अब तो सभी मान गए हैं कि भड़ास फिर पूरे फार्म में आ चुका है। इसी के तहत एक और धमाका करते हुए और सभी भड़ासियों और हिंदी मीडिया के मित्रों को नए साल का तोहफा देते हुए भड़ास पर फिर से हिंदी वाले मीडियाकर्मियों के आवाजाही की खबरों का कालम शुरू कर दिया गया है। पहले भड़ास पर यह कालम कनबतियां नाम से चलता था लेकिन अबकी यह कालम बढ़ते जाना रे नाम से शुरू किया गया है। कनबतियां से आशय अफवाह का लगता था जिससे नकारात्मकता की बू आती थी। अब जो सुनते जाना रे जो नाम है वह एक सकारात्मक है और सभी हिंदी मीडियाकर्मियों के आगे बढ़ते जाने की दुवाएं देता हुआ है, जो भड़ास का मकसद भी है। आज संडे को घर पर बैठकर अपने पत्रकार मित्रों से ढेर सारी आवाजाही की खबरें इकट्ठी कीं और कुछ ब्लागों से इधर उधर से उठाया और इकट्ठा कंपाइल कर भड़ास पर डाल दिया। आप सभी मित्रों से अनुरोध है कि पिछली बार की तरह इस बार भी पत्रकारों की आवाजाही के कालम को अपना पूरा सहयोग दें और आप में से किसी को कोई भी पक्की खबर पता हो तो उसे मेरे मोबाइल नंबर पर एसएमएस कर दें या मेरी मेल आईडी पर मेल कर दें।
आज जब मीडिया से जुड़ी खबरें लिखने बैठा तो मुझे खुद भी इतनी सारी नई खबरें मिलीं की आश्चर्यचकित हो गया। लगा, वाकई, मैं काफी कुछ नहीं जानता था। इस कालम के शुरू होने से सभी हिंदी मीडियाकर्मी अपडेट तो रहेंगे ही, मैं भी नई हलचलों से वाकिफ रहूंगा।
बाईं ओर बढ़ते जाना रे कालम को देखें और अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएं।
यशवंत सिंह
999933oo99
yashwantdelhi@gmail.com
30.12.07
भड़ासियों को नए साल का तोहफा
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