भडास का औडिएंस ज्यादा रह हूँ, लिखा भी था पेर पुराने वाले भड़ास पेर। भड़ास पढ़ने की आदत रही है। आज इसके मेंबर लिस्ट में घन्नू झारखंडी नाम देखा तो लगा कहीं छिपा सा लेकिन एक बड़ा नाम है ये। वैसे तो झारखण्ड के लिए घनश्याम जी का नाम किसी परिचय का मुहताज नही, लेकिन नॉएडा अभी कुछ ही महीनों पहले आना हुआ है, तो अपने गुरु का एक संचिप्त परिचय जरूर करना चाहूँगा। प्रभात खबर में नए दौर के फीचेर पन्ने कि सुरुआत का श्रेय इन्ही को जाता है। घनश्याम जी ने कई संग्रहणीय अंक का प्रकाशन किया है। जबरदस्त विशन और नए जेनरेशन को समझना इन्हें बखूबी आता है, जो इनकी लेखनी में भी देखने को मिलता है। उर्जावान और नए लेखकों पर विश्वाश करने वाले घनश्याम जी ने कई पत्रकार बनाए हैं, जो आज कई बडे मीडिया हौस में काम कर रहे हैं। खुद कि मार्केटिंग से ज्यादा अपने काम पेर विश्वाश करने वाले घनश्याम जी को भविष्य के लिए सुव्काम्नाएं.
2.12.07
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1 comment:
surabh ji khooob kaha. ajkal gahnshaym ji ke snidhya me mai bhi kuch sikhne ki koshish kar raha hoo. asha karta hoo ki unse kuch gyan le pauga.
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