाकार विवान सुंदरम और मैं नाचीज। पहली नवम्बर को हमने कांस्टीट्यूशन क्लब में मावलंकर सभागार में जो लेखकों, कलाकारों, इतिहासकारों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों आदि का "प्रतिरोध" आयोजित किया था, उसमें पारित प्रस्ताव राष्ट्रपति को हमने ज्ञापन के रूप में पहुँचाने का जिम्मा लिया था।
भाजपा को सिक्युलर शब्द से डर क्यों लगता है?
-एस.आर. दारापुरी-
आइ.पी.एस. (से.नि.)
कल संसद में संविधान दिवस पर बोलते हुए भाजपा के प्रतिनिधि राजनाथ सिंह ने फिर दोहराया है कि संविधान में सिक्युलर शब्द का समावेश अनावश्यक है और इस का बहुत दुरूपयोग हुआ है. उन्होंने आगे सिक्युलरिज्म को परिभाषित करते हुए कहा है कि इस का अर्थ धर्म-निरपेक्षता नहीं बल्कि पंथ-निरपेक्षता है. इस से पहले भी भाजपा और उस के सहयोगी इस शब्द पर इसी प्रकार की आपत्ति करते रहे हैं.
आइ.पी.एस. (से.नि.)
कल संसद में संविधान दिवस पर बोलते हुए भाजपा के प्रतिनिधि राजनाथ सिंह ने फिर दोहराया है कि संविधान में सिक्युलर शब्द का समावेश अनावश्यक है और इस का बहुत दुरूपयोग हुआ है. उन्होंने आगे सिक्युलरिज्म को परिभाषित करते हुए कहा है कि इस का अर्थ धर्म-निरपेक्षता नहीं बल्कि पंथ-निरपेक्षता है. इस से पहले भी भाजपा और उस के सहयोगी इस शब्द पर इसी प्रकार की आपत्ति करते रहे हैं.
मुनव्वर राना बोले- ''आजम हैं मुसलमानों के आदित्यनाथ''
-हिमांशु तिवारी ‘आत्मीय’-
हमारे विरोध का तरीका है पुरस्कार वापसी
हुकूमत का मतलब सिर्फ केंद्र से नहीं बल्कि राज्य से भी है :
‘’किसी के हिस्से में मकां आया तो किसी के हिस्से में दुकां आई मैं घर में सबसे छोटा था तो मेरे हिस्से में मां आई.’’ जी हां इन शब्दों और दमदार आवाज के साथ भारत के चर्चित शायर मुनव्वर राणा लोगों के दिलों में उतरते चले गए. किताबों से उनके शब्द उभरकर आंखों से आंसुओं का दरिया बहाने लगे. क्योंकि उनकी कलम ने कलाम लिखकर जहन के किसी खास कोने को छू लिया था. लेकिन साहित्य अकादमी पुरस्कार वापसी को लेकर मुनव्वर राणा अब कलामों से ज्यादा विवादों के तौर पर सुर्खियां बटोर रहे हैं. कभी नामर्द कहकर तो कभी कुत्तों को शाही टुकड़े हुकूमत के जरिए दिए जाने को लेकर. एक अच्छी खासी बहस का मुद्दा बने हुए हैं मुनव्वर साहब. इन्ही मुद्दों पर आपके आत्मीय ने मुनव्वर राणा साहब से बातचीत की. आईये जानते हैं कुछ अहम सवालों के जवाब.
हुकूमत का मतलब सिर्फ केंद्र से नहीं बल्कि राज्य से भी है :
‘’किसी के हिस्से में मकां आया तो किसी के हिस्से में दुकां आई मैं घर में सबसे छोटा था तो मेरे हिस्से में मां आई.’’ जी हां इन शब्दों और दमदार आवाज के साथ भारत के चर्चित शायर मुनव्वर राणा लोगों के दिलों में उतरते चले गए. किताबों से उनके शब्द उभरकर आंखों से आंसुओं का दरिया बहाने लगे. क्योंकि उनकी कलम ने कलाम लिखकर जहन के किसी खास कोने को छू लिया था. लेकिन साहित्य अकादमी पुरस्कार वापसी को लेकर मुनव्वर राणा अब कलामों से ज्यादा विवादों के तौर पर सुर्खियां बटोर रहे हैं. कभी नामर्द कहकर तो कभी कुत्तों को शाही टुकड़े हुकूमत के जरिए दिए जाने को लेकर. एक अच्छी खासी बहस का मुद्दा बने हुए हैं मुनव्वर साहब. इन्ही मुद्दों पर आपके आत्मीय ने मुनव्वर राणा साहब से बातचीत की. आईये जानते हैं कुछ अहम सवालों के जवाब.
करोड़ों की मनी लाँड्रिंग में एनडीटीवी को नोटिस
-हरिशंकर व्यास-
एनडीटीवी चैनल और उसके मालिकानों पर मनी लांड्रिग का केस कगार पर है। प्रवर्तन निदेशालय की जांच निर्णायक मोड पर है। मामला एनडीटीवी लि. कंपनी का ब्रिटेन में वहां बनाई सबसिडरी कंपनी एनएनपीएलसी को पब्लिक इश्यू से फंड जुटाने और उसे ग्रुप कंपनी को जस का तस भेजने की एफआईपीबी की अनुमति से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि जो अनुमति पब्लिक आफरिंग की थी उसके बजाय कंपनी ने विदेशी कर्ज, बांड्स जैसे अलग तरीके से फंड जुटाया। यह एफआईपीबी की मंजूरी की शर्त और फेमा कानून की धारा का उल्लंघन था।
एनडीटीवी चैनल और उसके मालिकानों पर मनी लांड्रिग का केस कगार पर है। प्रवर्तन निदेशालय की जांच निर्णायक मोड पर है। मामला एनडीटीवी लि. कंपनी का ब्रिटेन में वहां बनाई सबसिडरी कंपनी एनएनपीएलसी को पब्लिक इश्यू से फंड जुटाने और उसे ग्रुप कंपनी को जस का तस भेजने की एफआईपीबी की अनुमति से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि जो अनुमति पब्लिक आफरिंग की थी उसके बजाय कंपनी ने विदेशी कर्ज, बांड्स जैसे अलग तरीके से फंड जुटाया। यह एफआईपीबी की मंजूरी की शर्त और फेमा कानून की धारा का उल्लंघन था।
इस असहिष्णु समय में : आभासी सांप्रदायिकता को स्थापित करने में लगी शक्तियों के इरादों को समझें
-संजय द्विवेदी-
सड़क से लेकर संसद तक असहिष्णुता की चर्चा है। बढ़ती सांप्रदायिकता की चर्चा है। कलाकार, साहित्यकार सबका इस फिजां में दम घुट रहा है और वे दौड़-दौड़कर पुरस्कार लौटा रहे हैं। राष्ट्रपति से लेकर आमिर खान तक सब इस चिंता में शामिल हो चुके हैं। भारत की सूरत और शीरत क्या सच में ऐसी है, जैसी बतायी जा रही है या यह ‘आभासी सांप्रदायिकता’ को स्थापित करने के लिए गढ़ा जा रहा एक विचार है। आज के भारतीय संदर्भ में पाश्चात्य विचारक मिशेस फूको की यह बात मौजूं हो सकती है जो कहते हैं कि “विमर्श एक हिंसा है जिसके द्वारा लोग अपनी बात सही सिद्ध करना चाहते हैं।”
सड़क से लेकर संसद तक असहिष्णुता की चर्चा है। बढ़ती सांप्रदायिकता की चर्चा है। कलाकार, साहित्यकार सबका इस फिजां में दम घुट रहा है और वे दौड़-दौड़कर पुरस्कार लौटा रहे हैं। राष्ट्रपति से लेकर आमिर खान तक सब इस चिंता में शामिल हो चुके हैं। भारत की सूरत और शीरत क्या सच में ऐसी है, जैसी बतायी जा रही है या यह ‘आभासी सांप्रदायिकता’ को स्थापित करने के लिए गढ़ा जा रहा एक विचार है। आज के भारतीय संदर्भ में पाश्चात्य विचारक मिशेस फूको की यह बात मौजूं हो सकती है जो कहते हैं कि “विमर्श एक हिंसा है जिसके द्वारा लोग अपनी बात सही सिद्ध करना चाहते हैं।”
मध्य प्रदेश के एक पत्रकार ने सीएम शिवराज को भरपूर तेल लगाने वाला लेख लिखा
मध्य प्रदेश के मनोज कुमार नामक एक पत्रकार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भरपूर तेल लगाते हुए आलेख लिखा है. यह आलेख यहां इसलिए प्रकाशित किया जा रहा है ताकि पता चल सके कि कोई पत्रकार अपनी कलम को कितना पतित कर सकता है. पत्रकारिता का धर्म सत्ता की नीतियों में बुराई खोजना है. सत्ता में जाने वाले लोगों को अच्छा काम करने के लिए ही बहुमत जनता देती है. मीडिया को ये अधिकार दिया जाता है कि वह तलाश करे कि किन किन क्षेत्रों में खराब काम हो रहा है या नीतियों में कहां कहां गड़बड़ी है. पर इसके उलट जब पत्रकार रुपये के चंद टुकड़ों के लिए सत्ता शासन की तारीफें लिखने लगें तो समझ जाइए कि मीडिया का आखिरी पतन हो चुका है. इस मनोज कुमार नामक पत्रकार पर लानत है. पढ़िए इस पत्रकार का लिखा लेख.
-माडरेटर, भड़ास
25.11.15
चूरू के दुलाराम सहारण को मिला गौरीशंकर कमलेश पुरस्कार
झुंझुनू । कोटा के ज्ञान भारती संस्थान की ओर से दिया जाने वाला प्रतिष्ठित गौरीशंकर कमलेश राजस्थानी भाषा साहित्य पुरस्कार शनिवार को कोटा में आयोजित समारोह में वर्ष 2015 के लिए चूरू के साहित्यकार दुलाराम सहारण को प्रदान किया गया। उनकी कृति ‘आंगणै री ओळूं’ के लिए दिए गए पुरस्कार में उन्हें ग्यारह हजार रुपए, शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि कोटा विश्वविद्यालय के कुलसचिव व ख्यातनाम साहित्यकार अंबिका दत्त चतुर्वेदी ने कहा कि साहित्यकार के पास ही यह जिम्मा होता है कि वह काल को लांघते हुए सृजन करे। वह अपने सृजन के समय वर्तमान, भविष्य और भूतकाल तीनों में विचरण करता है। काल के इस अतिक्रमण के साथ ही यदि लोक चेतना का सम्यक निष्पादन उसकी रचनाओं में हो जाए तो वह सृजन कालजयी बन जाता है।
एलिस का कहन आदिवासी समाज के जीवन और अनुभव से उपजा है
आदिवासी समाज का जीवन और अनुभव जब कहन बन कर आता है तो हम एक नये दर्शन से परिचित होते हैं। यह दर्शन सहअस्तित्व और सहजीविता का है जो एलिस की कहानियों में है और जिसकी बुनावट बहुत बारीक है। एलिस अपनी कहानियों में साठ के दशक के आदिवासी उम्मीदों को सामने रखती हैं। लेकिन बाद में वे उस छल को भी अभिव्यक्त करती हैं जिसका शिकार आदिवासी समाज बनता है। ये बातें आज ‘एलिस एक्का की कहानियां’ और ‘आदिवासी दर्शन और साहित्य’ पुस्तकों के लोकार्पण के अवसर पर वक्ताओं ने कही। पुस्तकों का लोकार्पण वरिष्ठ साहित्यकार डा. माया प्रसाद, नवोदित कवयित्री अणिमा बिरजिया, कथाकार एलिस एक्का की भाभी एलिस आईंद और उनके बेटे तथा गोस्सनर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ एक्का ने किया। सूचना भवन के सभागार में हुए इस कार्यक्रम का आयोजन झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा ने किया था।
ये कौन सा मिशन है आमिर.....
रमेश कुमार ‘‘रिपु‘‘
पर्दे का ही नायक नहीं हो आमीर। दिल से करोड़ों हिन्दुस्तानियों के हीरो भी हो। यह कौन सा मिशन है जिमसें डर का प्रचार करने लगे। देश में रहने से डर रहे हैं या फिर देशवासियों की मोहब्बत से डरने लगे हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए देश छोड़कर किरण (पत्नी) जाना चाहती है। यह कहकर क्या बताना और जताना चाहते हैं। आपको किससे डर है। डर का प्रचार कर रहे हो या फिर डर बेच रहे हो। यह डर नायक का है या फिर एक मुस्लिम का? हिन्दुओं के देश में उनके धर्म की बखिया उधेड़ी पी.के. फिल्म में, तब तुम्हें डर नहीं लगा। हिन्दुस्तानियों ने तुम्हारे घर में पत्थर तक नहंी फेके। तुम्हारे चेहरे पर कालिख तक नहीं पोती। बावजूद इसके लोगों ने प्यार दिया। फिल्में देखी। मुस्लिम धर्म की बखिया उधेड़कर बताओ ? तब कहना डर लगता है। एक नायक सत्यमेय जयते में बड़ी बड़ी बातें करता है और फिर अचानक असहिष्ण्ुाता की बात करने लगे तो बात हजम होती नहीं।
पर्दे का ही नायक नहीं हो आमीर। दिल से करोड़ों हिन्दुस्तानियों के हीरो भी हो। यह कौन सा मिशन है जिमसें डर का प्रचार करने लगे। देश में रहने से डर रहे हैं या फिर देशवासियों की मोहब्बत से डरने लगे हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए देश छोड़कर किरण (पत्नी) जाना चाहती है। यह कहकर क्या बताना और जताना चाहते हैं। आपको किससे डर है। डर का प्रचार कर रहे हो या फिर डर बेच रहे हो। यह डर नायक का है या फिर एक मुस्लिम का? हिन्दुओं के देश में उनके धर्म की बखिया उधेड़ी पी.के. फिल्म में, तब तुम्हें डर नहीं लगा। हिन्दुस्तानियों ने तुम्हारे घर में पत्थर तक नहंी फेके। तुम्हारे चेहरे पर कालिख तक नहीं पोती। बावजूद इसके लोगों ने प्यार दिया। फिल्में देखी। मुस्लिम धर्म की बखिया उधेड़कर बताओ ? तब कहना डर लगता है। एक नायक सत्यमेय जयते में बड़ी बड़ी बातें करता है और फिर अचानक असहिष्ण्ुाता की बात करने लगे तो बात हजम होती नहीं।
लोकतांत्रिक चुनावों में प्रोपोगंडा के महत्व को बढ़ा चढ़ा कर दिखाने की कोशिश
सन २०१४ के लोकसभा चुनाव में जब मोदी को अप्रत्याशित बहुमत मिला था तब भी इस बात की चर्चा हुई थी कि इसमें कमाल उनके प्रचार तंत्र और इवेंट मैनेजरों का है | इसके बाद बिहार चुनाव में नितीश को अंदाजे से बहुत ज्यादा बहुमत मिला तो फिर यही बात कही जा रही है और इस चर्चा के चलते वितंडा विशेषज्ञ प्रशांत किशोर तो रातों रात सुपर स्टार बन गये है | प्रचार की महिमा का यह तथ्य कोई पहली बार नहीं आया | वारसा संधि के एक देश में कम्युनिष्ट निजाम ख़त्म होने के बाद जो पहला चुनाव हुआ उसमे राष्ट्रपति पद पर एक ऐसे उम्मीदवार ने महगे चुनाव प्रचार के जरिये २५ % तक वोट बटोर लिए थे जो वर्षों से अमेरिका में रहकर व्यवसाय कर रहा था और इस बीच एक बार भी अपने देश में आया तक नहीं था |
खुला ख़त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम
मुख्यमंत्री जी नमस्कार
हुजूर माईबाप मेरी इतनी औकात कहाँ जो मैं आपको खुला क्या बंद ख़त लिखने की जुर्रत कर सकूँ, लेकिन क्या करूँ भारतीय संविधान बनाने वालों ने संविधान में अनुच्छेद 19 बनाकर भारतीय नागरिकों को स्वतंत्रता के साथ अपनी बात करने का अधिकार दे दिया।
हुजूर माईबाप मेरी इतनी औकात कहाँ जो मैं आपको खुला क्या बंद ख़त लिखने की जुर्रत कर सकूँ, लेकिन क्या करूँ भारतीय संविधान बनाने वालों ने संविधान में अनुच्छेद 19 बनाकर भारतीय नागरिकों को स्वतंत्रता के साथ अपनी बात करने का अधिकार दे दिया।
उच्च शिक्षा क्षेत्र में WTO को दिए ‘प्रस्ताव’ को सरकार द्वारा वापस लेने के लिए राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया
वाराणसी : सब के लिए शिक्षा के वृहत उद्देश्य को हासिल करने के लिए ‘अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच’ का गठन हुआ है। इस बात की पूरी संभावना है कि 15-18 दिसंबर 2015 को नैरोबी, केन्या में होने वाली विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यु.टी.ओ./WTO) की दसवीं मंत्री-स्तरीय बैक में भारत सरकार उच्च शिक्षा को WTO के मातहत वैश्विक बाज़ार के ‘सुपुर्द’ कर देगी।
मोदी के बनारस में पीने का साफ पानी नहीं
रुही कंधारी
पाइपों में रिसाव के कारण सीवेज वाला पानी, शोधित पानी में मिल जाता है और गंगा का पानी पहले से ही बहुत ज्यादा प्रदूषित है, ऐसे में बनारस के लोग पेट संबंधी अनेक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। साफ और बेहतर जल आपूर्ति के लिए लोगों को अब केवल केंद्र सरकार की एक योजना पर यकीन है।
पाइपों में रिसाव के कारण सीवेज वाला पानी, शोधित पानी में मिल जाता है और गंगा का पानी पहले से ही बहुत ज्यादा प्रदूषित है, ऐसे में बनारस के लोग पेट संबंधी अनेक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। साफ और बेहतर जल आपूर्ति के लिए लोगों को अब केवल केंद्र सरकार की एक योजना पर यकीन है।
तीसरा फ्यूल कॉन्फरेंस और मोज़िला हैकाथन संपन्न
प्रेस रिलीज
तीसरा फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्फरेंस 2015 आज चेन्नई में संपन्न हुआ। भाषाई कंप्यूटिंग के लिए मानक संसाधन बनाने में पिछले सात सालों से जुटी फ़्यूल परियोजना के द्वारा 2013 में आरंभ किए गए इस सम्मेलन के प्रायोजक और आयोजक दुनिया की जानी-मानी कंपनिया मोज़िला, सी-डैक और रेड हैट हैं। तीन दिवसीय यह सम्मेलन 20 नवंबर को आरंभ हुआ। इसके उद्घाटन सत्र को मोज़िला के लोकलाइजेशन ड्राइवर एक्सेल हेच्ट, आईआईटी मद्रास की प्रोफ़ेसर हेमा मूर्ति, आईआईटी मद्रास के ही हेमचंद्रण कराह और सीडैक के सहायक निदेशक जसजीत सिंह ने संबोधित किया। पहले दिन के शाम के पैनल डिसक्शन में मोज़िला की पेइंग मो और आर्की तथा अवाया के जी. करूणाकर और फ्यूल प्रोजेक्ट के संस्थापक राजेश रंजन के मॉडरेशन में खुली परिचर्चा हुई। पहले दिन के कार्यक्रम में कई जाने-माने भाषाई कंप्यूटिंग पर काम करने वाले विद्वानों ने हिस्सा लिया।
तीसरा फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्फरेंस 2015 आज चेन्नई में संपन्न हुआ। भाषाई कंप्यूटिंग के लिए मानक संसाधन बनाने में पिछले सात सालों से जुटी फ़्यूल परियोजना के द्वारा 2013 में आरंभ किए गए इस सम्मेलन के प्रायोजक और आयोजक दुनिया की जानी-मानी कंपनिया मोज़िला, सी-डैक और रेड हैट हैं। तीन दिवसीय यह सम्मेलन 20 नवंबर को आरंभ हुआ। इसके उद्घाटन सत्र को मोज़िला के लोकलाइजेशन ड्राइवर एक्सेल हेच्ट, आईआईटी मद्रास की प्रोफ़ेसर हेमा मूर्ति, आईआईटी मद्रास के ही हेमचंद्रण कराह और सीडैक के सहायक निदेशक जसजीत सिंह ने संबोधित किया। पहले दिन के शाम के पैनल डिसक्शन में मोज़िला की पेइंग मो और आर्की तथा अवाया के जी. करूणाकर और फ्यूल प्रोजेक्ट के संस्थापक राजेश रंजन के मॉडरेशन में खुली परिचर्चा हुई। पहले दिन के कार्यक्रम में कई जाने-माने भाषाई कंप्यूटिंग पर काम करने वाले विद्वानों ने हिस्सा लिया।
बधाई हो, एबीपी न्यूज़ वालों ने आतंकवाद का धर्म तय कर दिया!
जिस आतंकवाद की परिभाषा और धर्म तय करने में बड़े बड़ों को पसीने आ गए हों उस आतंकवाद का धर्म विदेशी धन पर पलने वाले ए बी पी न्यूज़ ने तय कर दिया ! हाल में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में जिन दो आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मुठभेड़ में मार गिराया था उन आतंकवादियों को ए बी पी न्यूज़ ने सम्मान बख्शते हुए मिलिटेंट की संज्ञा दे दी ! मिलिटेंट यानी धर्म के लिए युद्द करने वाला , तो लगे हाथ ये भी बता देते की ये कौन से धर्म के लिए युद्द लड़ रहे थे ! आतंकवादियों को मिलिटेंट बता कर उन्हें सम्मान देने की ये मानसिकता दर्शाती है की इनकी सोच कहाँ से पोषित हो रही है !
22.11.15
भव्य राम मन्दिर की अधूरी आस
हिन्दुत्व पुरोधा अशोक सिंघल का नाम सुनते ही एक हिन्दूवादी छवि के नेता का चित्र मानस में उभरता है । ऐसा व्यक्तित्व जिसके जीवन का एक मात्र उद्देश्य था अयोध्या में भगवान राम का भव्य मन्दिर निर्माण करवाना । अपने उद्देश्य की पूर्ति हेतु इस व्यक्तित्व ने अजीवन संघर्ष किया । इसी वर्ष के 30 सितम्बर को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी के साथ मिलकर अशोक सिंघल ने अपने जीवन की अंतिम प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए वर्तमान केन्द्रीय सरकार को अयोध्या में भगवान राम के भव्य मन्दिर निर्माण करने की तरफ अग्रेसित होने के लिए कहा । अशोक सिंघल को भारतीय तिथि के अनुसार पिछले मास 1 अक्टूबर को अपना 90 जन्मदिन मनायें हुए अभी चंद दिन ही बीते थे और दिल्ली के सिविक सेंटर में आयोजित उस कार्यक्रम में जो भी गया होगा उसने कभी यह कल्पना भी नही की होगी कि मात्र चंद दिनों बाद ही अशोक सिंघल हमारे बीच में नहीं होगें।
21.11.15
देश की पहली महिला आदिवासी कथाकार एलिस एक्का की कहानियों का संग्रह रविवार 22 नवंबर को रांची में लोकार्पित होगा
देश की पहली महिला आदिवासी कथाकार एलिस एक्का की कहानियों का संग्रह रविवार 22 नवंबर को रांची में लोकार्पित होगा। झारखंड की जानीमानी विदूषी संस्कृतिकर्मी वंदना टेटे ने इसका संपादन किया है। ‘एलिस एक्का की कहानियां’ का लोकार्पण झारखंड की तीन पीढ़ी की महिला साहित्यकार डा. माया प्रसाद, शकुंतला मिश्र और अणिमा बिरजिया संयुक्त रूप से दिन के दो बजे सूचना भवन के सभागार में करेंगी। आयोजन में वंदना टेटे की एक अन्य पुस्तक ‘आदिवासी दर्शन और साहित्य’ का भी लोकार्पण किया जाएगा। लोकार्पण के अवसर पर कथाकार डा. रोज केरकेट्टा, पीटर पॉल एक्का, विनोद कुमार और शिशिर टुडू पुस्तकों पर समालोचकीय वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे।
परिचर्चा- आजादी, लोकतंत्र और सरकारें : देश के विकास का माडल अब बदलना होगा
"साझा संस्कृति मंच" के तत्वावधान आज वाराणसी में नेपाली कोठी स्थित सभागार में आयोजित परिचर्चा जिसका विषय “आजादी लोकतंत्र और सरकारें” था में वक्ताओं ने आजादी मिलने के सातवे दशक में देश की स्थिति पर चर्चा की. इस अवसर पर मुख्य वक्तव्य दे रहे छतीसगढ़ से आये वरिष्ठ गांधीवादी चिन्तक हिमांशु कुमार ने कहा कि भारत की आज़ादी के वख्त इसे एक ऐसा मुल्क बनाने का सपना देखा गया था जिसमें सभी धर्मों , भाषाओँ के लोग बराबर होंगे . गरीब और अंतिम व्यक्ति का सबसे पहले ध्यान रखा जाएगा, भारत यह संस्कृति सारी दुनिया को सिखायेगा, लेकिन आज़ादी के कुछ ही समय बीतने के बाद देश के कई समुदाय डर महसूस करने लगे हैं, गरीबों की ज़मीन सरकारी ताकत के सहारे छीन कर अमीरों को दी जा रही है, आज़ादी के सारे वायदों से मुकरा जा रहा है . आज देश की सरकारें उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के हित साधन में लगी हुयी हैं. उद्योगपतियों को यह सब कुछ सस्ता और लगातार चाहिये, उसके लिये उसे सरकार पर अपना नियंत्रण भी चाहिये, कच्चे माल के इलाकों में रहने वाले लोगों के कब्ज़े से वो इलाका खाली करवाने के लिये फौजी ताकत का प्रयोग भी किया जा रहा है यही कारण है कि आज भारत का मिडिल क्लास अपने आदिवासी भाई से युद्ध कर रहा है.
मीडिया के मुखौटे में बलात्कारी!
मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयान 82 के तहत कार्यवाही के आदेश स्थानीय मीडिया के समक्ष रिकार्डेड बयान और मीडिया में खबर के बाद एकाएक पीड़िता का ‘यू टर्न’ संदेह पैदा करता है। चर्चा धन बल के आधार पर मामले को दफन करने को लेकर हो रही है। एक वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा इस मामले में जनहित याचिका भी दायर की जा चुकी है। दूसरी ओर तथाकथित बलात्कारी पत्रकार स्वयं को पाक-साफ बता रहा है जबकि वकीलों का एक ग्रुप मीडिया के मुखौटे में छिपे एक बलात्कारी का चेहरा आम जनता के सामने लाना चाहता है।
पदोन्नति में आरक्षण की बहाली हेतु संविधान संशोधन ज़रूरी - दारापुरी
लखनऊ : पदोन्नति में आरक्षण की बहाली हेतु संविधान संशोधन ज़रूरी है जिस हेतु संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लाया जाये. यह मांग आज आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी ने प्रेस को भेजे गए वक्तव्य में उठाई है. उन्होंने कहा है सुप्रीम कोर्ट के एम. नागराज वाले मामले में दिए गए निर्णय के परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हजारों की संख्या में दलित अधिकारियों की पदावनति की गयी है अथवा की जा रही है. देश के बाकि राज्यों में भी दलित अधिकारियों का पदोन्नति में आरक्षण रुका हुआ है. यह दलित वर्ग के अधिकारियों के बहुत बड़ा झटका है. दलित अधिकारियों को 1955 से यह लाभ मिल रहा था परन्तु अब यह बंद हो गया है जिस कारण दलित अधिकारियों का उच्च पदों पर प्रतिनिधित्व अवरुद्ध हो गया है. अतः पदोन्नति में आरक्षण की बहाली हेतु संविधान संशोधन किया जाना ज़रूरी है.
मोदीवादी विकास से सावधान
-एच.एल.दुसाध -
इन पंक्तियों के लिखे जाने के दौरान बिहार बिधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान जारी है.यूं तो पहले चरण का मतदान शुरू होने के पूर्व तक विकास का मुद्दा शीर्ष पर था. पर आरक्षण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत को बयान को जिस तरह लालू-नीतीश ने लपका, उसके बाद चुनाव पूरी तरह जाति बनाम धार्मिक चेतना के राजनीतिकरण पर केन्द्रित हो गया,जो तीसरे चरण का चुनाव प्रचार थमते-थमते तुंग पर पहुँच गया है. इस चुनावी जंग में हिन्दू –ध्रुवीकरण पर अतिशय निर्भर रहने के कारण तीसरे चरण का प्रचार थमने के पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिपक्ष पर आरोप लगा दिया है कि वह हिन्दुओं का आरक्षण चुराकर मुसलमानों को ५ प्रतिशत आरक्षण देना चाहता है, जिसे वे जान की बाजी लगा कर रोकने का प्रयास करेंगे. किन्तु एक तरफ जहां राजग धार्मिक चेतना के राजनीतिकरण के लिए सर्वशक्ति लगा रहा है,वहीँ दूसरी ओर वह अपने समर्थक मीडिया के जरिये चुनाव को विकास बनाम जातिवाद के रूप में प्रचारित करने में कोई कोर- कसर नहीं छोड़ रहा है.ऐसा संभव है कि हिन्दू-ध्रुवीकरण के साथ विकास का गगनभेदी शोर निरीह बहुजनों को राजग के पाले में कर दे.ऐसे में बिहार विधानसभा में मोदीवादी विकास के सम्मोहन से निरीह बहुजनों को बचाना सामाजिक न्यायवादियों का अत्याज्य कर्तव्य बन जाता है.
इन पंक्तियों के लिखे जाने के दौरान बिहार बिधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान जारी है.यूं तो पहले चरण का मतदान शुरू होने के पूर्व तक विकास का मुद्दा शीर्ष पर था. पर आरक्षण पर संघ प्रमुख मोहन भागवत को बयान को जिस तरह लालू-नीतीश ने लपका, उसके बाद चुनाव पूरी तरह जाति बनाम धार्मिक चेतना के राजनीतिकरण पर केन्द्रित हो गया,जो तीसरे चरण का चुनाव प्रचार थमते-थमते तुंग पर पहुँच गया है. इस चुनावी जंग में हिन्दू –ध्रुवीकरण पर अतिशय निर्भर रहने के कारण तीसरे चरण का प्रचार थमने के पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिपक्ष पर आरोप लगा दिया है कि वह हिन्दुओं का आरक्षण चुराकर मुसलमानों को ५ प्रतिशत आरक्षण देना चाहता है, जिसे वे जान की बाजी लगा कर रोकने का प्रयास करेंगे. किन्तु एक तरफ जहां राजग धार्मिक चेतना के राजनीतिकरण के लिए सर्वशक्ति लगा रहा है,वहीँ दूसरी ओर वह अपने समर्थक मीडिया के जरिये चुनाव को विकास बनाम जातिवाद के रूप में प्रचारित करने में कोई कोर- कसर नहीं छोड़ रहा है.ऐसा संभव है कि हिन्दू-ध्रुवीकरण के साथ विकास का गगनभेदी शोर निरीह बहुजनों को राजग के पाले में कर दे.ऐसे में बिहार विधानसभा में मोदीवादी विकास के सम्मोहन से निरीह बहुजनों को बचाना सामाजिक न्यायवादियों का अत्याज्य कर्तव्य बन जाता है.
कैसे हो विविधता में एकता!
-एच.एल.दुसाध-
वैसे तो आजाद भारत में विविधता में एकता के अभाव को लेकर समय-समय पर चिंता व्यक्त की जाती रही है,किन्तु हाल के दिनों में कुछ लेखकों की हत्या सहित दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या किये जाने,गोमांस विवाद और कुछ अन्य घटनाओं को लेकर देश में एक ऐसा अप्रिय माहौल बन गया है कि राष्ट्र इसे लेकर अभूतपूर्व रूप से चिंतित हो उठा है. इस अप्रिय वातावरण से मूडीज द्वारा देश के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की सम्भावना व्यक्त किये जाने के बाद विविधता में एकता को शिद्दत के साथ बढ़ावा दिए जाने की जरुरत का अहसास कराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ही नहीं,राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी,भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और इनफ़ोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने भी देश में विकास की गति को बनाए रखने के लिए सौहार्द,सहिष्णुता और आपसी सहयोग जैसे सामाजिक मूल्यों को बचाए रखने की जरुरत बताई है.अब इस कड़ी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी राष्ट्र को सचेत करते हुए कह दिया है कि अगर विविधता ,धर्मनिरपेक्षता और बहुलता के प्रति सम्मान नहीं होगा तब गणतंत्र के समक्ष खतरा हो सकता है.नवोन्मेष,उद्यमिता और प्रतिस्पर्धा के लिए खुला समाज और उदार नीति पूर्व शर्त है.
वैसे तो आजाद भारत में विविधता में एकता के अभाव को लेकर समय-समय पर चिंता व्यक्त की जाती रही है,किन्तु हाल के दिनों में कुछ लेखकों की हत्या सहित दादरी में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या किये जाने,गोमांस विवाद और कुछ अन्य घटनाओं को लेकर देश में एक ऐसा अप्रिय माहौल बन गया है कि राष्ट्र इसे लेकर अभूतपूर्व रूप से चिंतित हो उठा है. इस अप्रिय वातावरण से मूडीज द्वारा देश के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की सम्भावना व्यक्त किये जाने के बाद विविधता में एकता को शिद्दत के साथ बढ़ावा दिए जाने की जरुरत का अहसास कराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ही नहीं,राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी,भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और इनफ़ोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने भी देश में विकास की गति को बनाए रखने के लिए सौहार्द,सहिष्णुता और आपसी सहयोग जैसे सामाजिक मूल्यों को बचाए रखने की जरुरत बताई है.अब इस कड़ी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी राष्ट्र को सचेत करते हुए कह दिया है कि अगर विविधता ,धर्मनिरपेक्षता और बहुलता के प्रति सम्मान नहीं होगा तब गणतंत्र के समक्ष खतरा हो सकता है.नवोन्मेष,उद्यमिता और प्रतिस्पर्धा के लिए खुला समाज और उदार नीति पूर्व शर्त है.
प्रदेश के ख्यातिनाम पत्रकारों का सम्मान आगामी 17 दिसंबर को राजधानी में होगा
भोपाल, 21 नवंबर 2015। एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन आगामी 14 दिसंबर 2015 के स्थान पर 17 दिसंबर 2015 को प्रदेश के ख्यातिनाम पत्रकारों को सम्मानित करने जा रहा है। 14 दिसंबर 2015 को विवाह मुहूर्त होने के कारण प्रदेश के सुदूर अंचल से आने वाले साथियों के निवेदन पर तिथि में परिवर्तन किया गया है। यह कार्यक्रम विधायक विश्रामगृह स्थित शहीद भवन हाल में होगा। इसी स्थल पर एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की प्रांतीय कार्य समिति की बैठक भी होगी। जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिये जायेंगे।
हिन्दुस्तान अखबार के खिलाफ चला अभियान
गाजीपुर जनपद में झूठी खबर छापने के विरोध में दैनिक 'हिंदुस्तान' के खिलाफ सोशल मीडिया पर चला अभियान
19 नवम्बर को दैनिक समाचार पत्र 'हिन्दुस्तान' के गाजीपुर संस्करण में मुख्य पृष्ठ पर छपे एक झूठी खबर के बाद गाजीपुर में युवाओं ने whatsapp पर एक बड़ा अभियान छेड़ा और देखते ही देखते यह इतना वायरल हो गया कि धीरे-धीरे यह हजारों-सैकड़ों लोगों तक पहुँच गया।
19 नवम्बर को दैनिक समाचार पत्र 'हिन्दुस्तान' के गाजीपुर संस्करण में मुख्य पृष्ठ पर छपे एक झूठी खबर के बाद गाजीपुर में युवाओं ने whatsapp पर एक बड़ा अभियान छेड़ा और देखते ही देखते यह इतना वायरल हो गया कि धीरे-धीरे यह हजारों-सैकड़ों लोगों तक पहुँच गया।
20.11.15
सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए रास्ते भी बनाएँ- पंकज दुबे
युवा लेखक एवं फिल्मकार पंकज दुबे का पत्रकारिता विश्वविद्यालय में व्याख्यान
भोपाल। 19 नवम्बर 2015 आज युवाओं को जीवन में कुछ नया करने के लिए सपने देखना चाहिए और उन सपनो को साकार करने के लिए रास्ते भी चुनना चाहिए। सिर्फ सपने देखने से मंजिल नहीं मिलती है। अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए रास्ते भी ढूँढ़ने होंगे और उसे पाने के लिए परिश्रम भी करना होगा। यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में युवा फिल्मकार एवं चर्चित बेस्ट सेलर उपन्यास ‘लूज़र कहीं का’ के लेखक पंकज दुबे ने व्यक्त किए। वे अपनी नई पुस्तक 'इश्कियापा' पर चर्चा के दौरान पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे।
‘भारत निर्माण अवार्ड 2015’- बस्तर के किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी को
जैविक खेती के जरिए एक लाभदायक खेती का मॉडल प्रस्तुत करने के लिए डॉ. राजाराम त्रिपाठी को ‘भारत निर्माण’ 2015 अवार्ड पी.एच.डी चैम्बर्स के सभागार दिल्ली में भव्य आयोजन में प्रदान किया गया। यह प्रतिष्ठित अवार्ड भारत निर्माण व्दारा सन् 1980 से उन लोगों को प्रदान किया जाता है जो भारत के निर्माण में अपना अतुलनीय योगदान दे रहे हैं। इससे पूर्व इस अवार्ड को श्रीमती इंदिरा गाँधी, श्री पी.वी. नरसिंहाराव, डा. कर्ण सिहँ, श्री दलाई लामा, श्री शंकराचार्य, श्रीमती कपिला वात्सायन, डा. लोकेश चन्द्रा, श्री अमिताभ बच्चन जैसे अपने क्षेत्र के महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दिया गया है।
17.11.15
सतरंगी छठा बिखेरती "विब्ग्योर" हिमान्शु मान की चित्रकला प्रदर्शनी
युवा चित्रकार हिमान्शु मान के 16 चित्रों की प्रदर्शनी अशोक विहार एफ ब्लॉक, फेस 1 स्थित रूपचंद आर्ट गैलरी में नेशनल गैलक्सी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ट्रस्ट के सहयोग से "विब्ग्योर" विषय पर का शुभारम्भ हुआ। हिमान्शु की यह पहली एकल चित्रकला प्रदर्शनी है जोकि अपनी कला की शिक्षा लेने के दौरान इन्होने बनाई हैं। हिमांशु की ये सभी पेंटिंग एक्रीलिक माध्यम से कैनवास पर बनाई गई हैं जिसमें ज्यादातर प्रमुख हस्तियों को अपनी पेंटिंग का विषय बनाया है जिसमें कलाम साहब, भगत सिंह, मंगल पाण्डे, बॉक्सर मेरी कॉम, राज कपूर, दिलीप कुमार व अमिताभ बच्चन शामिल हैं।
पत्रकार दिवस के दिन किया गया पत्रकारों के साथ भेदभाव
कुरुक्षेत्र (विक्रम ) कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में पत्रकार दिवस के दिन विभाग की तरफ से पत्रकारों के बीच फर्क साफ तोर पर दिखाई दिया गया। सिर्फ मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही सम्मानित किया गया। लेकिन बाकि पत्रकारों को पूछा तक नहीं।
हिन्दू महासभा ने संघ विचारक वैद्य पर बोला हमला, गांधी की हत्या को जायज ठहराने के लिए गिनाए कारण
मुंबई । अखिल भारत हिन्दू महासभा ने आज यहां नथूराम गोडसे के बलिदान दिवस की तीखी निन्दा कर गांधी को देशभक्त बताने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के व्योवृद्ध विचारक एमजी वैद्य सहित अपने को गांधीवादी बताने वाले कांग्रेस सहित विभिन्न राजनैतिक दलों को आड़े हाथों लिया है। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पण्डित बाबा नन्द किशोर मिश्र ने कहा कि आज उसी गांधी को देशभक्त बता रहे है जिनकी नीतियों के कारण लाखों हिन्दुओं को काट दिया गया, लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया और करोड़ों को बेघर कर दिये गये।
मनीष शर्मा की 'दबंग दुनिया' से छुट्टी तय
'नईदुनिया' के नए प्रबंधन के साथ तालमेल न बैठा पाने के कारण और ढाई साल तक विनय छजलानी की चाकरी से नौकरी बचाने वाले कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन के हेड मनीष शर्मा के बारे में ताजा खबर ये है कि तीन महीने में ही उनकी 'दबंग दुनिया' से भी छुट्टी हो रही है!
सटोरियों से पैसे बसूलने गए दो टीवी पत्रकार सटोरियों से पिटे
खबर बरेली से है जहाँ समाचार प्लस और उसके साथ एवीपी न्यूज में स्टिंगर अनूप मिश्र और उनके एक साथी रिपोर्टर मनोज कुमार जोकि न्यूज़ नेशन में स्टिंगर है और खुद को आज तक रीजन हेड कृष्ण गोपाल राज यादव का कैमरामेन बताते है यह लोग बरेली के थाना किला इलाके में एक घर में सट्टा लगने की सूचना पर पहुचे बताया जा रहा है की करीव अस्सी साल का एक बुजुर्ग वहां सट्टे का काम करता है उसकी हालात देखकर पुलिस भी उस कोई कारवाही नहीं करती है कही कारवाही से उसकी मौत हो गई तो पुलिस को लेने के देने पड़ जायेंगे बताया जा रहा है की बह कुछ पैसे थाने के सिपाहियो को भी देता है
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर उपजा ने मनाया समारोह, पत्रकार सुरक्षा कानून और मीडिया काउंसिल को जरूरी बताया
लखनऊ। वरिष्ठ पत्रकार दादा पी0के0राय ने मीडिया जगत, खासकर अखबारों में काम करने वाले पत्रकारों का आह्वान किया है कि वे अच्छी खबरें लिखकर समाज में सकारात्मक सोच पैदा करें। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने तथा मीडिया काउंसिल की पुरजोर वकालत की। सोमवार को राजधानी में राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) और इसकी स्थानीय इकाई ‘लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन’ ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर पत्रकारिता में विश्वसनीयता का संकट, पेड न्यूज के बढते चलन, संपादक की बदलती परिभाषाओं, इलेक्ट्रानिक एवं सोशल मीडिया के बढते वर्चस्व, पत्रकारों की सुरक्षा, पेशन, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
मधुमेह से छुटकारा दिलाएगा SVYASA का योग माड्युल
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के योग गुरु डा.एच.आर. नागेन्द्र की प्रेरणा से एस व्यास (स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान) योग विश्वविद्यालय, बंगलौर ने काशी में “मधुमेह मुक्त भारत अभियान” के तहत 19 दिसंबर 2015 से एक सप्ताह का योग शिविर करने जा रहा है। यह शिविर वी 38/1, 12-15 विरदोपुर,महमूरगंज, स्थित सूर्या जनकल्याण अस्पताल के परिसर में प्रतिदिन सुबह 6 बजे से लगभग 8 बजे तक होगा । SVYASA ने एक ऐसा योग माड्युल तैयार किया है जो मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही कारगर साबित हुआ है। जिसे सीखकर मधुमेहर रोगी अपने तो मधुमेह से मुक्त होंगे ही साथ ही साथ सगे संबंधियों को सीखाकर उन्हें मधुमेह से मुक्त करने का प्रयास करेंगे।
16.11.15
गैरसैंण सत्र- बदनामी से आगे नही बढ पाया पक्ष-विपक्ष
पुरुषोत्तम असनोड़ा
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तराखंड
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उत्तराखण्ड की जनता की राजधानी के नाम से विख्यात गैरसैंण में 2 नवम्बर से आयेजित हुआ विधान सभा सत्र पक्ष-विपक्ष के हो-हल्ले, आरोप-प्रत्यारोप व कटुता से आगे नही बढ पाया। केवल दो दिनों में सिमट गये सत्र से जनता को काफी अपेक्षाऐं थी वे धूल-धूसरित हो गयी। सत्र की निरर्थकता तो कंाग्रेस के अधिवेशन 1 नवम्बर से ही लगने लगी थी जब उत्तराखण्ड आन्दोलन के फूनिया बने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गैरसैंण राजधानी पर एक शब्द नही बोला और गैरसैंण अधिवेशन को शहीदों व राज्य आन्दोलन को समर्पित करने जैसे दार्शनिक भाषा का उपयोग कर राजधानी की मांग भी नही कर सके। किशोर उपाध्याय गैरसैंण को गाहे-बगाहे राजधानी बनाने का शोशा छेडते आये हैं।
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तराखंड
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उत्तराखण्ड की जनता की राजधानी के नाम से विख्यात गैरसैंण में 2 नवम्बर से आयेजित हुआ विधान सभा सत्र पक्ष-विपक्ष के हो-हल्ले, आरोप-प्रत्यारोप व कटुता से आगे नही बढ पाया। केवल दो दिनों में सिमट गये सत्र से जनता को काफी अपेक्षाऐं थी वे धूल-धूसरित हो गयी। सत्र की निरर्थकता तो कंाग्रेस के अधिवेशन 1 नवम्बर से ही लगने लगी थी जब उत्तराखण्ड आन्दोलन के फूनिया बने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गैरसैंण राजधानी पर एक शब्द नही बोला और गैरसैंण अधिवेशन को शहीदों व राज्य आन्दोलन को समर्पित करने जैसे दार्शनिक भाषा का उपयोग कर राजधानी की मांग भी नही कर सके। किशोर उपाध्याय गैरसैंण को गाहे-बगाहे राजधानी बनाने का शोशा छेडते आये हैं।
आज बिकेंगे पत्रकार
जी हां सच्चाई है ये जो ऊपर लिखा है चौकने की जरूरत नही है आज कल पत्रकारिता में भी नया काम शुरू किया गया है । एक संगठन बनाओ दो चार साथियों को इकठ्ठा करो और उसके नाम पर एक कार्यक्रम आयोजित कर किसी राजनैतिक व्यक्ति को उसमे बुलाओ और उस पर अपने संगठन का प्रभाव डाल दो उसके बाद शुरू होता है पत्रकारिता के सबसे मेहनत कस पद का सौदा जिसको सब लोग फील्ड रिपोर्टर कहते है वो खबरों के लिए इधर से उधर अपनी सारी क्षमताएं लगा देता है । और जब कुछ देने की बात आती है तो आप मान्यता प्राप्त नही हो ।
पेरिस में रिस रहे आंसू, भारत रहे सतर्क
ख्वाबों में दरिंदगी की दस्तक है, आंखों में इंसानियत को खो देने के कारण जो लाशों की नुमाईश सजा दी गई है उसकी खातिर आंसुओं का सैलाब उतर आया है. पलकों में नमी आज उनकी यादों की गवाही दे रही है. मोमबत्तियां पिघलते हुए फ्रांस में मारे गए लोगों को अंतिम विदाई दे रही है. ख्वाब हों या फिर ख्वाहिशें, उम्मीदों के अलावा आशाएं भी कब्र में दफना दी गई हैं. जिसके लिए जिम्मेदार हैं वो नामुराद जो जुबानों से कट्टरपंथ का लबादा मानसिक तौर पर कमजोर लोगों के जहन में थोप देते हैं. जिहाद का एक अलग ही अर्थ तैयार करते हैं. भला मौत का नंगा नाच करके भी कोई आज तक सुखी रह पाया है. शायद क्या बिलकुल भी नहीं.
आखिर किस बात की खुशी मना रही है कांग्रेस?
रमेश सर्राफ धमोरा
बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे ज्यादा खशियां कांग्रेस
पार्टी मना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल
गांधी एक लम्बे अर्से बाद प्रफ्फुलित नजर आ रहें हैं। बिहार में विधानसभा
की 27 सीटें जीतकर कांग्रेस महासचिव डा.सी.पी.जोशी ऐसे जता रहे हैं जैसे
उनके प्रभारी रहते कांग्रेस ने बड़ा मैदान मार लिया हो। राहुल गांधी की
डा.सी.पी.जोशी को मिठाई खिलाते की फोटो विभिन्न अखबारों में छप रही हैं।
उनकी सोच कुछ हद तक सही भी है क्योंकि एक लम्बे अन्तराल के बाद कांग्रेस
को किसी प्रदेश में सत्ता में हिस्सेदारी तो मिलेगी, हो चाहे नाम मात्र
की ही।
बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे ज्यादा खशियां कांग्रेस
पार्टी मना रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल
गांधी एक लम्बे अर्से बाद प्रफ्फुलित नजर आ रहें हैं। बिहार में विधानसभा
की 27 सीटें जीतकर कांग्रेस महासचिव डा.सी.पी.जोशी ऐसे जता रहे हैं जैसे
उनके प्रभारी रहते कांग्रेस ने बड़ा मैदान मार लिया हो। राहुल गांधी की
डा.सी.पी.जोशी को मिठाई खिलाते की फोटो विभिन्न अखबारों में छप रही हैं।
उनकी सोच कुछ हद तक सही भी है क्योंकि एक लम्बे अन्तराल के बाद कांग्रेस
को किसी प्रदेश में सत्ता में हिस्सेदारी तो मिलेगी, हो चाहे नाम मात्र
की ही।
क्या डीएम पंकज कुमार यादव ने वोट चुरा कर गणेश यादव को जिता दिया?
यूपी की नौजवान अखिलेश सरकार में जो हो जाए सो कम है क्योंकि यहाँ जंगलराज है.. आम आदमी परेशान है... राजा मस्त है... सबसे बड़ी बात तो यह है कि रोम जल रहा है नीरो बंशी बजा रहा है। इसकी बानगी आगरा में देखने को मिली जब आगरा के डीएम पंकज कुमार यादव पर वोट चुराने के आरोप लगे और इस कांड के जरिए तीन बार काउंटिंग के बाद जीते प्रत्याशी गणेश यादव को चौथी बार दो वोट से हरा दिया।
13.11.15
नीपा का वाराणसी में नाट्य महोत्सव १४ नवम्बर २०१५ से
सेवा में,
संपादक महोदय,
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी दी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ परफार्मिंग आर्ट्स (नीपा) वाराणसी में नाट्य महोत्सव का आयोजन दिनांक १४ नवम्बर २०१५ से १५ नवम्बर २०१५ तक करने जा रही है I इस वर्ष नीपा ने इस दो दिनी अंतराष्ट्रीय नाट्य समारोह में बांग्लादेश और पोलैंड को आमंत्रित किया है I इसके अलावा भारत के दिल्ली ओड़िसा असम राज्य की नाट्य संस्थाएं भी भागीदारी करेंगी I समारोह में वाराणसी की तीन प्रस्तुतियाँ प्रतिष्ठित निर्देशकों की ओर से देखने का सुअवसर भी प्राप्त होगा I
संपादक महोदय,
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी दी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ परफार्मिंग आर्ट्स (नीपा) वाराणसी में नाट्य महोत्सव का आयोजन दिनांक १४ नवम्बर २०१५ से १५ नवम्बर २०१५ तक करने जा रही है I इस वर्ष नीपा ने इस दो दिनी अंतराष्ट्रीय नाट्य समारोह में बांग्लादेश और पोलैंड को आमंत्रित किया है I इसके अलावा भारत के दिल्ली ओड़िसा असम राज्य की नाट्य संस्थाएं भी भागीदारी करेंगी I समारोह में वाराणसी की तीन प्रस्तुतियाँ प्रतिष्ठित निर्देशकों की ओर से देखने का सुअवसर भी प्राप्त होगा I
फर्जी रजिस्ट्री के मामले को लेकर कलेक्टर-एसपी को ज्ञापन, खबरों में अप्रत्यक्ष नामों को लिखने की भी शिकायत
बैतूल। फर्जी रजिस्ट्री के मामले को लेकर आज सोमवार को सैंकड़ों लोगों ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपा। इन लोगों ने खबरों में आ रहे हैं अप्रत्यक्ष नामों को लेकर भी इन अधिकारियों से शिकायत की और कार्रवाई की मांग की। पांर्ढुना में फर्जी रजिस्ट्री का मामला प्रकाश में आने के बाद बैतूल में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले की विस्तृत जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर आज करीब एक सैंकड़ा लोग अजीत पटेल, अजीज खान, सुरका सिंह, राहुल पटेल, मनमोहन मालवीय आदि के नेतृत्व दोपहर करीब एक बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां कलेक्टर श्री ज्ञानेश्वर बी पाटिल को ज्ञापन सौंपा।
देश में बढ़ते वैचारिक कट्टरता के माहौल पर साझा संस्कृति मंच की बैठक, गाँधी के मार्ग पर चल कर ही समाज में भाईचारे का माहौल बनाया जा सकता है
बनारस : देश में विभिन्न स्तर पर बढ़ते आपसी तनाव और वैचारिक कट्टरता के माहौल से चिंतित गांधीवादियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक 'साझा संस्कृति मंच' के तत्वावधान में टाउनहाल स्थित गांधी कस्तूरबा प्रतिमा के सामने आयोजित की गयी जिसमे कतिपय राजनेताओं द्वारा आपसे वैमनस्य बढाने वाली बयानबाजी को समाज के लिए खतरनाक बताया गया.
12.11.15
उत्तर प्रदेश सरकार का धान खरीद का दावा किसानों के साथ धोखा- दारापुरी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार का धान खरीद का दावा किसानों के साथ धोखा है. यह बात आज एस.आर .दारापुरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस नोट में कही है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने अब तक 2.60 लाख टन धान खरीदने का जो दावा किया है वह फर्जी है क्योंकि वास्तव में किसानों से कोई खरीद की ही नहीं गयी है. सरकार द्वारा जो खरीद दिखाई जा रही है वह किसानों की बजाये आढ़तियों से की गयी है जिन्हें सरकार ने खरीद करने के लाइसेंस दिए हैं. इन आढ़तियों ने यह धान किसानों से औने पौने दामों में ख़रीदा है क्योंकि सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसानों से कोई खरीद की ही नहीं गयी है. दिखावे के लिए तो सरकार ने 1 अक्तूबर से ही सरकारी धान क्रय केन्द्रों के चालू हो जाने का आदेश दिया था परन्तु व्यवहार में वे आज तक भी चालू नहीं हुए हैं. जहाँ कहीं किसान धान लेकर सरकारी केंद्र पर गए भी तो उनका धान यह कह कर वापस कर दिया गया कि यह मानक के अनुसार नहीं है.
10.11.15
बिहार तुझे सलाम!
बिहार विधानसभा चुनाव में शर्मनाक पराजय के बाद हुयी भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दे दी गयी है ,वे हार की वजह नहीं है ,उन्हें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है ,हार का मुख्य कारण महागठबंधन के समर्थक वोटों का एक दुसरे को ट्रांसफर हो जाना माना गया और राज्य की बिहार ईकाई से रिपोर्ट तलब की गई ,जिसके बाद हार की वजहों को ठीक किया जायेगा .लोकसभा चुनाव में चली मोदी लहर में भी बुरी तरह हार जाने वाले अरुण जेटली बिहार की बड़ी हार के कारणों का पता लगायेंगे .
एक्टर अक्षय कुमार, डायरेक्टर प्रभू देवा समेत कइयों के खिलाफ अमरोहा में एफआईआर दर्ज
अमरोहा : फ़िल्म एक्टर अक्षय कुमार, डायरेक्टर प्रभू देवा, प्रॉड्यूसर अशवनी यार्डी एवं जेंटिला राणा सहित 4 के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज... सिंह ईज विलिंग फ़िल्म में सफेद शेर की प्रदर्शनी सहित अन्य जानवरो पर अत्याचार को लेकर गजरौला थाने में हुयी ऍफ़ आई आर दर्ज । पीपुल्स फॉर एनिमल्स के प्रदेश प्रभारी रेडिंग टीम एडवोकेट रविन्द्र शुक्ला ने करायी ऍफ़ आई दर्ज । बड़े अधिकारिओ के आदेश पर दर्ज हुयी ऍफ़ आई आर।दो अक्तुबर2015 को देशभर रिलीज हुई सिंह ईज विलिंग मे फिल्म के हीरो अक्षय कुमार इंडियन लॉयन को पालतू कुत्ते की तरह जंजीर मे बांध कर टहला रहे हैं।इसके अलावा और भी जानवरों को फिल्म मे गैरकानूनी तरीके से दर्शाया गया है।
छठ पर प्रदर्शित होगी पवन की 'भोजपुरिया राजा'
भोजपुरी फिल्मो के सबसे चहिते अभिनेता पवन सिंह की फिल्म 'भोजपुरिया राजा ' इस छठ पर प्रदर्शित की जाएगी.इस फिल्म में पवन सिंह एक बिलकुल ही अलग भूमिका में दिखने वाले हैं एक्शन , इमोशन , रोमांस से मिलकर बनी इस फिल्म के निर्माता सुधीर सिंह व निर्देशक सुजीत कुमार हैं। इस फिल्म में पवन के अपोजिट अदाकारा काजल राघवानी है , पवन और काजल ने इसके पहले कई सफल फिल्मे दी हैं और 'भोजपुरिया राजा ' भी उनकी एक सफल फिल्म साबित होगी.
9.11.15
फिल्म 'चट्टान' का फोटोशूट सम्पन
7 स्टार क्रिएटिव इंटरनेशनल के बैनर तले बनने जा रही फिल्म 'चट्टान ' का हाल ही में फोटोशूट फिल्म के सभी कलाकारों के साथ किया गया.फिल्म में जाने -माने अभिनेता राहुल रॉय मुख्य भूमिका में नजर आएँगे वही उनके साथ रजनिका गांगुली ,प्रिंस अमित,ओलिविआ, मुख्य भूमिका में नजर आएँगे .ओलिविआ इस फिल्म से अपनी फ़िल्मी करिअर की शुरुवात करने जा रही है वही फिल्म में जाने-माने खलनायक तेज सप्रू भी अपने नए अंदाज में फिल्म में नजर आएँगे .
‘मार्च फॉर इंडिया’: असहिष्णुता का एक और नमूना
दिनांक 7-11-2015 को अनुपम खेर के नेतृत्व में भारत की सहिष्णुता के अक्षत होने का दावा करते हुए जो ‘मार्च फॉर इंडिया’ आयोजित किया गया, वह स्वयं विडम्बनापूर्ण तरीक़े से देश में बढ़ती हुई असहिष्णुता का एक नमूना साबित हुआ. आरएसएस से सम्बद्ध संस्था संस्कार भारती द्वारा आयोजित इस रैली में ‘ढोंगी साहित्यकारों को, जूते मारो सालों को’ जैसे नारे लगाए गए. असहिष्णुता पर बोलनेवालों को देशद्रोही बताया गया और उन्हें वाघा बॉर्डर के पार फेंक देने की धमकी दुहराई गयी. कवरेज के लिए आये पत्रकारों को इस बात के लिए गालियाँ दी गयीं कि उन्होंने असहिष्णुता का विरोध करनेवालों को अपने चैनलों में जगह क्यों दी. उन्हें, और ख़ास तौर से महिला पत्रकारों को, बार-बार ‘प्रेस्टीटयूट्स’ कह कर हिंसक मुद्राएँ प्रदर्शित की गयीं और खदेड़ा गया. एनडीटीवी की भैरवी सिंह के साथ तो उनकी बदतमीज़ी कैमरे में दर्ज है.
डॉ. अम्बेडकर के जीवन पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता
PRESS RELEASE : दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज एलुमनी क्लब एवं अम्बेडकर मिशन द्वारा डॉ. अंबेडकर के जीवन पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें हंसराज स्मारक स्कूल की छात्रा सविता ने पहला स्थान, प्रतिभा विकास विद्यालय नंद नगरी की छात्रा दिव्याज्योति ने दूसरा स्थान और बुद्धिस्ट स्टडीज़ के विशाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। जिन्हें पुरस्कार स्वरूप क्मशः 3100/- 2100/- और 1100/- रूपए नकद राशि के साथ प्रतीक चिन्ह, मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके अलावा श्यामलाल कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, एसओएल और इग्नू से पहुंचे विद्यार्थियों मे से बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कॉलेज प्राचार्य डॉ. जी के अरोड़ा ने विद्यार्थियों को डॉ. अंबेडकर के संघर्ष से सीख लेकर जीवन में आगे बढ़ने की बात कही।
महंगाई की मार.... क्या यही हैं अच्छे दिन? जनसंगठनों का BHU गेट पर संयुक्त विरोध मार्च
इन दिनों रोजमर्रा की चीजों में महगाई दिनोंदिन बढ़ रही है.... अरहर दाल, प्याज, टमाटर से लेकर आटा तक के दाम आसमान छू रहे है, बहुत हुयी मंहगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार का नारा देने वाली केंद्र की भाजपा सरकार हो या समाजवादी यूपी सरकार , दोनों इस जरुरी मुद्दे पर असफल दिखाई दे रहे है त्यौहारों के मौसम में रोटी दाल की थाली से भी वंचित होने औ भूखो पेट सोने के कगार पर पँहुचने से व्यथित होकर आज विभिन्न संगठनों के लोगों ने काशी हिन्दू विश्व विद्यालय मुख्य द्वारा पर महगाई विरोधी मार्च निकाला, मार्च विवि सिंघद्वार से मंहगाई कम करो ! कालाबाजारी बंद करो ! दलालों से मुक्ति दिलाओ ! राशन व्यवस्था चुस्त ! गरीब विरोधी सरकार ! हाय ! हाय !! के नारों के साथ रविदास गेट लंका चौराहे तक गया और फिर पुनः सिंघद्वार पर वापस आकर सभा की शक्ल में तब्दील हो गया।
छोटा राजन को देश और दलितों का आदर्श मत बनाइये
-भंवर मेघवंशी-
अपराध का रंग हरा है तो वह आतंकवाद और अगर गैरुआ है तो वह राष्ट्रवाद ,एक मुल्क के रूप में आखिर कहां जा रहे है हम?
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की इंडोनेशिया के बाली शहर में नाटकीय गिरफ्तारी तथा उसका आनन फानन में भारत लाया जाना किसी पूर्व निर्धारित पटकथा जैसा लगता है .संभव है कि यह कवायद काफी दिनों से की जा रही हो ,जिसे एक खुबसुरत मोड़ दे कर इस अंजाम तक पंहुचाया गया है . केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस बात से इत्तेफाक रखते है ,वे मानते है कि इस दिशा में काफी समय से काम चल रहा था .इसका मतलब यह हुआ कि छोटा राजन की गिरफ्तारी पूर्वनियोजित घटनाक्रम ही था .
अपराध का रंग हरा है तो वह आतंकवाद और अगर गैरुआ है तो वह राष्ट्रवाद ,एक मुल्क के रूप में आखिर कहां जा रहे है हम?
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की इंडोनेशिया के बाली शहर में नाटकीय गिरफ्तारी तथा उसका आनन फानन में भारत लाया जाना किसी पूर्व निर्धारित पटकथा जैसा लगता है .संभव है कि यह कवायद काफी दिनों से की जा रही हो ,जिसे एक खुबसुरत मोड़ दे कर इस अंजाम तक पंहुचाया गया है . केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस बात से इत्तेफाक रखते है ,वे मानते है कि इस दिशा में काफी समय से काम चल रहा था .इसका मतलब यह हुआ कि छोटा राजन की गिरफ्तारी पूर्वनियोजित घटनाक्रम ही था .
दिनेशलाल यादव 'निरहुआ की 'आशिक़ आवारा ' का फर्स्ट लुक आउट
श्रेयश फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म 'आशिक़ आवारा' का फर्स्ट लुक जारी किया गया . दिनेश लाल यादव 'निरहुआ ',आम्रपाली,काजल राघवानी अभिनीत यह फिल्म के फर्स्ट लुक से ही अंदाजा लगाया जा सकता है की फिल्म काफी धमाल मचाएगी. निर्माता प्रेम राय द्वारा निर्माण की गयी इस फिल्म के पोस्ट-प्रोडक्शन का काम इन दिनों काफी जोरो-शोरो से किया जा रहा है . भरपूर एक्शन ,रोमैंस और एक बेहतरीन कहानी के साथ निर्देशक सतीश जैन दर्शको का मनोरंजन करने आ रहे है .इस फिल्म में निरहुआ ,आम्रपाली,काजल राघवानी ,के साथ -साथ बाकि कलाकारों में संजय पाण्डेय ,सुशील सिंह जैसे अन्य कई सुलझे हुए कलाकार है.
6.11.15
पत्रकार मालवीय को मातृ शोक, ग्राम हिरणखेडा में सर्प दंश से मृत्यु
सिवनी मालवा 05 नवम्बर 2015, : पत्रकार राकेश मालवीय की माताजी एवं लोक निर्माण विभाग वानापुरा से सेवानिवृत्त हुए सी एल मालवीय की पत्नि श्रीमति रूकमणी देवी मालवीय का आकस्मिक निधन हो गया. पत्रकार राकेश मालवीय सिवनी मालवा तहसील के ग्राम हिरणखेडा के निवासी है और विगत दो दशकों से भोपाल में पत्रकारिता कर रहे है, पत्रकार राकेश मालवीय की माताजी को हिरणखेडा में उनके निवास पर रात्रि में सर्प ने काट लिया
लाल झण्डों से पटा रामलीला मैदान, सडकों पर गूंजे 'गैरसैंण स्थाई राजधानी' व 'वाम एकता' के नारे, उत्तराखण्डी परिकल्पनाओं को साकार करने की हुंकार
गैरसैंण : राज्य की वामपंथी पार्टियों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट मार्क्सवादी, भारतीय कम्युनिस्ट माले के संयुक्त प्रदर्शन में गैरसैंण का रामलीला मैदान लाल झण्डों से पट गया वहीं सडकों पर गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने व वाम एकता के समर्थन में नारे गुंजे। तीनों कम्युनिस्ट पार्टीयों के नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ आंगनबाडी कार्यकत्री, भोजनमाता, ग्रामप्रहरी संगठन के लोग रामलीला मैदान में एकत्र हुए और वहां से प्रदर्शन चौराहा, ब्लॉक, डाक बंगला रोड, तहसील व चन्द्र सिंह गढवाली मार्ग से होते हुए रामलीला मैदान में जनसभा में तब्दील हो गया। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने वाम एकता जिन्दाबाद, स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाओं, भाजपा कांग्रेस भ्रष्टाचार बन्द करों, जनता से ठगी बन्द करो आदि नारे लगाये।
चम्बल को न बदनाम करो ऐसे दोस्तो...
[ ताकि सनद रहे ]
@ डॉ राकेश पाठक
प्रधान संपादक , डेटलाइन इंडिया
बिहार में चुनाव आज ख़त्म हो जायेगा लेकिन हमारी राजनीति पर कई बदनुमा दाग छोड़ जायेगा।बदजुबानी ,बदमिजाजी ,बदतमीजी का इतिहास इस चुनाव ने लिख डाला है। विडम्बना ये है कि देश के ''महामानव'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दूसरों की देखा देखी कई पायदान नीचे उतर आये।वे अकसर भूल जाते हैं कि वे सिर्फ बीजेपी के नेता नहीं देश के प्रधानमंत्री हैं. उनके ''बोलने'' पर बहुत बात चुकी है लेकिन चम्बल पर उनके फतवे की बात होना बाकी है। दरअसल मोदी जी ने पूर्णिया जिले के हालात को कोसने के लिए चम्बल को निशाने पर ले लिया। आदतन अपनी रौ में कहते भये कि चम्बल में डाकू लड़कियों को उठा ले जाते हैं और भी न जाने क्या क्या कह डाला। साहेब नही जानते कि उनके इस कड़वे बोल से चम्बल क्षेत्र को कितना नुकसान हो गया है।दशकों से डाकुओं पर बनतीं रहीं दोयम दर्जे की मुम्बईया फिल्मों ने जितना नुक्सान नहीं किया, उससे ज्यादा देश के मुखिया के बयान ने कर दिया।
@ डॉ राकेश पाठक
प्रधान संपादक , डेटलाइन इंडिया
बिहार में चुनाव आज ख़त्म हो जायेगा लेकिन हमारी राजनीति पर कई बदनुमा दाग छोड़ जायेगा।बदजुबानी ,बदमिजाजी ,बदतमीजी का इतिहास इस चुनाव ने लिख डाला है। विडम्बना ये है कि देश के ''महामानव'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दूसरों की देखा देखी कई पायदान नीचे उतर आये।वे अकसर भूल जाते हैं कि वे सिर्फ बीजेपी के नेता नहीं देश के प्रधानमंत्री हैं. उनके ''बोलने'' पर बहुत बात चुकी है लेकिन चम्बल पर उनके फतवे की बात होना बाकी है। दरअसल मोदी जी ने पूर्णिया जिले के हालात को कोसने के लिए चम्बल को निशाने पर ले लिया। आदतन अपनी रौ में कहते भये कि चम्बल में डाकू लड़कियों को उठा ले जाते हैं और भी न जाने क्या क्या कह डाला। साहेब नही जानते कि उनके इस कड़वे बोल से चम्बल क्षेत्र को कितना नुकसान हो गया है।दशकों से डाकुओं पर बनतीं रहीं दोयम दर्जे की मुम्बईया फिल्मों ने जितना नुक्सान नहीं किया, उससे ज्यादा देश के मुखिया के बयान ने कर दिया।
5.11.15
पत्रकारिता की ईमानदारी पैकेज में हो रही तब्दील
आज से कुछ वर्ष पूर्व एक फिल्म आई थी, अपहरण। जिसमें अजय देवगण ने एक बेरोजगार युवक के किरदार को जिया था। इस फिल्म में उनके पिता का रोल मोहन अगाषे ने एक ईमानदार पत्रकार की भूमिका अदा की। मैं इस पिक्चर की कहानी आपको इसलिए सुना रहा हूं कि फिल्म के शुरूआतीे दृष्य में एक मंत्री जब बेरोजगार बेटे के लिए उसके ईमानदार पत्रकार पिता के पास नौकरी का ज्वांइनिंग लेटर लेकर उसके घर पर आधी रात को आता है और कहता है कि आपके बेटे को यह नौकरी मिल सकती है, बर्षते आपको कल सुबह हमारी खबर प्रकाषित नहीं करनी है, लेकिन उस पत्रकार ने अपने बेटे के भविष्य की परवाह किए बिना अपने लेख को प्रकाषित कर शासन के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया। न जाने इतने कैसे ऐसे दृष्य पिक्चरों में आपने देखें होंगे, जिसके बाद समाज में पत्रकारों को एक प्रहरी के तौर पर समझा जाने लगा। मैने फिल्मों के दृष्य की बात इसलिए भी यहां कि क्योंकि शायद ऐसी पत्रकारिता भौतिकवादी के संसार में अब कहीं विलुप्त सी हो गई है। पत्रकारिता अब देष या समाज का आइना बनने के लिए नहीं बल्कि नौकरी की तरह किया जा रहा है। पत्रकारिता आज के इस व्यवसायिक युग में कहीं खो सा गया है। प्रतिभाएं दब सी गई है।
अच्छी और मौलिक चिकित्सा पद्धति कौन सी?
डॉ. चंचलमल चोरडिया
रोग की अवस्था में आयुर्वेद के सिद्धान्तानुसार षरीर में वात, पित्त और कफ का असन्तुलन होने लगता है। आधुनिक चिकित्सक को मल, मूत्र, रक्त आदि के परीक्षणों में रोग के लक्षण और षरीर में रोग के कीटाणुओं तथा वायरस दृश्टिगत होने लगते हैं। प्राकृतिक चिकित्सक ऐसी स्थिति से षरीर के निर्माण में सहयोगी पंच तत्त्व-पृथ्वी, हवा, जल, अग्नि और आकाष का असन्तुलन अनुभव करते हैं। चीनी एक्यूपंक्चर एवं एक्यूप्रेषर के विषेशज्ञों के अनुसार षरीर में यिन-यांग का असंतुलन हो जाता है। एक्यूप्रेषर के प्रतिवेदन बिन्दुओं की मान्यता वाले चिकित्सकों को व्यक्ति की हथेली और पगथली में विजातीय तत्त्वों का जमाव प्रतीत होने लगता है।
रोग की अवस्था में आयुर्वेद के सिद्धान्तानुसार षरीर में वात, पित्त और कफ का असन्तुलन होने लगता है। आधुनिक चिकित्सक को मल, मूत्र, रक्त आदि के परीक्षणों में रोग के लक्षण और षरीर में रोग के कीटाणुओं तथा वायरस दृश्टिगत होने लगते हैं। प्राकृतिक चिकित्सक ऐसी स्थिति से षरीर के निर्माण में सहयोगी पंच तत्त्व-पृथ्वी, हवा, जल, अग्नि और आकाष का असन्तुलन अनुभव करते हैं। चीनी एक्यूपंक्चर एवं एक्यूप्रेषर के विषेशज्ञों के अनुसार षरीर में यिन-यांग का असंतुलन हो जाता है। एक्यूप्रेषर के प्रतिवेदन बिन्दुओं की मान्यता वाले चिकित्सकों को व्यक्ति की हथेली और पगथली में विजातीय तत्त्वों का जमाव प्रतीत होने लगता है।
जिला अनूपपुर में बावन पत्तियों के इशारों पर नाच रहे सेनापती
कारपोरेट हुआ जुआ बाजार, खिलाडियों को मिलता है प्रोत्साहन राशि
पुलिस को गुप्त सूचना देने वालों की जानकारी नामजद कैसे पहुंचती वजीरों तक
अनूपपुर - इन दिनों 52 परी जिले भर की पुलिस के लिये दिवाली ऑफर बन कर आई है,मानों चारों दिसायें खुल गई है,और अब तो 52 परी के मालिक खुलेआम 52 परी को नचा रहे है और इस खेल में कईयों के जहां घर बर्बाद हो रहे है वहीं इन ठीहों के मालिक आबाद हो रहे है,जिले भर में इन 52 परी के ठेकेदारों पर लगाम कसने की बात तो दूर कहां कब कैसे नाचेगी 52 परी ये सब तयसुदा ठिकानों पर साहबान की जानकारी में होता है,अब तो 52 परी के वजीर कहे जाने वाले ठेकेदार इन दिनों दरवाजे दरवाजे जा कर सेटिंग कर रही है,सूत्रों को कहना तो यहां तक है की साहब के सख्त निर्देष हुये है आप सेटिंग कर ले हमारी तरफ से कोई परेषानी नही होगी,और 52 परी तो अब बोलियों के दम पे चलने लगी है जो वजीर जितनी मोटी रकम की चढोत्री करेगा उसे खिलाने की छूट मिलेगी,आलम कुछ यूं हो चला है की एक बजीर दूसरे बजीर को पटखनी देने के चक्कर में बढचढ कर चढोत्री कर साहबान को खुसामदगी प्राप्त करने की कोषिस करने में लगे रहते है।
पुलिस को गुप्त सूचना देने वालों की जानकारी नामजद कैसे पहुंचती वजीरों तक
अनूपपुर - इन दिनों 52 परी जिले भर की पुलिस के लिये दिवाली ऑफर बन कर आई है,मानों चारों दिसायें खुल गई है,और अब तो 52 परी के मालिक खुलेआम 52 परी को नचा रहे है और इस खेल में कईयों के जहां घर बर्बाद हो रहे है वहीं इन ठीहों के मालिक आबाद हो रहे है,जिले भर में इन 52 परी के ठेकेदारों पर लगाम कसने की बात तो दूर कहां कब कैसे नाचेगी 52 परी ये सब तयसुदा ठिकानों पर साहबान की जानकारी में होता है,अब तो 52 परी के वजीर कहे जाने वाले ठेकेदार इन दिनों दरवाजे दरवाजे जा कर सेटिंग कर रही है,सूत्रों को कहना तो यहां तक है की साहब के सख्त निर्देष हुये है आप सेटिंग कर ले हमारी तरफ से कोई परेषानी नही होगी,और 52 परी तो अब बोलियों के दम पे चलने लगी है जो वजीर जितनी मोटी रकम की चढोत्री करेगा उसे खिलाने की छूट मिलेगी,आलम कुछ यूं हो चला है की एक बजीर दूसरे बजीर को पटखनी देने के चक्कर में बढचढ कर चढोत्री कर साहबान को खुसामदगी प्राप्त करने की कोषिस करने में लगे रहते है।
लोकतंत्र को बचाने का दारोमदार नौजवानों पर : इंसाफ अभियान ने फैजाबाद में किया वर्तमान राजनीति और युवा नेतृत्व पर परिसंवाद
फैजाबाद । इंसाफ अभियान उत्तर प्रदेश की तरफ से फैजाबाद के
पत्रकारिता प्रशिक्षण संस्थान में वर्तमान राजनीति और युवा नेतृत्व पर
परिसंवाद का आयोज किया गया। जिसमें छात्र-नौजवान और बुद्धिजीवी शामिल
हुए। परिसंवाद ने देश में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ प्रस्ताव पारित
करते हुए देशभर में साहित्यकारों तथा 15 वर्षों से आंदोलनरत इरोम शर्मिला
के साथ एकजुटता दिखाई।
पत्रकारिता प्रशिक्षण संस्थान में वर्तमान राजनीति और युवा नेतृत्व पर
परिसंवाद का आयोज किया गया। जिसमें छात्र-नौजवान और बुद्धिजीवी शामिल
हुए। परिसंवाद ने देश में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ प्रस्ताव पारित
करते हुए देशभर में साहित्यकारों तथा 15 वर्षों से आंदोलनरत इरोम शर्मिला
के साथ एकजुटता दिखाई।
वाह री कासगंज की मीडिया, दलाल पत्रकारों आपका शुक्रिया!
अमन पठान, एटा
मुझे यकीन था कि सच लिखने और बोलने की एक दिन सजा जरूर मिलेगी, लेकिन ये गुमान नही था कि झूठ बोलने वाले दलाल पत्रकार काबिल-ए-तारीफ हो जायेंगे। धन्य है कासगंज की मीडिया और धन्यवाद के पात्र हैं हिंदुस्तान एक्सप्रेस समाचार पत्र के पत्रकार महोदय!
मुझे यकीन था कि सच लिखने और बोलने की एक दिन सजा जरूर मिलेगी, लेकिन ये गुमान नही था कि झूठ बोलने वाले दलाल पत्रकार काबिल-ए-तारीफ हो जायेंगे। धन्य है कासगंज की मीडिया और धन्यवाद के पात्र हैं हिंदुस्तान एक्सप्रेस समाचार पत्र के पत्रकार महोदय!
4.11.15
इंडिया न्यूज ने टीआरपी के लिए ज्योतिष और जिम को मिलाकर एक बेतुका प्रोग्राम खड़ा कर दिया
फ़ूहड़ता का इससे बड़ा नमूना और क्या होगा। ज्योतिष, जिम और सुंदर होस्ट को मिलाकर बना है नया फ़ैमिली गुरू। इंडिया न्यूज़ की टीआरपी लगातार गिर रही है ये सभी जानते हैं, चैनल सातवें नंबर पर पहुंच गया है। चैनल के पास जब टीआरपी बढ़ाने का कोई और तरीका नहीं बचा तो फ़ैमिली गुरू ने ज्योतिष और जिम को मिलाकर एक बेतुका प्रोग्राम खड़ा कर दिया। कार्यक्रम तर्क के तराज़ू पर हास्यास्पद है। बीते शनिवार यानि 31 अक्टूबर 2015 के फ़ैमिली गुरू के कुछ स्टिल्स अटैच हैं।
लद्दाख ने दिखाई जम्मू कश्मीर में नई राह
-- डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री
लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के लिये पाँच साल बाद सत्रह अक्तूबर को चुनाव हुये थे । परिषद की कुल तीस सीटों में से केवल छब्बीस सीटें पर चुनाव होते हैं और शेष चार सीटें राज्य सरकार मनोनयन द्वारा भरती है । इन छब्बीस सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने 18 सीटें जीत कर जम्मू संभाग की तरह लद्दाख में भी अपना परचम फहरा दिया है ।
लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के लिये पाँच साल बाद सत्रह अक्तूबर को चुनाव हुये थे । परिषद की कुल तीस सीटों में से केवल छब्बीस सीटें पर चुनाव होते हैं और शेष चार सीटें राज्य सरकार मनोनयन द्वारा भरती है । इन छब्बीस सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने 18 सीटें जीत कर जम्मू संभाग की तरह लद्दाख में भी अपना परचम फहरा दिया है ।
अदालतों में विचाराधीन मुकदमों की संख्या तीन करोड़ से ज्यादा है...
शैलेन्द्र चौहान
इतिहास गवाह है कि शताब्दियों से मानव, सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए निरंतर भटकता रहा है और इसी कारण दुनिया में कई युद्ध, क्रांति, बगावत, विद्रोह, हुये हैं जिसके कारण अनेक बार सत्ता परिवर्तन हुए हैं। अगर भारत की बात की जाये तो हमारा भारतीय समाज पहले वर्ण व्यवस्था आधारित था जो धीरे -धीरे बदलकर जाति व्यवस्था में परिवर्तित हो गया। असमानता, अलगाववाद, क्षेत्रवाद, रूढ़िवादिता समाज में पूरी तरह व्याप्त थी। यह सामंती दौर था जहां गरीब, दलित, महिलाओं और विकल अंग व्यक्तियों को न्याय नहीं मिलता था। आजादी के बाद यदि विश्व के हमारे सबसे बड़े लोकतंत्र पर नजर डालें तो कुछ परिवर्तन अवश्य हुआ है लेकिन अभी भी समाज का बड़ा हिस्सा न्याय की तलाश में भटकता नजर आता है।
सामाजिक न्याय और न्यायपालिका की भूमिका ...
इतिहास गवाह है कि शताब्दियों से मानव, सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए निरंतर भटकता रहा है और इसी कारण दुनिया में कई युद्ध, क्रांति, बगावत, विद्रोह, हुये हैं जिसके कारण अनेक बार सत्ता परिवर्तन हुए हैं। अगर भारत की बात की जाये तो हमारा भारतीय समाज पहले वर्ण व्यवस्था आधारित था जो धीरे -धीरे बदलकर जाति व्यवस्था में परिवर्तित हो गया। असमानता, अलगाववाद, क्षेत्रवाद, रूढ़िवादिता समाज में पूरी तरह व्याप्त थी। यह सामंती दौर था जहां गरीब, दलित, महिलाओं और विकल अंग व्यक्तियों को न्याय नहीं मिलता था। आजादी के बाद यदि विश्व के हमारे सबसे बड़े लोकतंत्र पर नजर डालें तो कुछ परिवर्तन अवश्य हुआ है लेकिन अभी भी समाज का बड़ा हिस्सा न्याय की तलाश में भटकता नजर आता है।
हिन्दी-कन्नड़ अनुवाद पुरस्कार-2016 के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित
कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का ने एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा बताया कि इस पुरस्कार के अंतर्गत हिन्दी साहित्य के कन्नड़ में अनुवाद या कन्नड़ साहित्य के हिन्दी में अनुवाद की गयी सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक कृति (गद्य या पद्य दोनों में से किसी भी विधा में) के लिए इक्कीस हजार राशि का "पिताश्री गोपीराम गोइन्का हिन्दी-कन्नड़ अनुवाद पुरस्कार" हर दो वर्ष में एक बार दिया जाता है। यह पुरस्कार कन्नड़-हिन्दी साहित्य की पारस्परिक समृद्धि के लिए दिया जाता है।
सामाजिक कार्य करने के दौरान सरकारी अध्यापक द्वारा गृह मंत्री "राजनाथ सिंह" के नाम से जान-माल की धमकी देने की शिकायत
सेवा में,
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली
महोदय,
अनिल कुमार मौर्य पुत्र श्री बसंत लाल मौर्य निवासी मकान नंबर एस-8/45 पुरानी चुंगी शिवपुर, वाराणसी का रहने वाला हूँ व सामाजिक कार्यकर्त्ता हूँ | वर्तमान में मैं “दलित फाउंडेशन” संस्था के साथ जुड़कर काम कर रहा हूँ, इसी के क्रम में मैंने कुछ वाराणसी के हरहुआ ब्लाक के 5 गाँव के प्राथमिक विद्यालय क्रमशः (भवानीपुर, पिसौर, दनियालपुर, चमाव, अहिरान) में पत्र लिखकर कुछ दस्तावेज की प्रमाणित कॉपी “भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872” के तहत पत्र भेजकर माँगा था | (पत्र की word कॉपी संलग्न)
श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली
महोदय,
अनिल कुमार मौर्य पुत्र श्री बसंत लाल मौर्य निवासी मकान नंबर एस-8/45 पुरानी चुंगी शिवपुर, वाराणसी का रहने वाला हूँ व सामाजिक कार्यकर्त्ता हूँ | वर्तमान में मैं “दलित फाउंडेशन” संस्था के साथ जुड़कर काम कर रहा हूँ, इसी के क्रम में मैंने कुछ वाराणसी के हरहुआ ब्लाक के 5 गाँव के प्राथमिक विद्यालय क्रमशः (भवानीपुर, पिसौर, दनियालपुर, चमाव, अहिरान) में पत्र लिखकर कुछ दस्तावेज की प्रमाणित कॉपी “भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872” के तहत पत्र भेजकर माँगा था | (पत्र की word कॉपी संलग्न)
भोजपुरी के भीष्म भाईजी भोजपुरिया का रांची में निधन
विश्व भोजपुरी समाज मंच के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.एन.तिवारी का झारखण्ड के रांची स्थित उनके निवास पर मंगलवार की सुबह दुखद निधन हो गया। भाई भोजपुरिया के नाम से मशहूर बी.एन.तिवारी का भोजपुरी के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कल सुबह वाराणसी में उनका अंतिम संस्कार होगा। पुलिस विभाग के महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके श्री तिवारी सामाजिक और कला प्रेमी थे।
3.11.15
Beef is being sold in Delhi's Five Star Hotels - Reveals Sun Star & Wikileaks4India in a sensational Report in Delhi
Beef in Delhi's 5 Star Hotels !!
सन स्टार और विकिलीक्स4इंडिया का खुलासा- दिल्ली के लीला पैलेस, ओबराय व टाउन हॉल जैसे बड़े होटल बेच रहे हैं गोमांस
नई दिल्ली। गोमांस पर मचे सियासी हंगामे के बीच एक बड़ी खबर मिली है. दिल्ली के केरल भवन में तो गोमांस बिकने की सूचना भर दिल्ली पुलिस को मिली थी, जिसे झूठा पाया गया या करार दिया गया. पर सन स्टार और विकिलीक्स4इंडिया की खास तहकीकात में राजधानी दिल्ली में सरकार की नाक के नीचे पंच सितारा होटलों में गोमांस यानी गोमांस बिकने की पुष्ट खबर मिली है. इस बारे में विस्तार से बताने से पहले आपको बताना जरूरी समझते हैं कि सरकार के दिल्ली एग्रीकल्चरल प्रीज़र्वेशन एक्ट 1994 के तहत दिल्ली में गाय की खरीद-बिक्री से लेकर उसको काटने, गोमांस बेचने, खरीदने और यहां तक कि उसको रखने पर भी पूर्ण प्रतिबंध है. और एक जिम्मेवार मीडिया होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि सरकारी कानूनों का उल्लंघन करने वालों की करतूतों के बारे में जो खबर हमें मिली है, उसे राष्ट्रहित में देश की जनता और सरकार की नज़र में लाया जाय.
हमारी तहकीकात में यह साफ तौर पर सामने आया है कि दिल्ली के कुछ बड़े होटल, जिनमें फाइव स्टार भी शामिल हैं, बाकायदा "गोमांस'' न सिर्फ खुलकर बेच रहे हैं, बल्कि वे इस बात को स्वीकार भी कर रहे हैं. हमें यह बताते हुए खुशी है कि हमारी जांच में कम से कम एक होटल ऐसा भी मिला, जिसने किसी भी कीमत पर गोमांस बेचने से यह कहकर इनकार किया कि ये गैर कानूनी है.
अगर आप पैसे खर्च करने को तैयार हैं, तो ये होटल दुनिया के किसी भी कोने से लाकर अपने होटलों में गोमांस के विभिन्न ब्रांड उपलब्ध कराने को तैयार हैं. और ये"गोमांस''भैंस या किसी अन्य पशु का मांस नहीं, वे खुद बताते हैं कि गोमांस ही है. और हम ये खबर किसी कही सुनी बात या महज सूचना के आधार पर नहीं लिख रहे, बल्कि हम यह बात उनके मैनेजरों से हुई बातचीत के आधार पर लिख रहे हैं, जो गोमांस यानी गोमांस बेचने का दावा ऐसे कर रहे हैं, मानो उनके लिए सरकार के नियम कानून कोई मायने नहीं रखते. या यूं कहें कि ये बड़े लोग सरकारी नियम कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए अनुचित और अवैध तरीके से धन कमाने में लगे हैं।
सन स्टार और विकिलीक्स4इंडिया को जानकारी मिली थी कि शहर के कुछ पांच सितारा होटलों और कुछ बड़े रेस्तरां में धड़ल्ले से गोमांस के व्यंजन परोसे जा रहे हैं। सूचना मिलते ही हमने इसकी तहकीकात करने के लिए एक टीम गठित की। तहकीकात के जो नतीजे सामने आए वह चौंकाने वाले हैं। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि दिल्ली के पांच सितारा और कुछ बड़े होटलों में ग्राहक की पसंद के मुताबिक किसी भी देश के किसी भी नस्ल की गाय का मांस परोसा जा रहा है। जिस विदेशी नस्ल की गाय के मांस के आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध है उसे भी ग्राहकों की मांग पर आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है। सत्ता के गलियारे में गहरी पैठ रखने वाले इन होटलों को न देल्ही एग्रीकल्चरल कैटल प्रीज़र्वेशन एक्ट-1994 की रत्ती भर परवाह है और न ही देशवासियों की भावनाओं से कोई सरोकार। इन होटलों में गोमांस बिक्री के अलावा कालेधन के इस्तेमाल का भी खेल हो रहा है।
गाय को लीलता लीला पैलेस
हमारे खोजी पत्रकारों की टीम ने अपने खोज की शुरुआत दिल्ली के वीवीआईपी इलाके चाणक्यपुरी स्थित पांच सितारा होटल लीला पैलेस से की। ये लीला पैलेस वही होटल है जो पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय मौत को लेकर लंबे अरसे तक सुर्खियों में रहा था। प्रधानमंत्री निवास से कुछ ही कदमों की दूरी पर कई देशों की एंबैसीज के बीच और अति सुरक्षित इलाके में स्थित इस होटल के चर्चित रेस्टोरेंट मेगू में जब हमारी टीम पहुंची और वहां के मैनेजर अतुल से मुलाकात की. हमारी टीम ने होटल के मेन्यू पर बातचीत शुरु की तो उसने बताया कि उसके यहां गोमांस के लजीज व्यंजनों के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं और संतुष्ट होकर जाते हैं। अतुल ने गाय की उन प्रजातियों की भी जानकारी दी जिनका गोश्त उसके यहां उपलब्ध है। यहां तक कि थोड़ी हीलाहवाली के बाद वह उस कोबे गोमांस को भी उपलब्ध कराने को तैयार हो गया जिसके आयात-निर्यात पर पूरी दुनिया में प्रतिबंध है। उसने यहां तक बताया कि मुंबई में गोमांस पर प्रतिबंध होने के कारण इसके शौकीन लोग फ्लाइट से उसके रेस्टोरेंट में गोमांस खाने के लिए दिल्ली आते हैं।
बातचीत के दौरान एक और चौंकाने वाली जानकारी मिली कि मेगू रेस्टोरेंट की बिलिंग में काले धन को खपाने की पर्याप्त सुविधा है। वहां पक्का बिल लेने की जगह कच्चे बिल का नकद भुगतान भी स्वीकार किया जाता है। खोजबीन के दौरान हमारी टीम यह जानकर अवाक रह गई कि काले धन से भुगतान की यह सुविधा अन्य पांच सितारा होटलों में भी उपलब्ध है।
होटल ओबरॉय में भी गाय
अपनी तहकीकात के दौरान हमारी टीम एक और मशहूर पांच सितारा होटल द ओबरॉय के तपन रेस्टोरेंट में पहुंची तो वहां होटल के असिस्टेंट मैनेजर मुकेश शर्मा और उनकी सहयोगी सोनिया से मुलाकात हुई। वहां उन्होंने स्पष्ट तौर पर बताया कि वे इंपोर्टेड गोमांस उपलब्ध करा सकते हैं। डील पक्की करने के लिए वे मेन्यू में बदलाव तक के लिए तैयार थे। सोनिया ने जहां आयरलैंड का गोमांस उपलब्ध कराने की बात कही, वहीं मुकेश ने ऑस्ट्रेलियन गाय की मीट परोसने पर सहमति व्यक्त की। गोमांस के गोरखधंधे के मंझे हुए खिलाड़ी मुकेश ने इंपोर्टेड और स्थानीय गोमांस के अंतर को भी विस्तार से बताया। काले धन के रूप में भुगतान स्वीकार करने में भी मुकेश को कोई आपत्ति नहीं थी।
टाउन हॉल का भी वही हाल
पांच सितारा होटलों में चल रहे इस गोरखधंधे को देखने के बाद हमारी टीम खान मार्केट के एक महंगे और चर्चित रेस्टोरेंट टाउन हॉल में पहुंची। वहां के मैनेजर महेश कटियाल ने थोड़ी देर की ही बातचीत के बाद वैग्यू गोमांस तो नहीं लेकिन टेंडरलौयन गोमांस परोसने का भरोसा दिया। उसने कहा कि वह मेहमानों को सबसे उत्तम किस्म का गोमांस उपलब्ध कराएगा। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। कच्ची रसीद पर नकद भुगतान स्वीकार करने में भी उसे कोई आपत्ति नहीं थी।
हालांकि तहकीकात के दौरान कुछ ऐसे भी पांच सितारा और अन्य बड़े होटल मिले जिन्होंने गोमांस परोसने से एक सिरे से इनकार कर दिया। इन होटलों में पहला नाम होटल ताज महल का था, जो दिल्ली के ताज मान सिंह रोड पर स्थित है. इस होटल के प्रबंधक ने हमारे संवाददाता सुशांत पाठक के पूछे जाने पर अपने होटल में गोमांस रखने तक से इनकार किया और कहा कि ऐसा करना दिल्ली में पूरी तरह प्रतिबंधित है. इसी तरह होटल शांग्रीला, दिल्ली के प्रबंधकों ने भी साफ तौर पर गोमांस बेचने की बात से यह कहकर इनकार कर दिया दि दिल्ली में तो गोमांस खरीदना-बेचना और रखना तक अपराध है.
लिहाजा गनीमत है कि पूरे कुएं में भांग नहीं घुली है। कानून व्यवस्था और मानवीय भावनाओं का ध्यान रखने वाले लोग भी इस महानगर में मौजूद हैं। अब देखना है कि केरल भवन में गोमांस होने की खबर पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर भड़कने वाली दिल्ली सरकार इस पर क्या कार्रवाई करती है. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर ऐतराज व्यक्त करते हुए कहा था कि दिल्ली में बैठे उनके अधिकारी ऐसे मामलों पर कार्रवाई करने के लिए सक्षम हैं. आपको यह भी याद होगा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ऐलान करते रहे हैं कि किसी भी तरह के भ्रष्ट व गैर कानूनी काम होने की खबर उन्हें स्टिंग करके दी जाय, तो वह कार्रवाई करेंगे,
प्रेस रिलीज
परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उच्च न्यायालय के फैसले का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए हस्ताक्षर अभियान
वाराणसी में शिक्षा के अधिकार के तहत निजी विद्यालयों में अध्ययनरत 115 छात्रों को ड्रेस और पुस्तकें उपलब्ध कराई जांय .
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के दृष्टिगत उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के अनुपालन के साथ साथ प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन के लिए सकारात्मक कदम उठाने के लिए सरकार पर जनदबाव बनाने के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा प्रदेशव्यापी हस्ताक्षर अभियान संचालित किया जा रहा है, इस क्रम में आज 3 नवम्बर को वाराणसी बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समक्ष शिक्षा का अधिकार अभियान और सूचना का अधिकार अभियान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हस्ताक्षर अभियान में सैकड़ों लोगो ने हस्ताक्षर किये.
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के दृष्टिगत उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के अनुपालन के साथ साथ प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन के लिए सकारात्मक कदम उठाने के लिए सरकार पर जनदबाव बनाने के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा प्रदेशव्यापी हस्ताक्षर अभियान संचालित किया जा रहा है, इस क्रम में आज 3 नवम्बर को वाराणसी बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समक्ष शिक्षा का अधिकार अभियान और सूचना का अधिकार अभियान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हस्ताक्षर अभियान में सैकड़ों लोगो ने हस्ताक्षर किये.
22 महिला कलाकारों की 70 कृतियां रहीं आकर्षण का केन्द्र , कैनवास पर बिखरे संतरंगी रंगों ने दर्शकों को खूब खींचा
आजमगढ फाइन आर्ट सेंटर द्वारा सोमवार को अग्रसेन महिला पीजी कालेज में दो दिवसीय पेंटिग प्रदर्शनी का आयोजन
आजमगढ़। आजमगढ फाइन आर्ट सेंटर द्वारा सोमवार को अग्रसेन महिला पीजी कालेज में दो दिवसीय पेंटिग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन डीडीसी ऋतु सुहास ने किया। प्रदर्शनी में कैनवास पर बिखरे संतरंगी रंगों ने दर्शकों को अपनी ओर खूब खींचा।
आजमगढ़। आजमगढ फाइन आर्ट सेंटर द्वारा सोमवार को अग्रसेन महिला पीजी कालेज में दो दिवसीय पेंटिग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन डीडीसी ऋतु सुहास ने किया। प्रदर्शनी में कैनवास पर बिखरे संतरंगी रंगों ने दर्शकों को अपनी ओर खूब खींचा।
20, 21, 22 नवंबर को इंदौर पर होगी पूरे देश की निगाहें, दो लाख से अधिक लोग जुटेंगे इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल में
गुजराती स्कूल के विशाल मैदान में 3 सभागृह बनेंगे, समानांतर सत्र चलेंगे
इन्दौर। इन्दौर लिटरेचर फेस्टिवल (आईएलएफ) के लिए लोगों, खास कर युवाओं में अभी से बहुत उत्सुकता है। साहित्य, कला एवं संस्कृ ति का यह महाकुं भ गुजराती स्कूल, विजय नगर के विशाल मैदान में होगा, जिसमें साठ से ज्यादा लेखक, कवि, उपन्यासकार, विचारक, नाट्यकर्मी, कलाकार एवं फिल्मी सितारे हिस्सा लेंगे।
आयोजन में दो लाख से अधिक युवक-युवतियों के पहुंचने की संभावना है। यह देश का साहित्य, कला एवं संस्कृति पर होने वाला सबसे बड़ा एवं भव्य आयोजन होगा। चूंकि यह आयोजन दीपावली के पश्चात हो रहा है, इसलिए औद्योगिक, व्यापारिक व व्यवसायिक जगत की भी इसमें रुचि बढ़ गई है। शुक्रवार, शनिवार व रविवार के सप्ताहांत में होने वाले इस आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं।
इन्दौर। इन्दौर लिटरेचर फेस्टिवल (आईएलएफ) के लिए लोगों, खास कर युवाओं में अभी से बहुत उत्सुकता है। साहित्य, कला एवं संस्कृ ति का यह महाकुं भ गुजराती स्कूल, विजय नगर के विशाल मैदान में होगा, जिसमें साठ से ज्यादा लेखक, कवि, उपन्यासकार, विचारक, नाट्यकर्मी, कलाकार एवं फिल्मी सितारे हिस्सा लेंगे।
आयोजन में दो लाख से अधिक युवक-युवतियों के पहुंचने की संभावना है। यह देश का साहित्य, कला एवं संस्कृति पर होने वाला सबसे बड़ा एवं भव्य आयोजन होगा। चूंकि यह आयोजन दीपावली के पश्चात हो रहा है, इसलिए औद्योगिक, व्यापारिक व व्यवसायिक जगत की भी इसमें रुचि बढ़ गई है। शुक्रवार, शनिवार व रविवार के सप्ताहांत में होने वाले इस आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं।
अपने आस-पास हम स्वच्छता रखेंगे तो हमारा घर ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण शहर स्वच्छ होगा
प्रकाशनार्थ
वाराणसी। आज दिनांक 3 सितम्बर, 2015 को मातृभूमि जन सेवा संस्थान द्वारा
जायका सहायतित गंगा एक्शन प्लान प्रोजेक्ट के जन जागरूकता और जन सहभागिता
के अन्तर्गत “न्यू ग्लोरियस पब्लिक स्कूल, बलुआबीर, वाराणसी” में
पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया
गया। कार्यक्रम में संस्था के कार्यकर्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण और
स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला और उनसे उन विषयों पर प्रश्न भी किए,
प्रश्नों के सही जवाब देने वाले छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन के रूप में
प्रमाणपत्र और पेन दिये गए व छात्र-छात्राओं में स्वच्छता को अपने आदत
में डालने के लिए संस्था द्वारा विद्यालय को डस्टबिन दिया गया।
Suggestions invited for Insaaf Abhiyan Uttar Pradesh. We are waiting your response. plz. respond.
इंसाफ अभियान उत्तर प्रदेश . . . आपसे मुखातिब
प्रिय दोस्त,
मुल्क की आजादी के समय हम सबने कुछ ख्वाब देखे थे। एक ऐसे देश का ख्वाब
जिसमें कोई दुखी न हो, कोई भूखा न हो। लेकिन इस ख्वाब यह आलम है कि पिछले
चालीस सालों में गेहूं का दाम सात गुना बढ़ा लेकिन सोना नब्बे गुना।
साबुन अस्सी गुना, नमक चालीस गुना और देश का हर इंसान पचास हजार रुपये का
कर्जदार है। जो मेहनत करता है, अनाज पैदा करता है वह आत्महत्या करने को
मजबूर है। सच है कि जितने ज्यादा लोग गरीब होंगे उतने ही कम लोगों का
खजाना बढ़ेगा। एक तरफ की गरीबी से दूसरी तरफ अमीरी पैदा होती है। इसीलिए
एक तरफ करोड़ों गरीब जनता है तो दूसरी तरफ मुट्ठी भर टाटा-बिरला,
अडानी-अंबानी। ये दो चार लोग सवा अरब लोगों की तकदीर तय करते हैं। गरीब
जनता को तन ढ़कने के लिए कपड़े, पेट भरने के लिए रोटी मयस्सर नहीं है तो
वहीं अंबानी जैसे लोगों के पास चार लाख स्क्वायर फिट के एंटीला जैसे महल
खड़े हैं। जिनके दरवाजों पर हमारे नेता हमारी बोली लगाने के लिए आपस में
धक्का मुक्की करते कतार में खड़ें हैं।
प्रिय दोस्त,
मुल्क की आजादी के समय हम सबने कुछ ख्वाब देखे थे। एक ऐसे देश का ख्वाब
जिसमें कोई दुखी न हो, कोई भूखा न हो। लेकिन इस ख्वाब यह आलम है कि पिछले
चालीस सालों में गेहूं का दाम सात गुना बढ़ा लेकिन सोना नब्बे गुना।
साबुन अस्सी गुना, नमक चालीस गुना और देश का हर इंसान पचास हजार रुपये का
कर्जदार है। जो मेहनत करता है, अनाज पैदा करता है वह आत्महत्या करने को
मजबूर है। सच है कि जितने ज्यादा लोग गरीब होंगे उतने ही कम लोगों का
खजाना बढ़ेगा। एक तरफ की गरीबी से दूसरी तरफ अमीरी पैदा होती है। इसीलिए
एक तरफ करोड़ों गरीब जनता है तो दूसरी तरफ मुट्ठी भर टाटा-बिरला,
अडानी-अंबानी। ये दो चार लोग सवा अरब लोगों की तकदीर तय करते हैं। गरीब
जनता को तन ढ़कने के लिए कपड़े, पेट भरने के लिए रोटी मयस्सर नहीं है तो
वहीं अंबानी जैसे लोगों के पास चार लाख स्क्वायर फिट के एंटीला जैसे महल
खड़े हैं। जिनके दरवाजों पर हमारे नेता हमारी बोली लगाने के लिए आपस में
धक्का मुक्की करते कतार में खड़ें हैं।
अंतिम व्यक्ति को संगठित कर ही होगा सर्वोदय साकार: राजगोपाल
नई दिल्ली, 2 नवम्बर 2015। हरिजन सेवक संघ, गाँधी आश्रम, दिल्ली के परिसर में चल रहे 46वाॅं अखिल भारतीय सर्वोदय सम्मेलन के दूसरे दिन का केन्द्रबिन्दु भूमि-अधिकार, अंत्योदय से सर्वोदय और विष्व षांति के लिए सर्वोदय की पहल रहा। इस समागम में भारत के अलावा दुनिया भर में षांति के लिए पहल कर रहे कनाडा, मैक्सिको, जर्मनी, नेपाल, भुटान, बर्लिन आदि देषों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। भूमि- अधिकार पर बोलते हुए एकता परिशद् के अंरर्राश्ट्रीय अध्यक्ष पी. वी. राजगोपाल ने कहा कि, सर्वोदय के दर्षन को संस्था से मुक्त कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक ले जाना होगा। सर्वोदय संस्थाओं में समेटने की चीज नहीं है।
1.11.15
आंध्र ने अमरावती नींव रख ली और हम गैरसैंण नहीं तय कर पा रहे हैं
पुरुषोत्तम असनोड़ा
उत्तर और दक्षिण में सचमुच अंतर है। न केवल जलवायु, भाषा और संस्कृति का बल्कि कार्य पद्धति का भी। आर्य सभ्यता के वंशज द्रविणों को कितना ही हेय मानें लेकिन द्रविण सभ्यता के वंशज आज की वास्तविकता में हमसे कई गुना आगे हैं। नया सवाल आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती का है। ठीक विजय दशमी के दिन आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती का शिलान्यास हो गया। एक साल पहले तक जो लोग राज्य के विभाजन पर मरने मारने को उतारु थे उन्होंने न केवल राजधानी हैदराबाद पर दावा छोडते हुए अमरावती को राजधानी बनाने का निर्णय लिया बल्कि अमरावती को नये सिरे बनाने बसाने को कार्य रुप देना प्रारम्भ कर दिया। दस साल तक हैदराबाद में संयुक्त राजधानी रहने तक वे भली प्रकार अमरावती को सजा-धजा राजधानी बना लेंगे।
उत्तर और दक्षिण में सचमुच अंतर है। न केवल जलवायु, भाषा और संस्कृति का बल्कि कार्य पद्धति का भी। आर्य सभ्यता के वंशज द्रविणों को कितना ही हेय मानें लेकिन द्रविण सभ्यता के वंशज आज की वास्तविकता में हमसे कई गुना आगे हैं। नया सवाल आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती का है। ठीक विजय दशमी के दिन आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती का शिलान्यास हो गया। एक साल पहले तक जो लोग राज्य के विभाजन पर मरने मारने को उतारु थे उन्होंने न केवल राजधानी हैदराबाद पर दावा छोडते हुए अमरावती को राजधानी बनाने का निर्णय लिया बल्कि अमरावती को नये सिरे बनाने बसाने को कार्य रुप देना प्रारम्भ कर दिया। दस साल तक हैदराबाद में संयुक्त राजधानी रहने तक वे भली प्रकार अमरावती को सजा-धजा राजधानी बना लेंगे।
चुप्पी तोड़िये प्रधानमंत्री जी!
देश चला रहे शख्स का संवेदनशील मामलों पर चुप रहना और उनके सहयोगियों की गैरजिम्मेदाराना बयानबाज़ी राष्ट्र की एकता को गंभीर क्षति पंहुचा रही है
-भंवर मेघवंशी-
आज देश के हर क्षेत्र के नामचीन लोग यह कह रहे है कि देश में सहिष्णुता का माहौल नहीं है ,लोग डरने लगे है .अविश्वास और भय की स्थितियां बन गयी है ,फिर भी सत्ता प्रतिष्ठान के अधिपति इस बात को मानने को राजी नहीं दिखाई दे रहे है .साहित्यकारों द्वारा अवार्ड लौटाए जाने को उन्होंने साज़िश करार दिया है .उनका कहना है कि ये सभी साहित्यकार वर्तमान सत्ता के शाश्वत विरोधी रहे है तथा एक विचारधारा विशेष की तरफ इनका रुझान है ,इसलिए इनकी नाराजगी और पुरुस्कार वापसी कोई गंभीर मुद्दा नहीं है .
महिला किसानों ने बनाया अपना बीज बैंक
अपना बीज बैंक में होगी देशी प्रजाति की उन्नतशील बीजें, देंगे हाईब्रीज बीजो को टक्कर
मिर्जामुराद वाराणसी . हाईब्रीज बीजों,रासायनिक दवाओं,और उर्वरकों के दामों में बेतहाशा बृद्धि और मँहगाई की मार से आजीज आ चुकी महिला किसानों ने खोला अपना बीज बैंक। जहाँ बीज बैंक में भारतीय देशी प्रजाति के सभी प्रकार के फल,सब्जी,अनाज,दलहनी,एवं,तिलहनी आदि उन्नतशील बीजों का संग्रह होगा जहाँ से किसान बीज विनिमय के माध्यम से बिना पैसे के बीज प्राप्त कर सकते है। बीज बैंक की खासियत यह है कि कोई भी किसान बैंक सदस्य बनकर मुफ्त में बीज प्राप्त कर सकता है और बदले में उसे कोई दूसरे प्रजाति का बीज बैंक में जमा करना होगा या फसल तैयार होने के बाद किसान को बीज के एवज में बीज देना होगा। अपना बीज बैंक में बीजों का क्रय विक्रय सिर्फ बीज विनिमय के माध्यम से होगा।
मिर्जामुराद वाराणसी . हाईब्रीज बीजों,रासायनिक दवाओं,और उर्वरकों के दामों में बेतहाशा बृद्धि और मँहगाई की मार से आजीज आ चुकी महिला किसानों ने खोला अपना बीज बैंक। जहाँ बीज बैंक में भारतीय देशी प्रजाति के सभी प्रकार के फल,सब्जी,अनाज,दलहनी,एवं,तिलहनी आदि उन्नतशील बीजों का संग्रह होगा जहाँ से किसान बीज विनिमय के माध्यम से बिना पैसे के बीज प्राप्त कर सकते है। बीज बैंक की खासियत यह है कि कोई भी किसान बैंक सदस्य बनकर मुफ्त में बीज प्राप्त कर सकता है और बदले में उसे कोई दूसरे प्रजाति का बीज बैंक में जमा करना होगा या फसल तैयार होने के बाद किसान को बीज के एवज में बीज देना होगा। अपना बीज बैंक में बीजों का क्रय विक्रय सिर्फ बीज विनिमय के माध्यम से होगा।
ये हैं मध्यप्रदेश के नौकरशाह : मैच देखने इंदौर आए शिवराज के मुख्य सचिव की किसानों के नाम पर जंगल सफारी..!
राजेश ज्वेल
राजे-रजवाड़े तो इतिहास के पन्नों में खुर्द-बुर्द हो गए, मगर नौकरशाहों के जलवे आज भी इन रजवाड़ों की तरह ही कायम हैं। इनमें सत्ता में बैठे राजनेताओं को भी शामिल किया जा सकता है, जिन्हें दिखावे के लिए जनप्रतिनिधि का किरदार भी किसी बेहतरीन फिल्म अभिनेता की तरह समय-समय निभाना पड़ता है। मध्यप्रदेश में चूंकि विपक्ष यानि कांग्रेस लगभग है ही नहीं, जिसका फायदा 12 सालों से भाजपा सत्ता सुख के रूप में भोग रही है।
राजे-रजवाड़े तो इतिहास के पन्नों में खुर्द-बुर्द हो गए, मगर नौकरशाहों के जलवे आज भी इन रजवाड़ों की तरह ही कायम हैं। इनमें सत्ता में बैठे राजनेताओं को भी शामिल किया जा सकता है, जिन्हें दिखावे के लिए जनप्रतिनिधि का किरदार भी किसी बेहतरीन फिल्म अभिनेता की तरह समय-समय निभाना पड़ता है। मध्यप्रदेश में चूंकि विपक्ष यानि कांग्रेस लगभग है ही नहीं, जिसका फायदा 12 सालों से भाजपा सत्ता सुख के रूप में भोग रही है।
सरकारी सुविधा और छूट पाने वाली सभी संस्थाओं को सूचना के अधिकार कानून के दायरे में लाया जाय
सूचना का अधिकार अभियान उ. प्र. की वाराणसी इकाई द्वारा आज से एक जन अभियान का प्रारम्भ किया गया जिसके माध्यम से सूचना के अधिकार का दायरा बढ़ाने की मांग की जा रही है. आज सायं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय मुख्य द्वार (लंका) पर आयोजित हस्ताक्षर अभियान के दौरान आयोजकों ने बताया की देश में सूचना का अधिकार लागू हुए 10 वर्ष पूरे हो गए. इस एक दशक में यह कानून अपने शैशवावस्था से किशोरावस्था की ओर अग्रसर है अब इसे और ताकत प्रदान किये जाने की आवश्यकता है अतः इसमें वांछित संशोधन कर के इसके अधिकार क्षेत्र को व्यापक बनाना चाहिए. किसी भी प्रकार से सरकारी सुविधा, लाभ, छूट, अनुदान प्राप्त करने वाली सभी संस्थाओं जिसमे राजनैतिक दल, सामाजिक संस्थाएं (NGOs), धार्मिक संस्थाएं, औद्योगिक घराने और मीडिया समूह शामिल हैं को भी अनिवार्य रूप से सूचना के अधिकार के अंतर्गत लाया जाना चाहिए. इससे आम जनता के टैक्स के पैसे के उपयोग के प्रति पारदर्शिता आएगी.
नदियों का अस्तित्व बचने के लिए आगे आने का अनुरोध किया गया
नदियों की दुर्दशा से व्यथित विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्त्ता, बुद्धिजीवी एवं छात्रों ने 'साझा संस्कृति मंच” के तत्वावधान में आज शाम अस्सी घाट पर परचा वितरण किया. हाथो में बैनर, तख्तियां और पर्चों के साथ नदियों के सरंक्षण के लिए सभी नागरिको को आगे आने की अपील की गयी. नदियों के सरंक्षण और पुनर्जीवन के पुनीत कार्य शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा गया कि नदी में किसी भी किसी प्रकार गंदगी न स्वयं डालें न ही किसी को डालने दें. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम केवल सरकारी योजनाओ के भरोसे बैठे नही रह सकते, इन योजनाओं से नदियों को पुनजीवित करना संभव नही होगा, आम जनता और जन प्रतिनिधियों की भागीदारी के बिना यह संभव नही होगा. वाराणसी नगर निगम द्वारा भी ‘वरुणा’ के किनारे स्थान स्थान पर लगातार कूडा डाले जाने से स्थिति गंभीर हो गयी है, पुलों के उपर से लगातार कूड़ा डम्प किया जा रहा है वहीँ तमाम नागरिकगण भी अपने घरों से पैकेट में भर कर पूजन अवशेष और अन्य सामग्रियां वरुणा और असि में डालते हैं यह कचरा अंततः गंगा में ही पहुंचता है ऐसे हम हम स्वच्छ गंगा की कल्पना बेमानी है.. नागरिको को आगे आकर नगर निगम द्वारा नदियों में कुडा डाले जाने का विरोध करना होगा.
आईएफडब्ल्यूजे के 65वें स्थापना दिवस पर परिचर्चा का आयोजन, पत्रकारों के हालात सुधारने में आईएफडब्ल्यूजे की महत्वपूर्ण भूमिका
भोपाल। इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के 65वें स्थापना दिवस पर पद्नाभ नगर स्थित आरएनएस के कार्यालय में एक गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पत्रकारिता की वर्तमान चुनौतियां विषय पर एक परिचर्चा भी आयोजित की गई। इस परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में आईएफडब्ल्यूजे के पूर्व राष्ट्रीय सचिव एवं वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा एवं जनसंपर्क के पूर्व अपर संचालक एवं प्रदीपक पत्रिका के संपादक आरएमपी सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकार एवं बुद्धिजीवी शामिल हुए। इसमें सभी ने अपने-अपने अनुभव और विचार व्यक्त किए।
65 वर्षों से पत्रकारों के हितों के लिए संघर्षरत है आईएफडब्ल्यूजे
कृष्णमोहन झा
देश के श्रमजीवी पत्रकारों का प्रतिनिधि संगठन इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट की स्थापना 28 अक्टूबर 1950 को देश के प्रख्यात पत्रकार एवं नेशनल हेराल्ड के संपादक चेलापती राव ने देश की राजधानी दिल्ली की जंतर मंतर पर की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आईएफडब्ल्यूजे को 100 रुपए का चेक प्रदान करते हुए संगठन पत्रकारों के हित में उत्कृष्ट कार्य करने की शुभकामनाएं दी थी। इन 65 वर्षों में इस संगठन ने एक ऐसे वटवृक्ष का रूप ले लिया है जिसकी शाखा संपूर्ण राष्ट्र के दुरस्थ अंचलों में पहुंचती है। फेडरेशन की सदस्य संख्या 30 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है।
देश के श्रमजीवी पत्रकारों का प्रतिनिधि संगठन इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट की स्थापना 28 अक्टूबर 1950 को देश के प्रख्यात पत्रकार एवं नेशनल हेराल्ड के संपादक चेलापती राव ने देश की राजधानी दिल्ली की जंतर मंतर पर की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आईएफडब्ल्यूजे को 100 रुपए का चेक प्रदान करते हुए संगठन पत्रकारों के हित में उत्कृष्ट कार्य करने की शुभकामनाएं दी थी। इन 65 वर्षों में इस संगठन ने एक ऐसे वटवृक्ष का रूप ले लिया है जिसकी शाखा संपूर्ण राष्ट्र के दुरस्थ अंचलों में पहुंचती है। फेडरेशन की सदस्य संख्या 30 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है।
सर्वोदय समाज का सम्मेलन आरंभ, दुनिया भर से जुटे हैं गांधीवादी
जिस देश में महिलाओं का सम्मान नहीं, वह गांधी का देश नहींः धर्माधिकारी
चुनौतियों का समाना करने के लिए गांधीवाद का रास्ता सहीः आदित्य पटनायक
नई दिल्ली। 46 वां अखिल भारतीय सर्वोदय समाज का तीनदिवसीय सम्मेलन आज से गांधी आश्रम, हरिजन सेवक संघ के परिसर में आरंभ हो गया है। इस सम्मेलन में पूरी दुनिया से पांच हजार गांधीवादी वर्तमान की चुनौतियों का मुकावला करने के रास्ते की तलाश में जुटे हैं।
भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा फ्रांस, मेक्सिको, कनाडा, सहित दुनिया के विभिन्न देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहें हैं। यह सम्मेलन तीन दिनों तक चलेगा , जिसमें विभिन्न विषयों पर मंथन होगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी।
सम्मेलन का उद््घाटन दीप प्रज्जवलित कर सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिन्देश्वर पाठक ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गांधी के रास्ते पर चलकर ही अहिंसक समाज की रचना की जा सकती है। समाज की बेहतरी और देश की संपन्नता के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
विकास के नाम पर जल, जंगल, जमीन और अन्य प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट बंद होनी चाहिए : सुभाष गाताडे
“साझा संस्कृति मंच” द्वारा आज नेपाली कोठी स्थित सभागार में आयोजित “वर्तमान संदर्भ में विकास के मायने” विषयक संगोष्ठी में आज के दौर में हो रहे विकास को पर्यावरण, गरीबो, वंचितों और आदिवासियों के विरूद्ध बताया गया. मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए प्रसिद्द जनवादी लेखक और विचारक श्री सुभाष गाताडे ने कहा कि विगत 2 दशको से जो विकास की नीतियां अपनाई जा रही हैं वह आम नागरिक के हित से अधिक पूंजीपतियों और कार्पोरेट घरानों के लिए हितकारी साबित हुयी हैं. जल, जंगल, जमीन तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों पर सत्ता की मदद से कार्पोरेट्स का कब्जा बढ़ता जा रहा है, जबकि वास्तविक स्थिति में गरीब दिनोंदिन बदहाल होता जा रहा है. इन संसाधनों पर कब्जा दिलाने के लिए सरकारें दमनकारी नीतियों पर चल रही हैं जो अत्यंत खतरनाक स्थित है. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के मुताबिक, भारत में अत्यधिक गरीबी के नीचे रहनेवाली आबादी वर्ष 2015 में घट कर 9.6 फीसदी हो गयी है. वर्ष 2012 में यह संख्या 12.8 फीसदी थी. वर्ष 1990 में जबसे विश्व बैंक ने यह आंकड़े इकट्ठा करने शुरू किये, तबसे पहली दफा ऐसी कमी दिखाई दी है. इसके बरक्स विश्व बैंक के ही मुताबिक, कुपोषित बच्चों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में नीचे की पायदान पर है .